भारी विरोध के कारण फिर टली रामकी कंपनी की जनसुनवाई
लखनपुर मौज़ा में रामकी नामक कंपनी के प्रस्तावित प्लांट के लिए होने वाली जनसुनवाई फिर टालनी पड़ी है।
By JagranEdited By: Updated: Sun, 12 Jun 2022 04:01 AM (IST)
भारी विरोध के कारण फिर टली रामकी कंपनी की जनसुनवाई
संसू, ब्रजराजनगर : झारसुगुड़ा जिले के लखनपुर मौज़ा में रामकी नामक कंपनी के प्रस्तावित कचरा प्रबंधन, संरक्षण तथा निष्कासन प्लांट के लिए होने वाली जनसुनवाई को भी एकबार फिर प्रशासन द्वारा स्थगित करने के लिए बाध्य होना पड़ा है। शुक्रवार को लखनपुर के समलेश्वरी मैदान में इस जनसुनवाई के लिए प्रशासन द्वारा पूरा बंदोबस्त किया गया था। लेकिन जनसुनवाई में पहुंचे सैकड़ों ग्रामीणों के भारी विरोध तथा कंपनी के विरुद्ध हुई नारेबाजी के कारण प्रशासन को इसे निरस्त करना पड़ा। लोगों में असंतोष इतना अधिक था कि उत्तेजित लोगों ने रामकी कंपनी के अधिकारियों पर दौड़ा दौड़ा कर हमला करने से भी नहीं चूके। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत झारसुगुड़ा के अतिरिक्त जिलाधीश प्रबीर कुमार नायक, जिला क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी हिरण्य नायक, लखनपुर प्रखंड विकास अधिकारी संजीव पटेल, तहसीलदार विश्वकेशन पांडे इत्यादि द्वारा इस सुनवाई के आयोजन का प्रयास किया था। लेकिन क्षेत्रवासियों में इस जनसुनवाई का प्रबल विरोध देखा गया तथा कंपनी के विरोध में नारेबाजी करते हुए इसे रद करने के लिए अड़े थे। स्थिति को भांपते हुए अतिरिक्त जिलाधीश नायक को इसे रद करने की घोषणा कर दी। कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए ब्रजराजनगर एडीपीओ गुप्तेश्वर भोई, उप पुलिस अधीक्षक वैकुंठ बिहारी सेठ, लखनपुर थाना प्रभारी दुखींद्र साहू इत्यादि दल बल सहित सुनवाई स्थल पर मौजूद थे। लोगों मे उत्तेजना इतनी अधिक थी कि जनसुनवाई रद होने के बाद भी लोगो ने कंपनी के अधिकारियों की दौड़ा दौड़ा कर पिटाई किए जाने की खबर है। ज्ञात हो कि रामकी कंपनी के प्लांट के लिए अतीत में तीन बार जनसुनवाई कार्यक्रम को रद किया जा चुका है। पिछले 26 अप्रैल को कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुनवाई रद की थी। इससे पहले 24 जनवरी को होने वाली जन सुनवाई को पंचायत चुनाव को लेकर जारी आदर्श चुनाव संहिता के कारण रद किया गया था। इसी तरह 27 अगस्त 2021 को इसी जगह पर जनसुनवाई का आयोजन किया गया था। तत्कालीन बीडीओ, तहसीलदार, ब्रजराजनगर एसडीपीओ, लखनपुर थाना प्रभारी आदि की उपस्थिति में तत्कालीन अतिरिक्त जिलाधीश प्रदीप साहू तथा आंचलिक प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी हिरण्य नायक द्वारा जनसुनवाई करने का प्रयास किया गया था। लेकिन क्षेत्रवासियों के द्वारा रामजी कंपनी का विरोध किए जाने के करण तत्कालीन अतिरिक्त जिलाधीश ने इसे रद कर दिया था।
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