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शहर की श्रेया के-पप आर्टिस्ट के फाइनल में

श्रेया लेंका ने झारसुगुड़ा ही नहीं बल्कि समग्र भारत वर्ष के लिए गौरव बढ़ाया है। वह वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर के-पप आर्टिस्ट दौड़ फाइनल में जगह बनाई है।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 01 Feb 2022 09:23 AM (IST)
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शहर की श्रेया के-पप आर्टिस्ट के फाइनल में

संवाद सूत्र, झारसुगुड़ा : श्रेया लेंका ने झारसुगुड़ा ही नहीं बल्कि समग्र भारत वर्ष के लिए गौरव बढ़ाया है। वह वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर के-पप आर्टिस्ट दौड़ फाइनल में जगह बनाई है। कोरिया के म्युजिक लेवल तियार म्युजिक द्वारा मनोनित श्रेया एकमात्र एशियाई है। श्रेया दिसंबर माह से कोरिया में रह कर प्रशिक्षण प्राप्त करने के साथ प्रसिद्ध के-पप बालिका समूह ब्लास्टर में पांचवीं सदस्य के रूप में शामिल होने के लिए ब्राजील रवाना हुई हैं। वहां ग्राब्रियल तालसीना के साथ प्रतिद्वंद्विता कर रही है। 18 वर्षीय श्रेया की झारसुगुड़ा से कोरिया तक की यात्रा के पीछे उनके माता पिता व परिवार कि बड़ी भूमिका रही है। झारसुगुड़ा के शीतल कालोनी में रहने वाले उनके पिता अविनाश लेंका एक निजी कंपनी में काम करते है। वहीं मां प्रियतमा समाज सेवा में लगी हैं। श्रेया का जन्म राउरकेला में हुआ था और वह वर्ष 2007 से झारसुगुड़ा में परिवार के साथ रह रही है। श्रेया झारसुगुड़ा डीएवी स्कूल में मैट्रिक तक पढ़ने के बाद झारसुगुड़ा महिला महाविद्यालय में इंटर में प्रथम श्रेणी में अध्ययनरत है। श्रेया झारसुगुड़ा स्थित स्टेट टु रिदम से जुड़कर नृत्य की शिक्षा लाभ करने के साथ अन्य संगीत प्रशिक्षकों से भी प्रशिक्षण प्राप्त कर राज्य व राज्य के बाहर कई प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त कर चुकी है। श्रेया को हिदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में पारंगत है। दो वर्ष पहले ही श्रेया ने कोरियन भाषा सीखा है। आनलाइन आडिशन में विश्व के चार हजार प्रतिभागियों में आस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्राजील थे। इनसे मुकाबला कर फाइनल में जगह बनायी है। पांचवें सदस्य के रूप में उनका मुकाबला ब्राजील की प्रतिभागी के साथ है। इसके लिए श्रेया ने अपना अभ्यास जारी रखा है। नृत्य के साथ संगीत, गीत, योग आदि में भी श्रेया काफी आगे हैं। लगातार राज्य व आंचलिक स्तर पर श्रेया कि निरंतर सफलता ने आज उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दिया है। श्रेया की सफलता से सबसे अधिक खुश उसके पिता अविनाश लेंका है। उन्होंने कहा कि आज बेटी की वजह से उनको सम्मान व पहचान मिल रहा है। इसको शब्दों में बयां नहीं कर सकते। झारसुगुड़ा के विभिन्न संगठनों ने भी उसकी सफलता के लिए कामना की है।

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