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समासिगा पंचायत में बुनियादी सुविधाओं का अभाव

झारसुगुड़ा जिला के कोलाबीरा ब्लाक अंतर्गत सामासिघा पंचायत में 2017 में ओडिशा के पांच स्मार्ट गांव में सामासिघा पहले स्थान पर था। इसके लिए इसे स्वतंत्र अनुदान भी मिला था। ्रअनुदान ठेकेदार के पाकेट में चला गया एवं ग्रामीणों के हिस्से कुछ नहीं आया। मेगा जलापूर्ति परियोजना के बाद भी लोगों के खेतों व घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 25 Jan 2022 08:00 AM (IST)
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समासिगा पंचायत में बुनियादी सुविधाओं का अभाव

संवाद सूत्र, झारसुगुड़ा : झारसुगुड़ा जिला के कोलाबीरा ब्लाक अंतर्गत सामासिघा पंचायत में 2017 में ओडिशा के पांच स्मार्ट गांव में सामासिघा पहले स्थान पर था। इसके लिए इसे स्वतंत्र अनुदान भी मिला था। ्रअनुदान ठेकेदार के पाकेट में चला गया एवं ग्रामीणों के हिस्से कुछ नहीं आया। मेगा जलापूर्ति परियोजना के बाद भी लोगों के खेतों व घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।

सामासिघा कोलाबीरा का सबसे बड़ा पंचायत है। इसका गठन वर्ष 1961 में किया गया था। वर्ष 2000 में इसको दो भाग में विभक्त कर कुलिहामाल को नया पंचायत बनाया गया। 26 जनवरी 1961 को गठित कोलाबीरा ब्लाक पहले कोलाबीरा, सोडामाल, सामासिघा, झिरलापाली व परमानपुर को ले कर गठित हुआ था। बाद में कुलिहामाल,पोखरासालेह,केल्डामाल व रघुनाथपाली को मिला कर ब्लाक में नौ पंचायत हुए। इन सभी में सबसे बड़ा पंचायत सामासिघा है। गत पंचायत चुनाव में यहां से हेमंत कुमार साहु सरपंच बने थे। उनके पहले राजलक्ष्मी सेठ व तुलाराम सेनापति भी यहां से सरपंच रहे थे। इस बार यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। इस बार सरपंच पद के लिए सात उम्मीदवार मैदान में हैं। सामासिघा पंचायत में तीन गांव में पानी का संकट है, जिससे खेती के लिए पानी की समस्या लगी रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए भेडन नदी में मेगा लिफ्ट एरिगेशन परियोजना पर काम हुआ। उक्त परियोजना से पर्याप्त मात्रा में पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। इस कारण लोगों को काफी परेशानी होती है। वहीं कुलता सामासिघा गांव कि सड़क भी जर्जर है। गांव के लोगों को नदी तक जाने के लिए एक रास्ता भी नहीं है। गांव के मंझीपारा व मंदिर पारा में भी पक्का रास्ता नहीं है। सामासिघा मूढ़ी मिल से कालोबंध तक बने ड्रेन व छोटे खेल मैदान के लिए स्थान चयन में भी भेदभाव होने से लोगों में आक्रोश है। हरिजनपारा में समाधी पीठ के स्थान व काजू बगीचा को उजाड़ कर मैदान बनाने का भी विरोध हो रहा है। गांव में घर-घर पानी सप्लाई के लिए पाइप बिछाने कंक्रीट सड़कों को गोद दिया गया है। मगर फिर इसकी मरम्मत नहीं की गई है। गांव के बीच से रांची जाने वाली सड़क पर हमेशा दुर्घटना का भय बना रहता है। साप्ताहिक बाजार को हटा कर शराब भट्ठी के पास स्थानांरित किये जाने से लोगों में काफी आक्रोश है। यदि समय रहते सरपंच ने ध्यान दिया होता तो पूर्व के स्थान से साप्ताहिक बाजार नहीं हटता।

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