बीजू जनता दल (बीजद) की पूर्व विधायिका सुनंदा दास ने औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गईं। उन्होंने बीजद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था कथित तौर पर पार्टी में उपेक्षा के कारण। विपक्षी बीजद और कांग्रेस ने कंधमाल जिले में आम की गुठली खाने से हुई मौत को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की। बीजद ने खाद्य आपूर्ति मंत्री कृष्णचंद्र पात्र के इस्तीफे की मांग की।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर।
बीजू जनता दल (बीजद) छोड़ने जाजपुर जिले के बरी विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायिका सुनंदा दास बुधवार को औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गईं।
सुनंदा दास ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन समल की मौजूदगी में अपने कई समर्थकों के साथ प्रदेश कार्यालय में भाजपा में शामिल हुई।
दास को 2019 में बीजद उम्मीदवार के रूप में बरी से विधायक चुना गया था।
हालांकि, पिछले चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। ऐसी चर्चा थी कि सुनंदा पार्टी छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल होंगी।
गौरतलब है कि बरी की पूर्व विधायिका सुनंदा दास ने हाल ही में बीजद छोड़ दिया था।उन्होंने पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था।
इसलिए बीजद से नाराज थीं सुनंदा
उन्होंने पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक को अपना इस्तीफा
भेज दिया था।
सुनंदा ने कहा था कि वह पार्टी में उनकी उपेक्षा हो रही थी। उन्हें हमेशा नजरअंदाज किया गया। पिछले चुनाव में उन्हें मैदान में नहीं उतारा गया था।उन्हें पांच महीने तक पार्टी के कार्यक्रमों में भी शामिल नहीं किया गया।
वह स्वतंत्रता सेनानियों की मिट्टी बरी के लोगों के सुख-दुख में शामिल होकर उनकी सेवा पहले की तरह करेंगी। उन्होंने कहा कि वे उनकी आवाज बनी रहेंगी।
2019 में, दास को बीजद उम्मीदवार के रूप में बंरी से विधायक के रूप में चुना गया था, लेकिन पिछले चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था।कहा जाता है कि सुनंदा के पार्टी छोड़ने के बाद कई अन्य असंतुष्ट नेता पार्टी छोड़ दिए है। चर्चा है कि वे भी भाजपा में शामिल होंगे।
विरोधी दलों ने मांगा आपूर्ति मंत्री का इस्तीफा
विपक्षी बीजू जनता दल और कांग्रेस ने कंधमाल जिले के दरिंगीबाड़ी में आम की गुठली खाने से हुई मौत को लेकर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की है। बीजद ने इस घटना के सिलसिले में खाद्य आपूर्ति मंत्री कृष्णचंद्र पात्र के इस्तीफे और उनकी गिरफ्तारी की मांग की है।अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर के लिए चावल अक्टूबर में आने वाला था, लेकिन कंधमाल का मामला सामने आने के बाद सरकार ने चावल वितरित किया। सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों की उपेक्षा की है।
मुख्यमंत्री को मंत्रिपरिषद में आदिवासी मंत्री के साथ आगे आना चाहिए और बताना चाहिए कि आम आदिवासियों का पारंपरिक भोजन है क्या आम की गुठली है।बीजद प्रवक्ता लेखश्री समंतसिंहार ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि गरीब लोगों तक पहले पहुंचने वाली चावल की प्रणाली चार महीने के भीतर कैसे ध्वस्त हो गई।यह लोगों तक क्यों नहीं पहुंचा? अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर के लिए चावल अक्टूबर में आने वाला था, लेकिन कंधमाल का मामला सामने आने के बाद सरकार ने चावल वितरित किया। सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों की उपेक्षा की है।
राज्य सरकार के मंत्री अपने-अपने कामकाज में व्यस्त हैं। आम आदमी की समस्याओं के समाधान से उन्हें कुछ भी नहीं लेना देना है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्रीकांत जेना ने कहा है कि कानून के मुताबिक राज्य सरकार को सभी लोगों को चावल देना चाहिए। अक्टूबर के कोटा में देरी क्यों हुई?मंत्री ने कहा था कि आम की गुठली खाना उनका दैनिक आहार है। हमने मंत्री की टिप्पणी का विरोध किया है और उनके इस्तीफे की मांग की है। आरडीसी अभी तक नहीं गए हैं। कल केवल कलेक्टर गए थे।इस तरह की गैरजिम्मेदारी के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
इसकी जांच किसी मौजूदा न्यायाधीश द्वारा न्यायिक रूप से की जानी चाहिए। सरकार ने अक्टूबर महीने के लिए चावल क्यों बंद कर दिया? अंत्योदय योजना के अनुसार तीन माह का चावल देना चाहिए। हम कल राज्यपाल से मिले और तुरंत अक्टूबर महीने के लिए चावल देने का आदेश दिए।
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