Odisha News: बीच रास्ते में महिला की बेबसी देख ओडिशा के राज्यपाल ने रूकवाया अपना काफिला, पैदल ही पहुंचे उसके घर; फिर कलेक्टर को लगा दिया फोन
Odisha News राष्ट्रपति एवं राज्यपाल का जब काफिला चलता है तो सुरक्षा के तगड़ इंतजाम होते हैं ताकि उनके साथ किसी भी प्रकार की कोई अनहोनी ना हो।ऐसी ही व्यवस्था शनिवार को भी ओडिशा के केन्द्रापड़ा जिले में राज्यपाल के दौरे को देखते हुए की गई थी। हालांकि इस बीच एक महिला राज्यपाल के काफिले को देख बेबसी अंदाज में हाथ हिलाकर काफिले को रोकने के लिए इसारा करती है।
शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। Bhubaneshwar News: राष्ट्रपति एवं राज्यपाल का जब काफिला चलता है तो सुरक्षा के तगड़ इंतजाम होते हैं ताकि उनके साथ किसी भी प्रकार की कोई अनहोनी ना हो। ऐसी ही व्यवस्था शनिवार को भी ओडिशा के केन्द्रापड़ा जिले में राज्यपाल के दौरे को देखते हुए की गई थी।
हालांकि, इस बीच एक महिला सड़क आ जाती है और राज्यपाल के काफिले को देख बेबसी अंदाज में हाथ हिलाकर काफिले को रोकने के लिए इसारा करती है। यह दृश्य देखते ही ओडिशा के राज्यपाल रघुवार दास ने तुरन्त अपने काफिले को रोकने का निर्देश दिए और खुद कार से उतरकर महिला के पास पहुंचे।
उसकी बात सुनी तो सच्चाई जानने के लिए उसके साथ उसके घर पहुंच गए। टूटे-फूटे झोपड़े को देख राज्यपाल भी आश्चर्यचकित हो गए और तुरन्त केन्द्रापड़ा के जिला कलेक्टर को फोन कर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मुहैया कराने का निर्देश दिया।
जानाकरी के मुताबिक राज्यपाल रघुवर दास जजांग गांव में एक कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे। इसी दौरान गांव की एक महिला सस्मिता त्रिपाठी ने राज्यपाल के काफिले को देख हाथ जोड़कर रुकने की गुहार लगाई और बताया कि वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकारी दफ्तरों का कई बार चक्कर लगा चुकी है, मगर किसी ने मेरी नहीं सुनी।
हर जगह से निराश होने के बाद हम जर्जर मिट्टी के घर रहती हूं। महिला की बात सुनने के बाद राज्यपाल रघुवर दास कार से उतरे और सस्मिता त्रिपाठी की बात सुनी। सस्मिता त्रिपाठी ने हाथ जोड़कर कहा कि महोदय एक बार मेरे घर को देख लो...।
महिला की दुख भरी बात सुनने के बाद राज्यपाल भीड़ के बीच पैदल ही सस्मिता त्रिपाठी के घर पहुंचे। घर की तस्वीर देखी। जिस घर में सस्मिता त्रिपाठी और उनका परिवार रहता है।
सस्मिता त्रिपाठी का परिवार जिस घर में रहता है, वह मिट्टी की दीवार पर बना हुआ है। जिनकी दीवारों में दरार आ गई है। घर के अंदर दिन में सूरज, रात में चांद दिखाई देता है।टूटी छत पर पॉलीथिन का टुकड़ा पड़ा हुआ है। पूरा परिवार इसमें रहता है। राज्यपाल ने सस्मिता त्रिपाठी का घर देखकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने जिला कलेक्टर को फोन किया और उनसे घर के बारे में पूछा।राज्यपाल ने जिला कलेक्टर से सस्मिता त्रिपाठी को जल्द से जल्द घर उपलब्ध कराने के लिए कहा। राज्यपाल ने बाद में गांव की कुछ अन्य महिलाओं से भी बात की। उन्होंने उनके सुख-दुख सुने।
जजांग गांव में सस्मिता त्रिपाठी से मुलाकात से पहले राज्यपाल ने तुलसी क्षेत्र के पूज्य देवता श्री सिद्ध बलदेवजिउ के दर्शन किए और उनका आशीर्वाद लिया। इसके बाद राज्यपाल ने जजांग गांव में आंगनवाड़ी केंद्र का दौरा किया।उन्होंने पूछा कि कुपोषण को रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर छोटे बच्चों के लिए क्या व्यवस्था की गई है। जजांग गांव से राज्यपाल पटामुंडाई गए। यहां पर कुछ सराकरी कार्यक्रम में भाग लिए। इसके बाद स्वयं सहायक गोष्ठी की महिलाओं के साथ चर्चा की। सरकारी योजनाओं के बारे में महिलाओं से बात की।
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