Jagannath Temple: वैष्णो देवी की तर्ज पर दिव्यांग भी कर सकेंगे भगवान जगन्नाथ के दर्शन, विशेष झूले होंगे तैयार
Jagannath Temple Puri उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रंबंध समिति ने दिव्यांगों को झूले से दर्शन कराने का निर्णय लिया है। उनके दर्शन के लिए एक विशेष पोर्टल खोला जाएगा। जिसपर दिव्यांग दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। अमरनाथ व वैष्णव देवी में जिस प्रकार से भक्त झूले में जाकर दर्शन करते हैं, उसी तर्ज पर पुरी जगन्नाथ मंदिर में दिव्यांगों को दर्शन कराने की व्यवस्था की जाएगी। उनके लिए इसी तरह के झूले का डिजाइन किया जाएगा।
बता दें कि पुरी जगन्नाथ मंदिर में व्हील चेयर ले जाना परंपरा के खिलाफ है, इसलिए दिव्यांगों को उत्तरी द्वार से झूला के माध्यम से दर्शन के लिए ले जाने की योजना बनाई गई है। यह जानकारी मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य दुर्गा प्रसाद दासमहापत्रा ने दी है।
दुर्गा प्रसाद दासमहापत्रा ने कहा कि इस संदर्भ जो बैठक हुई है, वह अभी प्रारंभिक बैठक है। बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि दिव्यांग किस प्रकार श्रीमंदिर के आचार-विचार और परंपरा के आधार पर भगवान के दर्शन कर सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक पुरी जगन्नाथ मंदिर में दिव्यांगों के दर्शन की व्यवस्था करने के उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मंदिर प्रशासन ने पुरी जिले के विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के साथ बैठक की है। बैठक में दिव्यांग मंदिर में अनुशासित ढंग दर्शन किस प्रकार से कर सकेंगे, इस पर आवश्यक प्रतिक्रिया और सुझाव लिए गए।
विशेष झूले होंगे तैयार
मंदिर में भीड़ कम होने पर दिव्यांगों को झूले में ले जाकर जय विजय द्वार से भगवान के दर्शन कराने की योजना बनाई गई है। इसके लिए विशेष झूले तैयार करने का निर्णय लिया गया है। दर्शन के लिए दिव्यांगों की संख्या सीमित रखने और एक विशिष्ट समय सीमा तय करने का निर्णय लिया गया है। इसी हिसाब से स्टैंडर्ड आपरेशन प्रोसिजियोर अर्थात उच्च मानक प्रणाली (एसओपी) तैयार करने का निर्णय लिया गया है।
दिव्यांगों के दर्शन के लिए खोला जाएगा विशेष पोर्टल
बैठक में लिए गए निर्णय के मुताबिक दिव्यांग व्यक्ति जगन्नाथ मंदिर के उत्तरी द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे और जय द्वार और विजय द्वार से वे महाप्रभु के दर्शन करेंगे। इससे अन्य श्रद्धालुओं को भी दर्शन में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। दिव्यांगों के दर्शन के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से एक विशेष पोर्टल खोला जाएगा।
पोर्टल पर कराना होगा रजिस्ट्रेशन
जो दिव्यांग दर्शन करना चाहते हैं, वे पोर्टल के माध्यम से अपना नाम ऑनलाइन पंजीकृत कर सकते हैं। जो लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकते, उनके लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम होगा।
रजिस्ट्रेशन के समय वे नाम, उम्र, वजन, विकलांगता प्रमाण पत्र आदि देंगे। यह व्यवस्था उन लोगों पर लागू होगी, जो चलने-फिरने में असमर्थ हैं। दैनिक दर्शन के लिए विकलांग व्यक्तियों की संख्या सीमित रहेगी। दिव्यांगों को किस समय और कितने समय तक दर्शन की अनुमति रहेगी, यह तय किया जाएगा। प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति के साथ एक अटेंडेंट के जाने की अनुमति होगी।
विश्राम के लिए होगी शेड की व्यवस्था
इससे पहले, पश्चिमी द्वार से प्रवेश करने की योजना थी। हालांकि, पश्चिमी गेट की सीढ़ियां ऊंची हैं और चढ़ना मुश्किल है, इसलिए दिव्यांगों को उत्तरी गेट से प्रवेश करने की अनुमति देने की योजना है। उत्तरी द्वार पर दिव्यांगों के विश्राम के लिए एक शेड की भी व्यवस्था की जाएगी।
दर्शन खत्म होने के बाद दिव्यांग वहीं विश्राम करेंगे। नतीजतन, परिवार के सदस्यों को अब मंदिर के अंदर खोज नहीं करनी पड़ेगी। दिव्यांगों को झूले में लेने के लिए बोझिया की नियुक्ति की जाएगी। इस संदर्भ में बहुत जल्द ही दिव्यांगों से संबंधित विभिन्न संगठनों से चर्चा की जाएगी। दास मोहपात्रा ने कहा है कि श्रीमंदिर की प्रबंध समिति की बैठक में आज जो निर्णय लिया गया है, उसे अंतिम रूप दिया जाएगा।