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Puri Rath Yatra: 'भीड़ में सांसें थमने लगी थीं, आंखों के सामने एक जान चली गई...' रथयात्रा में शामिल श्रद्धालु ने कांपती आवाज में बताया

ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में करीब 400 भक्त घायल हो गए। वहीं एक श्रद्धालु की मौत हो गई। भगदड़ में घायल श्रद्धालुओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से कई श्रद्धालुओं को मामूली चोट आई हैं। मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Mon, 08 Jul 2024 06:00 AM (IST)
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पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान भगदड़ मच गई। इसमें करीब 400 भक्त घायल हो गए।
जागरण संवाददाता, पुरी। हम रथ के पास ही थे। सब जय जगन्नाथ के जयकारे लगा रहे थे, रथ को खींचने के लिए बेताब थे। अचानक भीड़ में धक्का-मुक्की बढ़ गई। हमें लगा कि शायद रथ आगे बढ़ रहा होगा, लेकिन फिर चीखें सुनाई दीं। रथयात्रा में शामिल सुंदरगढ़ से आए एक श्रद्धालु ने कांपती आवाज में बताया।

प्रत्यक्षदर्शी ने बताया- कैसे मची भगदड़

उन्होंने बताया, लोग चिल्ला रहे थे कि एक आदमी बेहोश हो गया है। भीड़ इतनी थी कि किसी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है। हमने देखा कि कुछ लोग एक आदमी को भीड़ से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे। उसका चेहरा नीला पड़ गया था। पास में ही खड़े एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हमें बाद में पता चला कि उसकी दम घुटने से मौत हो गई। ये सब इतनी जल्दी हुआ कि किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिला। हम सब भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना कर रहे थे कि उसकी आत्मा को शांति दें।

हादसे के बाद कुछ समय के लिए रथयात्रा में शामिल श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। लोग अपने-अपने घरों की ओर जाने लगे। हालांकि, प्रशासन ने तुरंत मोर्चा संभाला और स्थिति को नियंत्रित किया।सेंट जान एम्बुलेंस सेवा के असिस्टेंट कमांडेंट सुशांत कुमार पटनायक ने बताया, मृत व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट नहीं हुआ था और उसकी नब्ज चल रही थी। हम उसे तुरंत एम्बुलेंस में अस्पताल ले गए और उसे सीपीआर दिया।

हालांकि, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस वर्ष यह उत्सव दो दिवसीय है, जो 53 वर्षों में पहली बार है कि रथयात्रा दो दिनों तक चलेगी। रविवार को भगवान जगन्नाथ, भगवान बालभद्र और देवी सुभद्रा के रथों को श्रद्धालुओं ने खींचकर गुंडिचा मंदिर की ओर रवाना किया। इससे पहले, मंगला आरती और अन्य वैदिक रीति-रिवाजों के बाद रविवार को दोपहर लगभग 2:15 बजे पहंडी की रस्म पूरी हुई। इस दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

हादसे के वक्त निकल चुकी थी राष्ट्रपति

इसके पूर्व पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दूसरे दिन लाखों श्रद्धालुओं ने रथ खींचकर गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी रथों की परिक्रमा की और देवताओं के दर्शन किए। इसके बाद वह निकल गई। इसके बाद शंकराचार्य के रथों के दर्शन और पारंपरिक छेरा पहंरा अनुष्ठान के बाद लाखों श्रद्धालुओं ने रथों को खींचना शुरू किया।

शाम करीब 5.20 बजे रथ खींचना शुरू हुआ। इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी मुख्य जगन्नाथ रथ को जोड़ने वाली रस्सियों को खींचकर प्रतीकात्मक रूप से रथयात्रा में भाग लिया। विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने भी भाई-बहन के देवताओं के दर्शन किए। हजारों लोगों ने भगवान बलभद्र के लगभग 45 फीट ऊंचे लकड़ी के रथ को खींचा। इसके बाद देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथों को श्रद्धालुओं ने गुंडिचा मंदिर की ओर खींचना शुरू किया।

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