Raksha Bandhan 2022: भगवान जगन्नाथ को बंधी राखी, मना रक्षाबंधन पर्व
Raksha Bandhan 2022 पुरी में रक्षाबंधन के अवसर पर भगवान जगन्नाथ और बलभद्र को सुभद्रा ने राखी बांधी और महाप्रभु से आजीवन रक्षा का वचन लिया है। इस राखी को श्रीमंदिर के पतारा बिसोई सेवकों ने तैयार किया था।
By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Thu, 11 Aug 2022 03:18 PM (IST)
पुरी, जागरण संवाददाता। Raksha Bandhan 2022: ओडिशा के पुरी में रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के अवसर पर वीरवार को भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) और बलभद्र को सुभद्रा ने राखी बांधी और महाप्रभु से आजीवन रक्षा का वचन लिया है। इस राखी को श्रीमंदिर के पतारा बिसोई सेवकों ने तैयार किया था। पतारा बिसोई सेवक भगवान जगन्नाथ के लिए लाल और पीले रंग की राखी और उनके बड़े भाई के लिए नीले और बैंगनी रंग की राखी तैयार की थी। रक्षाबंधन पर्व भी मनाया गया।
सेवक आमतौर पर मंदिर प्रशासन द्वारा प्रदान किए गए 'बासुंगा पाटा' का उपयोग करके देवताओं के लिए चार राखियां तैयार करते हैं। उन्होंने 'बासुंगा पाटा' को काटा और उन्हें एक-दूसरे के ऊपर संकेंद्रित वृत्तों में सिल दिया, जिसमें सबसे कम डिस्क सबसे बड़ी थी। गौरतलब है कि आमतौर पर श्रीमंदिर में चीतालागी नीति संपन्न होने के तुरंत बाद राखी और सुपारी के हार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। रक्षाबंधन से दो दिन पहले ही राखी तैयार कर ली जाती है।
राखी से पहले मिले बिछड़े भाई और बहन
वर्षों पहले मां की वजह से बिछड़े भाई और बहन को, संबलपुर की बुर्ला पुलिस और संबलपुर के सखी वन स्टाप सेंटर ने मिला दिया है। मंगलवार को बहन के बारे में सूचना मिलने के बाद झारसुगुड़ा जिला के रेंगालपाली इलाके में रहने वाला उसका भाई संबलपुर पहुंचा और अपनी छोटी बहन को साथ लेकर वापस गांव लौट गया।झारसुगुड़ा जिला के रेंगालपाली इलाके में रहने वाले एक परिवार के मुखिया का पैर एक सड़क हादसे में टूट गया था। परिवार आर्थिक तंगी में दिन गुजार रहा था। इसी दौरान परिवार के मुखिया की पत्नी मध्य प्रदेश के एक ट्रक चालक के साथ प्रेम कर बैठी और अपनी तीन बेटियों को साथ लेकर उसके साथ चली गई। गांव में उसका पति और बेटा रह गए।
बताते हैं कि मध्य प्रदेश के सागर जिला में ट्रक चालक के साथ अपना घर बसाने के बाद महिला ने अपनी बड़ी बेटी का विवाह ट्रक चालक के भाई के साथ कर दिया और मझली बेटी को 30 हजार रुपये लेकर अन्य एक व्यक्ति के पास भेज दिया। महिला ने अपनी तेरह वर्षीय छोटी बेटी का भी सौदा एक व्यवसायी से करने लगी। इसका पता चलने के बाद छोटी बेटी किसी तरह सागर से भाग निकली और ट्रेन में सवार होकर संबलपुर पहुंच गई। बीते छह अगस्त को बुर्ला पुलिस ने उसे हीराकुद स्टेशन में लावारिस हालत में भटकते देख थाना लाई और पूछताछ के दौरान उसकी आपबीती सुनने के बाद उसे संबलपुर स्थित सखी वन स्टाप सेंटर भेज दिया था। सेंटर की ओर से पूछताछ के बाद छोटी बेटी के भाई से संपर्क किया गया और उसे बहन के बारे में बताया गया। उसका भाई मंगलवार को संबलपुर पहुंचा और वर्षों पहले बिछड़ी बहन को साथ लेकर वापस अपने गांव लौट गया।
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