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आडिट में पकड़ी गई जिला सहकारिता बैंक में सर्विस रूल का उल्लंघन कर नियुक्ति, सवा करोड़ रुपये वसूली का निर्देश

2021-22 की आडिट में इसे अवैध करार दिया गया है एवं 1 अप्रैल 2018 से मई 2021 तक बैंक से वेतन के एवज में हुई एक करोड़ 25 लाख 58 हजार 412 रुपये की निकासी की वसूली करने का निर्देश दिया गया है।

By Mahendra MahatoEdited By: Vinay Kumar TiwariUpdated: Sat, 15 Oct 2022 04:05 AM (IST)
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बैंक की नई नियमावली के अनुसार आउट सोर्सिंग पर नियुक्ति नहीं जा सकती है।
राउरकेला, जागरण संवाददाता। सुंदरगढ़ जिला केंद्रीय सहकारिता बैंक में 2011 सर्विस रूल का उल्लंघन कर कर्मचारी एवं प्रबंधन परिषद निदेशकों के द्वारा आउट सोर्सिंग के जरिए नियुक्ति दी गई थी। 2021-22 की आडिट में इसे अवैध करार दिया गया है एवं 1 अप्रैल 2018 से मई 2021 तक बैंक से वेतन के एवज में हुई एक करोड़ 25 लाख 58 हजार 412 रुपये की निकासी की वसूली करने का निर्देश दिया गया है।

बैंक की नई नियमावली के अनुसार आउट सोर्सिंग पर नियुक्ति नहीं जा सकती है। चतुर्थ श्रेणी में स्थानीय को काम दिया जा सकता है पर यहां जिले के बाहर के लोगों को आउट सोर्सिंग का काम दिया गया था। सहकारिता बैंक के निर्देश तथा 2011 सर्विस रूल के अनुसार आउट सोर्सिंग पर नियुक्ति को बंद कर दिया गया है। आउट सोर्सिंग के जरिए बैंक में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आवश्यकता पड़ने पर रखे जा सकते हैं।

नियम का उल्लंघन कर यहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के बहाने एफएलसी काउंसलर, कंप्यूटर आपरेटर, एकाउंटेंट समेत 27 पदों पर नियुक्ति दी गई है। सर्विस रूल का उल्लंघन कर नियुक्ति देन व वेतन के रूप में बैंक में हुई निकासी पर आडिट अधिकारी तथा बैंक प्रबंधन के प्रभारी तथा डीआरसीएस को जानकारी दी गई है।

बैंक के सीईओ के रूप में रंजन पटेल के कार्यभार संभालने के बाद बैंक की राशि की भरपाई करने के लिए नोटिस जारी करने के साथ ही 27 कर्मियों का काम बंद कर दिया गया। कोर्ट के आदेश पर सुरेश चंद्र दास के कार्यभार संभालने के बाद फिर उन कर्मचारियों को काम दे दिया गया। मामला फिर कोर्ट में गया।

कोर्ट के आदेश पर सुरेश दास को काम से हटाकर फिर से सीईओ का दायित्व रंजन पटेल को दिया गया। इनके आने से आउटसोर्सिंग काम कर रहे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा है।

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