आइडीए के अभियंता पदोन्नति व तबादले के बाद भी पद छोड़ने को तैयार नहीं
सुंदरगढ़ समन्वित आदिवासी विकास संस्था (आइटीडीए) के उप कार्यपालक अभियंता सुरेन्द्र बेहरा तथा जूनियर इंजीनियर शुभश्री महाली को पदोन्नति एवं तबादला होने के बावजूद पद छोड़ने को तैयार नहीं है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : सुंदरगढ़ समन्वित आदिवासी विकास संस्था (आइटीडीए) के उप कार्यपालक अभियंता सुरेन्द्र बेहरा तथा जूनियर इंजीनियर शुभश्री महाली को पदोन्नति एवं तबादला होने के बावजूद पद छोड़ने को तैयार नहीं है। उप कार्यपालक अभियंता सुरेन्द्र बेहरा का छह अगस्त को भुवनेश्वर के लोयर महानदी योजना विभाग में मुख्य अभियंता कार्यालय में उप निदेशक के पद पर नियुक्ति मिली है जबकि शुभश्री का 2 जून को कटक ड्रेनेज विभाग में मुख्य अभियंता के कार्यालय में तबादला हुआ है। दोनों पर टेंडर फिक्सिग व ठेकेदारों के साथ सांठगांठ कर करोड़ों की हेराफेरी का आरोप है एवं इसकी जांच चल रही है।
आइटीडीए में भ्रष्टाचार में उप कार्यपालक अभियंता सुरेन्द्र बेहरा एवं जूनियर इंजीनियर शुभश्री महाली का नाम चर्चा में आया था। उनके खिलाफ जांच अभी पूरी नहीं हुई है और तबादले के बावजूद उनका पद छोड़ कर नहीं जाने को लेकर भी सवाल उठाये जा रहे हैं। सुंदरगढ़ आइटीडीए में भ्रष्ट कम्रचारियों, अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत से बिना काम तथा कम काम कर फर्जी बिल जमा कर राशि की हेराफेरी की गई है। सूचना अधिकार कानून में मिले तथ्य के अनुसार विभिन्न ब्लाक में 2017-18 व 2018-19 आर्थिक वर्ष में 176.60 करोड़ का काम टेंडर के जरिए कराया गया था जबकि बिना टेंडर के विभाग की ओर से 109.77 करोड़ का काम हुआ। अनुबंध पर नियुक्त जूनियर इंजीनियर को करोड़ों का विभगाीय कार्यादेश देखकर राशि की हेराफेरी की गई। दो आर्थिक वर्ष में जूनियर इंजीनियर शुभश्री की देखरेख में 45.88 करोड़ का टेंडर का काम तथा 19.82 करोड़ का विभागीय काम कराया गया। इसी तरह अभियंता पवित्र मोहन प्रधान की देखरेख में दो आर्थिक वर्ष में 63.78 करोड़ के टेंडर का काम तथा 57.88 करोड़ का विभागीय काम कराया गया। जूनियर इंजीनियर लक्ष्मण साहू की देखरेख में 66.87 करोड़ का टेंडर का तथा 27.45 करोड़ से विभगाीय काम हुआ। नियम के विरुद्ध काम कर करोड़ों की हेरफेरी की जांच करने तथा कार्रवाई करने की मांग को लेकर विधयाक कुसुम टेटे, सामाजिक कार्यकर्ता सुशील गुप्ता अनशन पर बैठे थे। जिलापाल निखिल पवन कल्याण ने इसकी जांच का निर्देश भी दिया था एवं जांच अब पूरा नहीं हुआ है।