जमीन अधिग्रहण पर आरडीसी को फैसला लेने का निर्देश
तालचेर-विमलागढ़ रेलमार्ग के लिए जमीन अधिग्रहण के बाद विस्थापितों के द्वारा अधिक क्षतिपूर्ति की मांग की गई है।
By JagranEdited By: Updated: Fri, 26 Aug 2022 04:03 AM (IST)
जमीन अधिग्रहण पर आरडीसी को फैसला लेने का निर्देश
जागरण संवाददाता, राउरकेला : तालचेर-विमलागढ़ रेलमार्ग के लिए जमीन अधिग्रहण के बाद विस्थापितों के द्वारा अधिक क्षतिपूर्ति की मांग की गई है। हाई कोर्ट में इसकी सुनवाई की गई है एवं उत्तरांचल राजस्व आयुक्त को इस पर फैसला लेने का निर्देश दिया गया है। आवेदकों को दस दिनों के अंदर आरडीसी के समक्ष आवेदन करने का निर्देश भी हाई कोर्ट ने दिया है। तालचेर-विमलागढ़ रेल लाइन के निर्माण के लिए नुथुरीपोष गांव के छह किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। जमीन अधिग्रहण पूरा नहीं होने के कारण रेलमार्ग के निर्माण कार्य में तेजी नहीं आ रही है। नुथुरीपोष गांव के आधा दर्जन किसानों ने क्षतिपूर्ति मिलने के बाद भी अधिक राशि की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। नुथुरीपोष निवासी अलेख चंद्र प्रधान को 80 डिसमिल जमीन के लिए 90,3, 557 रुपये मिले हैं जबकि नरोत्तम साहू को 13.5 डिसमिल के लिए 87.82 लाख मिला है। गांव के संजीव प्रधान को 14.5 डिसमिल के लिए 61.46 लाख रुपये, विपिन बिहारी प्रसाद को 11 डिसमिल के लिए 49.54 लाख, सुशांत बेहरा को 12 डिसमिल के लिए 56.15 लाख, रमेश चंद्र साहू को आठ डिसमिल के लिए 38.28 लाख रुपये अगस्त 2021 में मिले हैं। अधिक राशि की मांग के कारण रेल मार्ग निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण में देर हो रही है। इस मामले में हाई कोर्ट में जस्टिस विश्वजीत महंती व सविता रथ की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए आरडीसी संबलपुर को इस पर फैसला लेने का निर्देश दिया है। इस फैसले के बाद तालचेर-विमलागढ़ रेल मार्ग के लिए जमीन अधिग्रहण का रास्ता साफ हुआ है। तालचेर=विमलागढ़ रेललाइन के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 2022-23 में रेल बजट में 250 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। प्रस्तावित रेल पथ की लंबाई 149 किलोमीटर है। इसमें सुंदरगढ़ जिले में 39 किलोमीटर, देवगढ़ जिले में 32 किलोमीटर एवं शेष 78 किलोमीटर तालचेर में है। 150 किलोमीटर में जमीन अधिग्रहण हुआ है एवं 53 किलोमीटर तक काम हुआ है। करीब सौ किलोमीटर मार्ग पर काम शुरू नहीं हो पाया है।
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