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स्मार्ट सिटी के 390 आंगनबाड़ी केंद्र में से 335 का अपना भवन नहीं

बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल टीकाकरण एवं पौष्टिक आहार देने में आंगनबाड़ी कर्मियों का अहम योगदान है।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 26 Aug 2022 04:03 AM (IST)
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स्मार्ट सिटी के 390 आंगनबाड़ी केंद्र में से 335 का अपना भवन नहीं

स्मार्ट सिटी के 390 आंगनबाड़ी केंद्र में से 335 का अपना भवन नहीं

जागरण संवाददाता, राउरकेला : शून्य से छह साल तक के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल, टीकाकरण एवं पौष्टिक आहार देने में आंगनबाड़ी केंद्र व आंगनबाड़ी कर्मियों का अहम योगदान है। समन्वित बाल विकास परियोजना के अधीन इसका संचालन हो रहा है। राउरकेला स्मार्ट सिटी को पानपोष, उदितनगर तथा स्टील टाउनशिप तीन भाग में बांट कर तीन सीडीपीओ कार्यालय के अधीन इन्हें रखा गया है। शहर के 390 आंगनबाड़ी केंद्रों में 335 का अपना घर नहीं है जिस कारण ये भाड़े के पुराने घरों में ही चल रहे हैं। पानपोष सीडीपीओ के अधीन 115, उदितनगर सीडीपीओ के अधीन 160 एवं स्टील टाउनशिप सीडीपीओ के अधीन 115 केंद्रों का संचालन हो रहा है। इनमें 5850 बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। शहर में अपनी जमीन नहीं होने के कारण भवन निर्माण बाधक बना है। समन्वित बाल विकास परियोजना के अधीन पानपोष सीडीपीओ के अधीन 155 आंगनबाड़ी केंद्र हैं जिनमें से 25 के अपने घर हैं। उदितनगर सीडीपीओ के अधीन 160 आंगनबाड़ी केंद्र हैं जिनें से15 के अपने घर हैं जबकि स्टील टाउनशिप के 115 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से 25 के ही अपने घर हैं। अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र भाड़े के घर में चल रहे हैं। कुछ सामुदायिक केंद्र एवं स्कूल भवन तथा निजी घरों के बरामदे पर चल रहे हैं। भाड़े के घर में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों की जगह नगर निगम की अोर से उसी क्षेत्र में घर बनाकर देना चाहिए। सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर मकान बना लिए जाने के करण केंद्र के लिए जगह नहीं मिल रहा है। राउरकेला शहर की बस्तियां जहां अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र हैं वह जमीन रेलवे, राउरकेला इस्पात संयंत्र एवं वन विभाग की जमीन है। कुछ जमीन नगर निगम व सरकारी जमीन है जिस पर अवैध कब्जा हुआ है। इस्पात संयंत्र, वन विभाग एवं रेलवे की ओर से आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण के लिए अनुमति नहीं मिल रही है ।

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