हादसों को निमंत्रण दे रहे पटाखा दुकानदार
2016 में पावर हाउस स्थित रिग रोड़ के किनारे बड़ी संख्या में पटाखा दुकान लगाया गया था। वहां भी पटाखा दुकानदारों द्वारा सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन कर पटाखा बेच रहे थे। उक्त वर्ष दीपावली के ठीक एक दीन पूर्व सुरक्षा के नियमों की अनदेखी करने के कारण असावधानीवश एक बड़ा हादसा होने के कारण वहां के सभी पटाखा दुकानों आग लग गयी थी। जिसमें ट्राफिक गेट के रहने वाले एक नवयुवक की जलने से मौत हो गयी थी।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : वर्ष 2016 में पावर हाउस स्थित रिग रोड के किनारे बड़ी संख्या में पटाखा दुकानें लगी थीं। वहां दुकानदारों ने सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया था। तब दीपावली के ठीक एक दिन पूर्व सुरक्षा नियमों की अनदेखी करने से असावधानीवश पटाखा दुकानों आग लग गयी थी। जिसमें ट्रैफिक गेट निवासी एक नवयुवक की जलने से मौत हो गयी थी। इस घटना के बाद प्रशासन तथा अग्निशमन विभाग एक दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप के बीच मामला शांत हो गया था। यहां एक बार फिर शहर में चार जगहों पर पटाखा दुकाने खोली गई है जहां खुले आम बचाव व सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। ऐसे में अगर कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है।
शहर में पटाखा दुकान खोलने के लिए दो विभाग की ओर से आवश्यक दिशानिर्देश दिए गए थे। सभी दुकानों को टीन शेड से बनाने को कहा गया था। जबकि दुकानदार खुलेआम इस नियम का उल्लंघन कर कपड़े से दुकान बना कर पटाखा बेच रहे हैं। इन दुकानदारों से दो दिन के लिए प्रति दुकान से छह से 10 हजार रुपया लिया गया है। यह जानकारी पटाखा दुकानदारों ने कही। इस राशि को में से पुलिस एवं अग्निशमन विभाग को भी कुछ हिस्सा देने की बात कही गई है। इसके बावजूद सही जगह दुकान आवंटन नही किया गया है। कहीं सूखी जगह तो कहीं बारिश का पानी जमा है। कई जगहों पर कीचड़ भरा पड़ा है। जगह सही किए बगैर दुकान आवंटन करने के कई दुकानदार नाराज दिखे। पटाखा दुकानदार सुरक्षा की भी अनदेखी कर रहे है।