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शो पीस बनकर रह गई रेलवे की स्वचालित सीढ़ी

राउरकेला रेलवे स्टेशन में महिला, दिव्यांग एवं वृद्ध लोगों की

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 06:29 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 06:29 PM (IST)
शो पीस बनकर रह गई रेलवे की स्वचालित सीढ़ी

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला रेलवे स्टेशन में महिला, दिव्यांग एवं वृद्ध लोगों की सुविधा के लिए प्लेटफार्म नंबर- 1 पर एस्केलेटर का उद्घाटन भी हो चुका है। जबकि प्लेटफार्म नंबर -2 व 3 में लिफ्ट व एस्केलेटर एवं प्लेटफार्म नंबर-4 एवं पांच में लिफ्ट का काम तेजी से चल रहा है। साल भर पहले यह सेवा शुरू हुई तथा चार महीने पहले इसका औपचारिक उद्घाटन केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने किया था। लेकिन इस सुविधा का लाभ रेल यात्रियों को नहीं मिल पा रहा है।

ट्रेन के आने के समय एस्केलेटर चालू नहीं होने से यात्रियों को इस सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है। बुधवार की दोपहर में लोकमान्य तिलक-टाटा सुपर फास्ट एक्सप्रेस आयी। इसके कुछ देर बाद हावड़ा- टिटलागढ़ इस्पात एक्सप्रेस पहुंची। लेकिन एस्केलेटर चालू नहीं किया गया। जिससे दिव्यांग, वृद्ध एवं महिलाओं को सीढ़ी से चढ़कर जाना पड़ा। अमूमन यात्रियों की यह शिकायत रहती है कि ट्रेन आने व जाने के दौरान एस्केलेटर बंद रहता है।

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राउरकेला रेलवे स्टेशन में लिफ्ट व एस्केलेटर की सेवा शुरू होने से हमारे जैसे वृद्ध लोगों को सुविधा मिलती पर यह किसी काम की नहीं है। इसके बंद रहने से एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म में जाना मुश्किल होता है। खास ट्रेन के प्लेटफार्म बदलने पर हड़बड़ी में जाना महिलाओं व वृद्ध लोगों को अधिक दिक्कत होती है। लाखों रुपये खर्च कर इसे बनाया गया है तो सुविधा तो मिलनी ही चाहिए।

- मूलचंद अग्रवाल, बीरमित्रपुर।

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दायां पांव टूट गया है। राउरकेला में ठीक से इलाज नहीं करा पाया। इसके लिए झारसुगुड़ा आना जाना पड़ता है। चलने फिरने में मुश्किल होती है। प्लेटफार्म नंबर 2-3, 4-5 से आना अधिक मुश्किल होता है। यहां हमारे जैसे लोगों के लिए ट्रॉली की सुविधा भी सुलभ नहीं है। एस्केलेटर के चलने से कुछ मदद मिल सकती।

- सुनील साहू, राउरकेला।

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दौड़ कर चलना मुश्किल है। होटल में काम कर जीविका चलाता हूं। झारसुगुड़ा से राउरकेला हमेशा आना जाना होता है। झारसुग़ुड़ा रेलवे स्टेशन में एस्केलेटर की सुविधा मिल जाती है पर राउरकेला में यह सुविधा नहीं मिल पाती है। दिव्यांग एवं महिला व वृद्ध जनों के लिए एस्केलेटर व लिफ्ट की सुविधा मिलनी चाहिए। यहां हमारे जैसे लोगों के लिए अन्याय है।

- प्रतीक मेहेर, झारसुगुड़ा।

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संबलपुर से राउरकेला बराबर आना जाना होता है। एक पांव खराब होने के कारण सीढ़ी चढ़ना एवं उतरना मुश्किल होता है। एस्केलेटर के चालू होने के बाद सुविधा मिलने की उम्मीद थी। राउरकेला संबलपुर जाते समय तो हमेशा प्लेटफार्म नंबर-1 पर ट्रेन मिल जाती है पर संबलपुर से राउरकेला आते समय ट्रेन प्लेटफार्म नंबर 3 या 4 पर आती है तब अधिक दिक्कत होती है।

- रवि रत्न ¨सह, संबलपुर।


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