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Odisha: संबलपुरी दिवस मनाने का निर्णय बना आंदोलन, अस्मिता के दिन के रूप में स्वीकार कर रहे देश-विदेश के लोग

Odisha News श्चिमांचल एकता मंच की ओर से बताया गया कि इस एकता मंच का गठन 2013 में संबलपुरी संस्कृति के पुरोधा गुरुश्री सत्यनारायण बहिदार की जन्म शताब्दी पर किया गया था और तब से प्रत्येक वर्ष पहली अगस्त को संबलपुरी दिवस के रूप में मनाए जाने का समारोह शुरू हुआ और वर्तमान यह आयोजन अपने 11वें वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Sat, 29 Jul 2023 06:55 AM (IST)
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एकता मंच का संबलपुरी दिवस का निर्णय बना आंदोलन।
संवाद सूत्र, संबलपुर: भारती समाज द्वारा दस वर्ष पहले गुरुश्री सत्यनारायण बहिदार के जन्म शताब्दी कार्यक्रम को लेकर लिया गया निर्णय अब एक आंदोलन में तब्दील हो गया है। संबलपुरी दिवस को पश्चिम ओडिशा समेत देश-विदेश के लोगों द्वारा अस्मिता के दिवस के रूप में स्वीकार किया जाने लगा है। इस वर्ष, पश्चिमांचल एकता मंच सक्रिय रूप से संबलपुरी दिवस को खुले मैदान में मनाने की तैयारी कर रहा है। 

पहली अगस्त को संबलपुरी दिवस के रूप में मनाए जाने का समारोह शुरु हुआ

शुक्रवार के दिन, स्थानीय महानदी क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में पश्चिमांचल एकता मंच की ओर से बताया गया कि इस एकता मंच का गठन 2013 में संबलपुरी संस्कृति के पुरोधा गुरुश्री सत्यनारायण बहिदार की जन्म शताब्दी पर किया गया था और तब से प्रत्येक वर्ष पहली अगस्त को संबलपुरी दिवस के रूप में मनाए जाने का समारोह शुरू हुआ और वर्तमान यह आयोजन अपने 11वें वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है।

स्थानीय महानदी क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में पश्चिमांचल एकता मंच की ओर से संबलपुरी दिवस के आयोजन की जानकारी दी गयी और बताया गया कि 30 जुलाई को तमन्ना फाउंडेशन द्वारा रंगोली और पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित करने की योजना बना रही है और उसी दिन संबल संस्थान के नेतृत्व में बाइक रैली की योजना बनाई गई है।

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रक्तदान शिविर आयोजित किया जाएगा

इसके अलावा, संबलपुरी दिवस के अवसर पर स्थानीय तालब गांव में रक्तदान शिविर आयोजित किया जाएगा। इसी तरह, इस वर्ष ओडिशा के 40 से अधिक स्थानों पर संबलपुरी दिवस आयोजित करने का प्रयास चल रहा है।

इस प्रेसवार्ता में संबलपुरी दिवस संयोजक डॉ. प्रमोद कुमार रथ, आवाहक भवानीश भोई, मुख्य संयोजक मानस रंजन बख्शी, संबलपुरी भाषा साहित्य संयोजक पंकजिनी मेहेर, महिला संयोजक कांति मेहेर आदि मौजूद रहे।

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