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बच्चों का भविष्य गढ़ने घर-घर पहुंच रहे शिक्षक

ओडिशा राज्य शिक्षा विभाग की ओर से 27 जनवरी से यू-ट्यूब पर कक्षा शुरू करने का निर्देश दिया गया है पर सुंदरगढ़ जिले के दूर दराज के गांवों में मोबाइल नेटवर्क एवं बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं है।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 02 Feb 2022 08:19 AM (IST)
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बच्चों का भविष्य गढ़ने घर-घर पहुंच रहे शिक्षक

जागरण संवाददाता, राउरकेला : ओडिशा राज्य शिक्षा विभाग की ओर से 27 जनवरी से यू-ट्यूब पर कक्षा शुरू करने का निर्देश दिया गया है पर सुंदरगढ़ जिले के दूर दराज के गांवों में मोबाइल नेटवर्क एवं बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं है। यहां यू-ट्यूब पर पढ़ाई नहीं होने के कारण शिक्षकों को घर-घर जाकर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए पढ़ाना पड़ रहा है। गुरुंडिया ब्लॉक के चांदीपोष पंचायत के कुमाकेला गांव के बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल के शिक्षक प्रयास कर रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के पास भोजन के लिए पैसे नहीं हैं। झोपड़ी में रहने वाले लोगों के लिए कीमती स्मार्ट फोन खरीदना मुश्किल है। यहां ऑनलाइन व यू-टयूब पर पढ़ाई संभव नहीं होने के कारण कुमाकेला उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों ने अनोखा प्रयास शुरु किया है। शिक्षक-शिक्षिकाओं ने तीन दल बनाकर घर-घर जाकर मोबाइल से पढ़ाई से वंचित बच्चों को पढ़ाना शुरू किया है। वे अपने मोबाइल व पुस्तक से बच्चों को पढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। इससे ग्रामीण बच्चों में उत्साह है एवं पढ़ाई शुरू होने की उम्मीद जगी है। अभिभावक भी इसमें सहयोग कर रहे हैं। कुमाकेला उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक अक्षय कुमार मिश्र, सहायक शिक्षिका सावित्री प्रधान, भगवती बारिक इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं। इससे अन्य क्षेत्र के शिक्षकों को भी प्रेरणा मिल रही है। शिक्षकों की मानें तो नेटवर्क की सुविधा व संसाधनों की कमी के कारण क्षेत्र के बहुतायत बच्चे आनलाइन व यू-टयूब के माध्यम से पढ़ाई करने में असमर्थ हैं। इसे ध्यान में रखकर सभी शिक्षकों ने बच्चों को उनके घर पर ही पढ़ाने का निर्णय लिया और प्रत्येक बच्चे के घर तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।

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