Puri Jagannath Temple: श्रद्धालुओं के लिए 16 अगस्त से खुलेगा पुरी जगन्नाथ मंदिर
Puri Jagannath Temple पुरी जगन्नाथ मंदिर आगामी 16 अगस्त से भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। पहले पांच दिन तक पुरी शहर के लोगों को महाप्रभु के दर्शन करने का अवसर मिलेगा। इसके बाद 23 अगस्त से सभी भक्त महाप्रभु का दर्शन कर पाएंगे।
पुरी, जागरण संवाददाता। ओडिशा में पुरी जगन्नाथ मंदिर आगामी 16 अगस्त से भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। पहले पांच दिन तक पुरी शहर के लोगों को महाप्रभु के दर्शन करने का अवसर मिलेगा। इसके बाद 23 अगस्त से सभी भक्त महाप्रभु का दर्शन कर पाएंगे। कोविड दिशा निर्देश के तहत भक्त महाप्रभु का दर्शन करेंगे। यह जानकारी बुधवार को पुरी जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक किशन कुमार ने दी है। मुख्य प्रशासक ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण जगन्नाथ मंदिर को भक्तों के लिए बंद कर दिया गया था। बिना भक्तों के महाप्रभु की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा हुई थी। रथयात्रा खत्म होने के बाद जगन्नाथ मंदिर खोलने को लेकर बुधवार को जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक किशन कुमार की अध्यक्षता में छत्तीसा निजोग की बैठक हुई। इस बैठक में छत्तीसा निजोग के महानायक जनार्दन पाटजोशी महापात्र, पुरी के जिलाधीश समर्थ वर्मा, एसपी विशाल सिंह, सीडीएमओ सुजाता मिश्र, छत्तीस निजोग के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक के बाद जगन्नाथ मंदिर खोलने को लेकर मुख्य प्रशासक ने घोषणा की है। बैठक में लिए गए निर्णय के मुताबिक, 16 अगस्त सोमवार से श्रीमंदिर खोला जाएगा। पहले पांच दिन पुरी शहर के लोगों को दर्शन की अनुमति दी गई है। 16 से 20 अगस्त तक पुरी के लोगों के लिए जगा कालिया का दर्शन करने की व्यवस्था की गई है। 21 व 22 अगस्त को पुरी शहर शटडाउन है, ऐसे में भक्त मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। इन दो दिन मंदिर परिसर को सैनिटाइज किया जाएगा। इसके बाद 23 अगस्त को सभी भक्तों के लिए महाप्रभु का द्वार खोल दिया जाएगा। दर्शन के लिए डबल डोज टीका या आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट जरूरी है। 96 घंटे पहले की आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट दिखाने के बाद ही भक्तों को मंदिर के अंदर प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। सुबह सात से रात आठ बजे तक जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश की अनुमति मिलेगी। साप्ताहिक शटडाउन, जन्माष्टमी के दिन जगन्नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। गौरतलब है कि 23 मार्च से कोविड की दूसरी लहर आने के बाद पुरी जगन्नाथ मंदिर को भक्तों के लिए बंद कर दिया गया था। महाप्रभु की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा, बाहुड़ा यात्रा व सोना वेश आदि भी बिना भक्तों के ही संपन्न की गई थी।