Zagreb Open में भारत का बजा डंका, Aman Sehrawat ने जीता गोल्ड मेडल, चीनी रेसलर को 10-0 से चटाई धूल
भारतीय रेसलर अमन सहरावत ने जाग्रेब ओपन रैंकिंग में शानदार प्रदर्शन किया। अमन ने चीन के विश्व नंबर 7 की रेसलर वानहाओ जू को 10-0 से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। दुनिया के सातवें नंबर के वानहाओ जू के खिलाफ अमन ने कड़ा मुकाबला किया। 13वीं रैंकिंग प्राप्त अमन ने तुर्की के मुहम्मत करावुस के खिलाफ 15-44 की जीत के साथ आगाज किया।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। Wrestler Aman Sehrawat win gold medal at Zagreb Open: भारतीय रेसलर अमन सहरावत ने जाग्रेब ओपन रैंकिंग में शानदार प्रदर्शन किया। अमन ने चीन के विश्व नंबर 7 की रेसलर वानहाओ जू को 10-0 से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
रेसलिंग वर्ल्ड के लिए खुशखबरी
अमन की जीत भारतीय रेसलिंग कम्यूनिटी के लिए काफी बड़ी खुशखबरी है। रेसलिंग वर्ल्ड इस समय देश में कई समस्याओं का सामना कर रहा है। अमन भारतीय दल यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग की ओर से कॉम्पिटिशन में हिस्सा ले रहे हैं।
रेसलर प्रधान को लेकर विरोध
पिछले साल चुनावों के लिए निर्धारित समय का पालन न करने के कारण वैश्विक कुश्ती संस्था ने भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया था। बता दें कि भारतीय कुश्ती संघ के हाल ही में चुने गए प्रधान को लेकर जूनियर रेसलर ने विरोध किया था, जिसके बाद खेल मंत्रालय ने प्रधान को उनके पद से निलंबित कर दिया।ये भी पढ़ें:- एशियन गेम्स की हुई रंगारंग शुरुआत, 45 देश ले रहे हिस्सा, इन एथलीट से होगी भारत को मेडल की उम्मीद
10-0 से जीता मैच
दुनिया के सातवें नंबर के वानहाओ जू के खिलाफ अमन ने कड़ा मुकाबला किया और 10-0 से मुकाबला अपने नाम कर लिया। इससे पहले अमन ने 2023 हांगझू एशियन गेम्स में 57 किलोग्राम कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। 13वीं रैंकिंग प्राप्त अमन ने तुर्की के मुहम्मत करावुस के खिलाफ 15-44 की जीत के साथ आगाज किया।दीपक पूनिया हुए बाहर
एशियाई खेलों के सिल्वर मेडल और राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता फ्रीस्टाइल रेसलर दीपक पूनिया को कजाकिस्तान के अजामत दौलेटबेकोव से अपने पहले मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में वह 86 किग्रा मेडल राउंड में अपनी जगह बनाने में सफल नहीं रहे। रेपेचेज राउंड में दीपक ने एक मुकाबला जीता और दूसरा हारकर पदक की दौड़ से बाहर हो गए।
ये भी पढ़ें:- Asian Games: जीत के बाद फूट-फूट कर रोईं Roshibina, मणिपुर हिंसा के कारण परिवार से महीनों दूर रहकर बनीं चैंपियन