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Olympics 2024, Javelin: अरशद नदीम जेवलिन गोल्‍ड के साथ पेरिस से लौटे पाकिस्‍तान, उपहार में मिली भैंस!

पाकिस्‍तान के जेवलिन थ्रोअर अरशद नदीम ने रिकॉर्ड बनाकर पेरिस ओलंपिक्‍स 2024 में गोल्‍ड मेडल जीता था। नदीम गोल्‍ड मेडल के साथ पेरिस से अपने घर लौट आए हैं। एक और जहां अरशद नदीम पर नकद पुरस्‍कार राशि की बारिश हो रही है वहीं उनके ससुर ने उपहार में भैंस देने का फैसला किया। ध्‍यान दिला दें कि नदीम ने 92.97 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर रिकॉर्ड बनाया था।

By Abhishek Nigam Edited By: Abhishek Nigam Updated: Mon, 12 Aug 2024 10:59 AM (IST)
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अरशद नदीम का घर पर जोरदार स्‍वागत हुआ

स्‍पोर्ट्स डेस्‍क, नई दिल्‍ली। पाकिस्‍तान के जेवलिन थ्रोअर अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक्‍स 2024 में गोल्‍ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। अरशद ने ओलंपिक्‍स 2024 में रिकॉर्ड 92.97 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर गोल्‍ड मेडल अपने नाम किया। इस थ्रो के कारण अरशद ने भारतीय जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को दूसरे स्‍थान पर धकेला था।

ओलंपिक गोल्‍ड मेडल जीतकर इतिहास रचने वाले अरशद नदीम अपने घर लौट आए हैं। पाकिस्‍तान की तरफ से अरशद नदीम पर नकद पुरस्‍कार की बारिश हो रही है। मगर उनके ससुर ने इस बीच रिकॉर्डधारी थ्रोअर को उपहार में भैंस देकर सुर्खियां बटोरी हैं।

जमीन से जुड़े हुए हैं अरशद नदीम

नदीम के गांव से ससुर मोहम्‍मद नवाज ने स्‍थानीय मीडिया को बताया कि उनके गांव में भैंस उपहार में देने का मतलब काफी मूल्‍यवान और सम्‍मानीय होता है। नदीम अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं और सफलता हासिल करने के बावजूद वह अपने गांव में अपने परिवार के साथ ही रह रहे हैं।''

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ससुर ने साथ ही बताया कि उनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं। उनकी सबसे छोटी बेटी आयशा का निकाह नदीम के साथ हुआ है। नवाज ने साथ ही बताया कि अरशद-आयशा के दो बेटे और एक बेटी हैं।

कठिनाइयों का डटकर किया सामना

पंजाब के खानेवाल के ग्रामीण इलाके के रहने वाले नदीम ने काफी कठिनाइयों का सामना किया। उनके पास विदेश में प्रतियोगिताओं में हिस्‍सा लेने के लिए संसाधन नहीं थे। वह ट्रेन से भी बमुश्किल यात्रा कर पाते थे। शुरुआती दिनों में गांव के लोगों और रिश्‍तेदारों ने चंदा इकट्ठा करके अरशद की मदद की ताकि वह प्रतियोगिताओं में हिस्‍सा ले सके।

नवाज ने बताया कि जब उन्‍होंने अपनी बेटी आयशा का निकाह नदीम के साथ करने का फैसला किया, तब अरशद की आर्थिक स्थिति अच्‍छी नहीं थी, लेकिन उसमें खेल में बेहतर करने की भूख जरूर थी। इसके लिए वह गांव में ही ट्रेनिंग लेते थे।

नदीम की सबसे बड़ी खूबी

छह साल पहले, जब हमने नदीम से अपनी बेटी का निकाह करने का फैसला किया, जब वो छोटी-मोटी नौकरी करके गुजारा करता था, लेकिन अपने खेल के लिए काफी जुनूनी था। वह अपने घर और खेतों में लगातार जेवलिन का अभ्‍यास करता था।

नवाज ने कहा कि वो नदीम की सफलता से काफी खुश हैं। उन्‍होंने बताया कि पाकिस्‍तान के पहले व्‍यक्तिगत मेडलिस्‍ट अरशद नदीम सभी से काफी इज्‍जत से पेश आता है। उन्‍होंने कहा, ''जब भी वो हमारे घर आता है तो किसी चीज की शिकायत नहीं करता। हमारे घर में जो बना हो, वो खा लेता है। उसके दो बच्‍चे स्‍थानीय प्राइमरी स्‍कूल में जा रहे हैं जबके एक बेटा अभी बहुत छोटा है।''

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