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पेरिस ओलंपिक्स में हार के बाद फूट-फूट कर रोईं Ashwini Ponappa, कहा- अब नहीं खेलूंगी

भारत की स्‍टार महिला बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्‍पा पेरिस ओलंपिक्‍स में मैच गंवाने के बाद फूट-फूटकर रोने लगीं। अश्विनी पोनप्‍पा ने कहा कि ओलंपिक्‍स में यह उनका आखिरी मैच था। पोनप्‍पा को करियर में ओलंपिक मेडल पाने का मलाल जरूर रहेगा। पेरिस ओलंपिक्‍स में अश्विनी पोनप्‍पा ने तनिशा क्रास्‍तो के साथ जोड़ी बनाई थी लेकिन यह जोड़ी एक भी मैच नहीं जीत पाई।

By Abhishek Nigam Edited By: Abhishek Nigam Updated: Wed, 31 Jul 2024 03:02 PM (IST)
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अश्विनी पोनप्‍पा और तनिशा क्रास्‍तो एक भी मैच नहीं जीत सकीं

स्‍पोर्ट्स डेस्‍क, नई दिल्‍ली। भारत की स्‍टार महिला बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्‍पा पेरिस ओलंपिक्‍स 2024 में बाहर होने के बाद फूट-फूटकर रोने लगीं। 34 साल की पोनप्‍पा ने कहा कि पेरिस ओलंपिक्‍स उनका आखिरी था। अश्विनी ने पेरिस ओलंपिक्‍स के लिए तनिशा क्रास्‍तो के साथ जोड़ी बनाई थी।

हालांकि, भारतीय महिला डबल्‍स जोड़ी का प्रदर्शन अच्‍छा नहीं रहा और वो लगातार तीन मैच हारकर ग्रुप चरण से बाहर हो गई। अश्विनी-तनिशा को अपने आखिरी मुकाबले में ऑस्‍ट्रेलियाई जोड़ी सेतयाना मपासा व एंजेला यू के हाथों 15-21, 10-21 से शिकस्‍त सहनी पड़ी। इसी के साथ अश्विनी-तनिशा का पेरिस ओलंपिक्‍स में अभियान समाप्‍त हो गया।

अश्विनी पोनप्पा का भावुक बयान

यह पूछने पर कि 2028 लॉस एंजिलिस गेम्‍स में खेलने की उम्‍मीद रखती हैं तो पोनप्‍पा ने कहा, ''यह मेरा आखिरी ओलंपिक्‍स था, लेकिन तनिशा को काफी आगे तक जाना है। भावुक और मानसिक रूप से काफी बल पड़ता है। मैं दोबारा इस चीज से नहीं गुजर सकती हूं। यह आसान नहीं है। अगर आप थोड़े जवान होते तो इस दबाव को झेल सकते थे। इतने लंबे समय तक खेलने के बाद मैं और दबाव नहीं झेल सकती।''

ज्‍वाला के साथ गाड़े झंडे

अश्विनी पोनप्‍पा कुर्ग की हैं और भारत की अनुभवी शटलर हैं। 2001 में वह नेशनल सर्किट में आईं जहां ज्‍वाला गुट्टा के साथ पहला नेशनल खिताब जीता। अश्विनी-ज्‍वाला की जोड़ी ने भारत के लिए कई शानदार प्रदर्शन किए। दोनों ने 2010 दिल्‍ली कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स में गोल्‍ड मेडल जीता था। इसके अलावा उबर कप (2014 और 2016) और एशियाई चैंपियनशिप्‍स (2014) में ब्रॉन्‍ज मेडल जीता था।

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2013 में ज्‍वाला-अश्विनी ने वर्ल्‍ड चैंपियनशिप्‍स ब्रॉन्‍ज मेडल जीता था और तब वो पहली महिला डबल्‍स जोड़ी बनी थी, जिसने यह उपलब्धि हासिल की।

तनिशा भी नहीं रोक पाईं आंसू

बहरहाल, अश्विनी पोनप्‍पा ने अपनी जोड़ीदार तनिशा के बारे में बात करते हुए कहा, ''हम आज जीत दर्ज करना चाहते थे। हमें उम्‍मीद थी कि आज का नतीजा कुछ और निकलेगा। मेरे और तनिशा के लिए सबसे बेहतर बात यह रही कि ओलंपिक्‍स तक पहुंचने की हमारी एक यात्रा रही। यह आसान नहीं थी।''

वहीं, तनिशा अपनी भावनाओं को काबू नहीं कर पाईं और गीली आंखों के साथ कहा, ''अश्विनी पोनप्‍पा मेरी सबसे बड़ी समर्थक रही हैं। हम बेहतर नतीजे चाहते थे। वो हमेशा मुझे प्रोत्‍साहित करती हैं।''

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