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CWG 2022: मीरा बाई चानू की जीत पर 'Ear Ring' के क्यों हो रहे हैं चर्चे? जानिए आखिर क्या है यह इसमें खास...

भारत ने बर्मिघम कामनवेल्थ गेम्स के दूसरे दिन तीन पदक अपने नाम किए। यह तीनों ही पदक भारोत्तोलन में आए। टोक्यो ओलिंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू ने महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग में पहले स्थान पर रहकर देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया।

By Piyush KumarEdited By: Updated: Mon, 01 Aug 2022 08:30 AM (IST)
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मीराबाई चानू ने महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग में पहले स्थान पर रहकर देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया।

 नई दिल्ली, जेएनएन : भारत की सुपरस्टार भारोत्तोलक मीराबाई चानू शनिवार को बर्मिघम कामनवेल्थ गेम्स में भी मम्मी की दी हुई ओलिंपिक ईयर रिंग पहनकर प्रतिस्पर्धा कर रही थीं। 2021 टोक्यो ओलिंपिक में जब उन्होंने रजत पदक जीता था तो उस समय सभी की नजरें उनकी ईयर रिंग पर पड़ी थी। तब चानू से इस रिंग के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि यह ओलिंपिक के छल्लों वाली ईयर रिंग उनकी मम्मी ने दी थी। वह शनिवार को भी यह ईयर रिंग पहनी हुई थीं। इस पर चानू ने कहा, 'सभी को पता है कि मुझे यह ईयर रिंग मम्मी ने दी है। मम्मी चाहती हैं कि मैं इसे हर प्रतियोगिता में पहनूं इसलिए मैं इन्हें पहनकर प्रतिस्पर्धा कर रही थी।' चानू का लक्ष्य स्नैच में 90 का है।

मैं जानती हूं कि मुझे किन चीजों में सुधार करने की जरूरत हैं: मीराबाई चानू

उन्होंने कहा, 'मैंने 90 का भी प्रयास किया भले ही मैं चूक गई, लेकिन स्नैच में 88 किग्रा उठाकर भी खुश हूं। ओलिंपिक के बाद मैं ज्यादा ट्रेनिंग नहीं कर पाई। मेरा लक्ष्य विश्व चैंपियनशिप है जो दिसंबर में होगी। मेरा लक्ष्य स्नैच में 90 किग्रा उठाने का है। मैं काफी खुश हूं। मुझे देशवासियों ने काफी प्यार दिया और उन्हीं की वजह से यह स्वर्ण पदक जीत पाई हूं।' उन्होंने आगे कहा, 'मैं जानती हूं कि मुझे किन चीजों में सुधार करने की जरूरत है। मैं भारत पहुंचकर अपने पदक का जश्न मनाना चाहती हूं। मैं अपने वजन के बढ़ने की चिंता किए बगैर पिज्जा खाना चाहती हूं।'

पीएम मोदी ने दी जीत की बधाई

बता दें कि भारत ने बर्मिघम कामनवेल्थ गेम्स के दूसरे दिन तीन पदक अपने नाम किए। यह तीनों ही पदक भारोत्तोलन में आए। टोक्यो ओलिंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू ने महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग में पहले स्थान पर रहकर देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। उनसे पहले संकेत महादेव सरगर ने रजत पदक जीतकर देश को इस कामनवेल्थ गेम्स का पहला पदक दिलाया था। गुरुराजा पुजारी ने तीसरे स्थान पर रहकर कांस्य अपने नाम किया था। इसके अलावा बैडमिंटन, टेबल टेनिस और मुक्केबाजी में भी भारतीय खिलाडि़यों ने बेहतर प्रदर्शन किया। उनकी जीत पर बधाई देते हुए प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी ने कहा, 'मीराबाई चानू ने एक बार फिर भारत को गौरवान्वित किया। हर भारतीय इस बात से खुश है कि मीराबाई ने बर्मिघम में स्वर्ण जीता और नया कामनवेल्थ रिकार्ड बनाया। उनकी सफलता सभी भारतीय को प्रेरित करेगी।'

अपनी जीत पर मीरा ने कहा, 'सभी को पता है कि कामनवेल्थ गेम्स मेरे लिए आसान है, लेकिन मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के लिए खुद से लड़ाई लड़ी है। मैंने यह लक्ष्य बनाया था कि स्नैच में अच्छा करूंगी क्योंकि मैं इसमें कमजोर थी। टोक्यो के बाद मैंने इसमें सुधार करने की कोशिश की। मैंने कामनवेल्थ गेम्स को हमेशा से गंभीरता से लिया है। मैं जानती हूं कि मुझे किन चीजों में सुधार करने की जरूरत है। मैं भारत पहुंचकर अपने पदक का जश्न मनाना चाहती हूं। मैं अपने वजन के बढ़ने की चिंता किए बगैर पिज्जा खाना चाहती हूं।'