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पैरालिंपिक में देश का मान बढ़ाकर लौटे खिलाड़ियों का देश पहुंचने पर किया गया भव्य स्वागत

खिलाड़ियों के स्वागत का सिलसिला टर्मिनल-3 के बाहर करीब एक घंटे तक चलता रहा। स्वागत करने वालों में खिलाड़ियों के स्वजन व समर्थकों के अलावा लोग भी मौजूद थे। सभी ने एक सुर में इन खिलाड़ियों की मेहनत इनके जुनून को अनुकरणीय बताया।

By Sanjay SavernEdited By: Updated: Mon, 06 Sep 2021 08:02 PM (IST)
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भारतीय पैरालिंपिक का देश में पहुंचने पर खूब स्वागत किया गया (एपी फोटो)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। टोक्यो पैरांलिपिक में बेहतर प्रदर्शन कर लौटे भारतीय खिलाड़ियों के दल का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर लोगों ने भव्य स्वागत किया। एक के बाद एक जब खिलाड़ी टर्मिनल के आगमन द्वार से बाहर निकल रहे थे तो एक ओर ढोल-नगाड़ों की गूंज सुनाई दे रही थी तो दूसरी ओर लोग भारत माता की जय के नारे लगाकर माहौल में देशभक्ति की खुशबू बिखेर रहे थे।

खिलाड़ियों के स्वागत का सिलसिला टर्मिनल-3 के बाहर करीब एक घंटे तक चलता रहा। स्वागत करने वालों में खिलाड़ियों के स्वजन व समर्थकों के अलावा लोग भी मौजूद थे। सभी ने एक सुर में इन खिलाड़ियों की मेहनत, इनके जुनून को अनुकरणीय बताया। सभी इस बात के लिए आश्वस्त थे कि अगली बार पैरालिंपिक में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन इस बार के प्रदर्शन से भी बेहतर होगा।

आइजीआइ के टर्मिनल-3 पर खिलाड़ियों के स्वागत के लिए लोग करीब चार बजे से जुटने लगे थे। यह भीड़ घड़ी की सूइयों के आगे खिसकने के साथ बढ़ती ही जा रही थी। खास बात यह थी कि यहां जुटे लोग न सिर्फ दिल्ली, बल्कि देश के कई राज्यों से आए थे। इनमें ओडिशा, उत्तराखंड, बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब व अन्य राज्यों के लोग शामिल थे। इनमें से कुछ खिलाडि़यों के दोस्त थे तो कुछ उनके स्वजन। ऐसे लोग भी थे जो इन दिनों किसी काम से दिल्ली आए हुए हैं और यह पता चलने पर कि सोमवार को पैरालिंपिक खिलाड़ियों का दल आइजीआइ पहुंच रहा है तो वे सीधे एयरपोर्ट पहुंच गए।

पांच बजे जब खिलाड़ी एक के बाद एक टर्मिनल के आगमन द्वार से बाहर निकलने लगे तो लोगों ने उनके स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी। फूल-मालाओं से खिलाड़ियों को लाद दिया गया। फूलों की पंखुड़ियां बरसाई गईं। लोग खिलाड़ियों के साथ सेल्फी लेने को आतुर हो गए। भीड़ के कारण केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान विशेष सतर्कता बरत रहे थे। वे खिलाड़ियों को तब तक सुरक्षा घेरे में रखे रहे जब तक कि वे अपने वाहन पर सवार नहीं हो गए।