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Los Angeles 2028 को लेकर हॉकी खिलाड़ी मनप्रीत सिंह ने बताया अपना प्लान, जानिए क्या कहा

मनप्रीत सिंह की कप्तानी में ही भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक-2020 में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था और चार दशक से चले आ रहे सूखे को खत्म किया था। पेरिस ओलंपिक में मनप्रीत कप्तान नहीं थे लेकिन उनका अनुभव टीम के काम आया। मनप्रीत की कोशिश है कि वह चार साल बाद होने वाले लॉस एंजिलिस ओलंपिक-2028 में भी भारत का प्रतिनिधित्व करें।

By Abhishek Upadhyay Edited By: Abhishek Upadhyay Updated: Tue, 27 Aug 2024 08:31 AM (IST)
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मनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारत ने टोक्यो ओलंपिक-2020 में जीता था ब्रॉन्ज मेडल
 पीटीआई, नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली हॉकी टीम के सदस्य रहे मनप्रीत सिंह 30 साल की उम्र को पार कर चुके हैं लेकिन इस स्टार मिडफील्डर को उम्मीद है कि अगर वह फिट रहते हैं तो लॉस एंजिलिस में 2028 में होने वाले ओलंपिक में भाग ले सकते हैं जो उनका पांचवा ओलंपिक होगा।

मनप्रीत अभी 32 साल के हैं और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता हैं। भारत ने उनके कप्तान रहते हुए टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। मनप्रीत ने कहा, मेरा लक्ष्य लॉस एंजिलिस ओलंपिक खेल हैं, लेकिन सब कुछ मेरी फिटनेस पर निर्भर करता है। अगर मैं अपनी फिटनेस बनाए रखता हूं और अच्छा प्रदर्शन करता रहता हूं तो मैं निश्चित तौर पर अगले ओलंपिक में खेलूंगा। वर्तमान हॉकी में फिटनेस बेहद महत्वपूर्ण हो गई है इसलिए आखिर में सब कुछ मेरी फिटनेस पर ही निर्भर करेगा।

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दो ओलंपिक मेडल जीतकर हैं खुश

पंजाब के मीठापुर गांव का रहने वाला यह खिलाड़ी लगातार दो ओलंपिक पदक जीत कर काफी खुश है। उन्होंने कहा कि लगातार दो पदक जीतना एक अलग तरह की अनुभूति है। हमने लंबे समय बाद ओलंपिक में लगातार दो पदक जीते हैं और प्रत्येक खिलाड़ी ओलंपिक पदक जीतना चाहता है। मैं चार ओलंपिक में भाग ले चुका हूं। पहले दो ओलंपिक में मैं पदक हासिल नहीं कर पाया लेकिन पिछले दो ओलंपिक में मैंने पदक हासिल किए। मैं कितना खुश हूं आप इसका अंदाजा नहीं लगा सकते हैं।

मनप्रीत की कप्तानी में खत्म किया था सूखा

भारत ने 1980 के बाद से हॉकी में अपना पहला ओलंपिक मेडल टोक्यो-2020 में जीता था। इसी के साथ टीम इंडिया ने चार दशक के चले आ रहे ओलंपिक मेडल के सूखे को खत्म किया था। ये काम भारत ने मनप्रीत की कप्तानी में ही किया था। हालांकि, बाद में मनप्रीत को कप्तानी से हटा दिया गया और हरमनप्रीत को कप्तानी सौंपी गई। इस बार भारत ने हरमनप्रीत की कप्तानी में ओलंपिक मेडल जीता।

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