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भारत ने ठोकी 2036 ओलंपिक की दावेदारी, IOA ने IOC को सौंपा लेटर

भारत का सपना हमेशा से ओलंपिक खेलों की मेजबानी का रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब के कार्यभार संभाला है तब से 2036 में ओलंपिक मेजबानी की इच्छा जाहिर की है। इस ओर अब कदम उठा लिया गया है। भारतीय ओलंपिक संघ ने इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी को इस संबंध में पत्र सौंपा है और मेजबानी का दावेदारी पेश की है।

By Abhishek Upadhyay Edited By: Abhishek Upadhyay Updated: Tue, 05 Nov 2024 01:20 PM (IST)
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भारत ने ठोकी ओलंपिक-2036 की दावेदारी, आईओए ने लिया फैसला
 स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने अभी तक एक भी बार ओलंपिक खेलों का आयोजन नहीं किया है। हालांकि भारत इसके लिए प्रतिबद्ध है। जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आई है तब से कई बार प्रधानमंत्री ने ओलंपिक मेजबानी की इच्छा जाहिर की है। मोदी ने कहा है कि भारत साल 2036 में ओलंपिक की मेजबानी करना चाहता है और अब इस ओर एक आधिकारिक कदम उठा लिया गया है। भारतीय ओलंपिक संघ ने 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों की मेजबानी हासिल करने के लिए दावेदारी ठोकी है।

आईओए ने इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी को इस संबंध में पत्र सौंपा है और दावेदारी की पेशकश की है। समाचार एजेंसी आईएएनएस ने इस बात की जानकारी दी है। एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है। 

तैयार है भारत

आईएएनएस ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि आईओए ने एक अक्टूबर को आईओसी को दावेदारी के संबंध में पत्र सौंपा है और 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने की इच्छा जाहिर की है। भभारत काफी दिनों से ओलंपिक मेजबानी की तैयारी में जुटा है और अगर उसे मेजबानी मिलती है तो फिर इन तैयारियों को दोगुनी तेजी मिलेगी। भारत ने साल 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की थी। हालांकि, ओलंपिक की मेजबानी हासिल करने के लिए भारत इकलौता देश नहीं है। कई और देश भी इस रेस में हैं।

ओलंपिक खेलों में बेहतर होता भारत

भारत ने बीते दो ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन किया है। टोक्यो ओलंपिक-2020 में भारत ने कुल सात पदक अपने नाम किए थे जो भारत का खेलों के महाकुंभ में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। इसी साल फ्रांस की राजधानी में आयोजित किए ओलंपिक खेलों में भारत ने कुल छह पदक जीते थे। अगर भारत को ओलंपिक की मेजबानी मिलती है तो ये पूरे देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। इससे देश की आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी और खेलों के लिहाज से भी ये भारत के लिए बहुत बड़ा कदम होगा। देश के युवा खेलों की तरफ आकर्षित होंगे।