Paris Olympics 2024: निशानेबाजी की सभी प्रतियोगिताओं में दिखेगा दम, टोक्यो की निराशा को पीछे छोड़ने का अवसर
पेरिस ओलंपिक में भारत की तरफ से हिस्सा लेने वाले निशानेबाजों में मनु भाकर तीन स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगी। उनके अलावा सिफत कौर सामरा अर्जुन बाबूता ऐश्वर्य तोमर एलावेनिल अंजुम जो पहले भी ओलंपिक में हिस्सा ले चुकी हैं उनसे भी सभी को उम्मीद रहेगी। भारत ने चार बार निशानेबाजी में ओलंपिक मेडल जीता है। अभिनव बिंद्रा ने एकमात्र गोल्ड जीता है।
जेएनएन, नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक में एथलेटिक्स के बाद अगर भारत को पदकों की सबसे बड़ी आशा है तो वे हैं हमारे निशानेबाज। 26 जुलाई से शुरू हो रहे खेलों के महाकुंभ में इस बार भारतीय निशानेबाजों ने सभी स्पर्धाओं में कोटा प्राप्त किया है यानी हमारे पास ज्यादा पदक जीतने का भी अवसर है। इतना ही नहीं इस बार भारत के 21 निशानेबाज हिस्सा लेंगे, जो चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा दल है। चीन के 22 निशानेबाज हिस्सा ले रहे हैं। टोक्यो में भारतीय निशानेबाजों ने निराश किया था, लेकिन पेरिस में ये इतिहास रच सकते हैं।
इनसे होगी आस
पेरिस ओलंपिक में भारत की तरफ से हिस्सा लेने वाले निशानेबाजों में मनु भाकर तीन स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगी। उनके अलावा सिफत कौर सामरा, अर्जुन बाबूता ऐश्वर्य तोमर, एलावेनिल, अंजुम जो पहले भी ओलंपिक में हिस्सा ले चुकी हैं, उनसे भी सभी को उम्मीद रहेगी। इस बार भारतीय निशानेबाजों को अपने निजी प्रशिक्षकों को भी साथ लेकर जाने की छूट मिली है जिसमें प्रशिक्षकों को खेल गांव की जगह वहां से पास होटल में रुकने का इंतजाम कराया जाएगा।
पेरिस में ये धुरंधर दिखाएंगे दम
भारतीय खिलाड़ियों की सूची संदीप सिंह, अर्जुन बबूता (10 मीटर एयर राइफल) ऐश्वर्या तोमर, स्वपनिल कुशाले (50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन) सरबजोत सिंह, अर्जुन चीमा (10 मीटर एयर पिस्टल, 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम) अनीष भानवाल, विजयवीर सिद्धू (25 मीटर रैपिड पिस्टल) पृथ्वीराज (ट्रैप), अनंतजीत सिंह नरुका (स्कीट)।एलावेनिल वालारिवन, रमिता (10 मीटर एयर राइफल, 10 मीटर एयर राइफल मिक्स्ट टीम ) सिफत कौर सामरा, अंजुम मोदगिल (50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन) रिदम सांगवान (10 मीटर एयर पिस्टल, 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम) मनु भाकर (10मीटर एयर पिस्टल, 25 मीटर एयर पिस्टल, 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम) इशा सिंह (25 मीटर पिस्टल) राजेश्वरी कुमारी, श्रेयसी सिंह (ट्रैप) महेश्वरी चौहान, राइजा ढिल्लों (स्कीट)।
निशानेबाजी स्पर्धाओं का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ 1907 में अस्तित्व में आया। 1932 में निशानेबाजी को फिर से शुरू किया गया, तब इसमें दो स्पर्धाएं शामिल थीं, लेकिन 2004 स्पर्धाओं की संख्या 17 हो गई। 1984 लास एंजिल्स में हुए ओलंपिक खेलों में केवल महिलाओं के लिए प्रतिस्पर्धाएं हुई थीं, जिनमें 77 महिला प्रतियोगियों ने भाग लिया था।2004 में निशानेबाजी में खुला खाता
भारत इस खेल में केवल चार पदक जीतने में सफल रहा है। भारत के लिए राज्यवर्धन सिंह राठौर ने 2004 एथेंस खेलों में पुरुषों की डबल ट्रैप स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर निशानेबाजी में भारत का खाता खोला था। उसके बाद भारत को अभिनव बिंद्रा ने 2008 में बीजिंग ओलंपिक में पुरुषों की 10 मीटर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। वो गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय निशानेबाज बने। 2012 में विजय कुमार ने पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में रजत पदक जीता, जबकि गगन नारंग ने 2012 लंदन खेलों में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था।
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