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Happy Birthday Vinesh Phogat: जिंदगी की हर परेशानी को दी धोबी पछाड़, फिर भी किस्मत से हार गईं विनेश फोगाट

विनेश फोगाट आज 30 साल की हो गईं। 25 अगस्त 1994 को जन्मी विनेश फोगाट ने अपनी चचेरी बहनों गीता फोगाट और बबीता कुमारी के नक्शेकदम पर चलते हुए कुश्ती में अपना करियर बनाया। तीन बार की ओलंपियन विनेश फोगाट का ओलंपिक सफर दुख भरा रहा है। रियो ओलंपिक में उन्हें चोट लग गयी थी जबकि टोक्यो में उन्हें हार मिली। पेरिस में मेडल आते-आते रह गया।

By Umesh Kumar Edited By: Umesh Kumar Updated: Sun, 25 Aug 2024 05:00 AM (IST)
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भारतीय पहलवान विनेश फोगाट का 30वां जन्मदिन।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारत की बेहतरीन पहलवानों में से एक विनेश फोगाट आज 30 साल की हो गईं। 25 अगस्त 1994 को जन्मी विनेश फोगाट ने अपनी चचेरी बहनों गीता फोगाट और बबीता कुमारी के नक्शेकदम पर चलते हुए कुश्ती में अपना करियर बनाया। उनके चाचा महावीर सिंह फोगाट ने इस खेल से उनका परिचय कराया था।

तीन बार की ओलंपियन विनेश फोगाट के पास कॉमनवेल्थ गेम्स में तीन स्वर्ण, वर्ल्ड चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक और एशियन गेम्स और एशियन चैंपियनशिप में एक-एक स्वर्ण पदक है। पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट ने इतिहास रचा था। महिलाओं की 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाली वह पहली भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। उसके बाद जो हुआ उसे विश्व ने देखा।

सामाजिक बाधाओं को किया पार

जब विनेश फोगाट ने कुश्ती शुरू की तो गीता धीरे-धीरे खुद को राष्ट्रीय मंच पर अपना नाम बना रही थीं। इस दौरान उन्हें सामाजिक बाधाओं और कई असफलताओं को भी पार करना पड़ा। विनेश को उन ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा जो कुश्ती को पुरुषों का खेल मानते थे और महिलाओं को उनके घरों तक ही सीमित रखने की बात करते थे। महज नौ साल की उम्र में विनेश फोगाट के पिता की मौत हो गई थी।

कई मुश्किलों और दर्द के बीच, विनेश फोगाट के चाचा महावीर ने मार्गदर्शक की भूमिका निभाई। उन्होंने इस युवा पहलवान की रुचि इस खेल में लगाई। एक शानदार जूनियर करियर के बाद, विनेश ने ग्लासगो 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर अपना पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता।

विनेश फोगाट की उपलब्धियां

  • ग्लासगो 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड
  • गोल्ड कोस्ट 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड
  • एशियन गेम्स 2018 में गोल्ड मेडल
  • एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप 2019 में कांस्य
  • वर्ल्ड चैंपियनशिप 2019 में कांस्य
  • वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप 2022 में कांस्य
  • बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड

इसके बाद विनेश अपने पहले ओलंपिक अनुभव की ओर आगे बढ़ चलीं। विनेश ने इस्तांबुल में अपना ओलंपिक क्वालीफाइंग इवेंट जीतकर रियो 2016 के लिए क्वालीफाई किया। वह ओलंपिक के लिए बहुत उत्साहित थीं, लेकिन क्वार्टरफाइनल में पहुंचने के बाद विनेश का 21 साल की उम्र में अपने देश के लिए पदक जीतने का सपना टूट गया।

रियो ओलंपिक में मुड़ गया था घुटना

अंतिम आठ में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सुन यानान का सामना करते हुए, मैच के दौरान उनका दाहिना घुटना मुड़ गया। इसके बाद इस भारतीय पहलवान को मैट से स्ट्रेचर पर बाहर ले जाया गया, उस समय विनेश का दर्द बिल्कुल साफ नजर आ रहा था और उनकी पदक की संभावनाएं टूट गईं। चोट की वजह से ऐसा लगा कि उनका करियर खत्म हो गया।

चोट को मात देकर विनेश फोगाट ने मैच पर वापसी की। गोल्ड कोस्ट 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स और जकार्ता एशियन गेम्स दोनों में गोल्ड मेडल जीता और दमदार वापसी की। इसके बाद भारतीय पहलवान ने 2019 सीजन में 53 किलोग्राम भार वर्ग में जाने का फैसला किया। टोक्यो 2020 ओलंपिक में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद भी विनेश फोगाट ने कभी हार नहीं मानी। 

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