Vinesh Phogat: कुश्ती में वापसी पर विनेश फोगाट ने क्या कहा? भव्य स्वागत पर बोलीं- देश ने हिम्मत दी
विनेश फोगाट का हरियाणा में उनके गांव में सम्मान किया गया जहां उन्होंने माना कि ओलंपिक पदक से चूकना एक गहरा घाव रहा जिसे भरने में समय लगेगा। फोगाट ने यह भी कहा कि वह अपने रिटायरमेंट के फैसले को लेकर अनिश्चित हैं। हालांकि उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी लड़ाई जारी रहेगी। पेरिस ओलंपिक में फाइनल में पहुंच कर फोगाट ने इतिहास रचा था।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय पहलवान विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक 2024 के बाद अपने संन्यास के फैसले को लेकर अनिश्चित हैं। फोगाट ने महिलाओं की 50 किग्रा कुश्ती स्पर्धा के फाइनल से अयोग्य घोषित होने के बाद अचानक संन्यास की घोषणा की थी। इससे पहले ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल में प्रवेश करने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रचा था। हालांकि, उनके सपनों की यात्रा का दुखद अंत हुआ था।
भारतीय रेसलर शनिवार, 17 अगस्त को वतन लौट आईं। दिल्ली हवाई अड्डे पर उनका भव्य स्वागत किया गया। वहीं, उनके गांव में जश्न का माहौल रहा। 29 साल की फोगाट को दिल्ली एयरपोर्ट पर उनके समर्थकों ने माला पहनाकर स्वागत किया। खुली छत वाली कार से अपने प्रशंसकों का समर्थन स्वीकार करते हुए फोगाट पर फूल बरसाए गए।
गांव में किया गया भव्य स्वागत
हरियाणा में उनके गांव में भी उनका सम्मान किया गया, जहां उन्होंने माना कि ओलंपिक पदक से चूकना एक गहरा घाव रहा, जिसे भरने में समय लगेगा। फोगाट ने यह भी कहा कि वह अपने रिटायरमेंट के फैसले को लेकर अनिश्चित हैं और इस पर ज्यादा कुछ बोलने से परहेज करती हैं। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
'मैंने कुश्ती छोड़ दी है या...'
विनेश फोगाट ने कहा, यह ओलंपिक पदक एक गहरा घाव बन गया है। इसे ठीक होने में समय लगेगा, लेकिन मैं अपने देश, परिवार और गांव के लोगों को अपना प्यार बरसाने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं, जिससे मुझे उस घाव को भरने में थोड़ी मदद मिलेगी। मुझे लगता है कि मैं कुश्ती छोड़ना चाहती हूं, लेकिन मैं अभी कुछ नहीं कह सकती कि मैंने कुश्ती छोड़ दी है या जारी रखूंगी।
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'जारी रहेगी लड़ाई'
उन्होंने कहा, आपने मुझे जो भी हिम्मत दी है, मैं उसे सही दिशा में आगे ले जाना चाहती हूं। हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। मैंने अभी इसका एक हिस्सा पार किया है, लेकिन वह भी पूरा नहीं हो सका। यह एक लंबी लड़ाई है, हम पिछले एक साल से इसे लड़ रहे हैं और यह जारी रहेगी। मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि सत्य की जीत हो।