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Neeraj Chopra की जिंदगी फिल्‍मी कहानी से कम नहीं,खंडरा का मोटा सा लड़का कैसे बना वर्ल्‍ड नंबर-1 जेवलिन स्‍टार?

पानीपत के खंडरा का जवान मोटा सा लड़का 25 साल की उम्र में ग्‍लोबल आइकॉन बन गया। नीरज चोपड़ा ने वर्ल्‍ड एथलेटिक्‍स चैंपियनशिप्‍स में ऐतिहासिक गोल्‍ड मेडल जीता। नीरज चोपड़ा का जेवलिन की दुनिया में धमाकेदार प्रदर्शन जारी है। चोपड़ा ने कई चुनौतियों से पार पाकर भारतीय खेल इतिहास के पन्‍नों में अपना नाम दर्ज कराया। उनकी जिंदगी किसी फिल्‍मी कहानी से कम नहीं है।

By Abhishek NigamEdited By: Abhishek NigamUpdated: Mon, 28 Aug 2023 11:22 AM (IST)
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नीरज चोपड़ा ने डब्‍ल्‍यूएसी 2023 में गोल्‍ड मेडल जीता
नई दिल्‍ली, स्‍पोर्ट्स डेस्‍क। पानीपत के खंडरा का जवान मोटा लड़का बहुत ही जल्‍द अपनी लगन और कड़ी मेहनत के बल पर ग्‍लोबल आइकॉन बन गया। जी हां, हम यहां बात कर रहे हैं भारत के स्‍टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा की, जिन्‍होंने रविवार को वर्ल्‍ड एथलेटिक्‍स चैंपियनशिप्‍स में गोल्‍ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया।

नीरज चोपड़ा ने फाइनल में पहले प्रयास में फाउल के बाद शानदार वापसी की और दूसरे प्रयास में 88.17 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर इतिहास रच दिया। नीरज चोपड़ा भारत के ऐसे एकमात्र एथलीट बने, जिन्‍होंने ओलंपिक और वर्ल्‍ड गोल्‍ड मेडल अपने नाम किए

नीरज चोपड़ा की जिंदगी किसी फिल्‍मी कहानी की तरह है। साधारण परिवार में जन्‍म, बचपन में मोटापे का मजाक उड़ाना, लेकिन जज्‍बा ऐसा कि सुविधाओं की कमी होने के बावजूद विश्‍व स्‍तर पर डंका बजा दिया।

चोपड़ा की प्रोफाइल

नीरज चोपड़ा का जन्‍म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत में खंडरा गांव में हुआ। चोपड़ा के परिवार की कमाई खेती का आधार थी। नीरज की दो बहनें हैं। नीरज चोपड़ा ने चंडीगढ़ में दयानंद एंग्‍लो वैदिक कॉलेज से ग्रैजुएशन पूरा किया। वो पंजाब के जालंधर में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से बीए का कोर्स भी कर रहे हैं।

नीरज चोपड़ा बचपन में काफी मोटे थे। उनका इस कारण काफी मजाक भी उड़ता था। पिता ने मडलौदा में उन्‍हें जिम में भेजा और बाद में वो पानीपत गए। जयवीर चौधरी ने नीरज चोपड़ा के जेवलिन फेंकने की प्रतिभा को पहचाना जब वो पानीपत स्‍पोर्ट्स ऑथरिटी जाते थे। वो नीरज के पहले कोच भी हैं।

करियर में शुरू किया धमाका

नीरज चोपड़ा ने जेवलिन की दुनिया में बहुत जल्‍द अपनी पहचान बनाना शुरू कर दी। उन्‍होंने 2016 आईएएएफ वर्ल्‍ड अंडर-20 चैंपियनशिप्‍स में गोल्‍ड जीता। पोलैंड में अंडर-20 में रिकॉर्ड बनाया और वो ये सम्‍मान हासिल करने वाले पहले भारतीय एथलीट बने। इसके बाद भी उनका जलवा कायम रहा। चोपड़ा ने 2017 एशियाई चैंपियनशिप्‍स और 2018 कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स व एशियन गेम्‍स में खिताब जीते।

चोट से की वापसी और इतिहास के पन्‍नों पर छा गए

नीरज चोपड़ा 2019 वर्ल्‍ड चैंपियन‍शिप्‍स में हिस्‍सा नहीं ले सके थे क्‍योंकि वो कोहनी की चोट से परेशान थे। फिर उन्‍होंने वापसी की और दक्षिण अफ्रीका में टोक्‍यो ओलंपिक्‍स के लिए क्वालिफाई किया। टोक्‍यो ओलंपिक में गोल्‍ड जीतकर इतिहास रचने के बाद नीरज चोपड़ा ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। उन्‍होंने 2022 डब्‍ल्‍यूएसी में सिल्‍वर मेडल जीता। वर्ल्‍ड चैंपियनशिप्‍स में 2003 में अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद यह भारत का पहला मेडल था।

नीरज चोपड़ा को इंडियन आर्मी में मिली नौकरी

भारतीय आर्मी साउथ एशियन गेम्‍स में नीरज चोपड़ा के प्रदर्शन से काफी प्रभावित हुई। चोपड़ा को आमी में राजपूताना राइफल्‍स में जूनियर कमीशन्‍ड ऑफिसर की नौकरी दी गई। नीरज चोपड़ा को नायब सुबेदार का रैंक दिया गया, जो कि एथलीट्स को आसानी से नहीं मिलता। 2016 में जेसीओ के रूप में आर्मी में चोपड़ा को शामिल किया गया और फिर ट्रेनिंग के लिए छुट्टी दी गई।

नीरज चोपड़ा ने कहां जीते गोल्‍ड मेडल

  • 2016 : वर्ल्‍ड अंडर-20 चैंपियनशिप्‍स, पोलैंड- 86.48 मीटर, गोल्‍ड
  • 2018 : फ्रांस में सोटेविले एथलेटिक्‍स मीट, 85.17 मीटर, गोल्‍ड
  • 2018 : सावो गेम्‍स, फिनलैंड, 85.6 मीटर, गोल्‍ड मेडल
  • 2018 : कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स, ऑस्‍ट्रेलिया, 86.47 मीटर, गोल्‍ड मेडल
  • 2018 : एशियन गेम्‍स, जर्काता, 88.06 मीटर, गोल्‍ड मेडल
  • 2021 - टोक्‍यो ओलंपिक्‍स, टोक्‍या, 87.58 मीटर, गोल्‍ड
  • 2023 : वर्ल्‍ड एथलेटिक्‍स चैंपियनशिप्‍स, हंगरी, 88.17 मीटर, गोल्‍ड

नीरज चोपड़ा को कौन-से अवॉर्ड मिले

  • 2018 - अर्जुन अवॉर्ड
  • 2020 गणतंत्र दिवस सम्मान - विशिष्‍ट सेवा मेडल
  • 2021 - मेजर ध्‍यानचंद खेल रत्‍न अवॉर्ड
  • 2022 गणतंत्र दिवस सम्‍मान - परम विशिष्‍ट सेवा मेडल
  • 2022 गणतंत्र दिवस सम्‍मान - पद्म श्री