Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Arshad Nadeem: जेवलिन खरीदने के नहीं थे पैसे, गांव वालों ने चंदा जुटाकर की मदद; गोल्‍ड मेडलिस्‍ट अरशद की कहानी लोगों के लिए प्रेरणा

Arshad Nadeem Struggle Story पाकिस्तान के अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 जेवलिन थ्रो फाइनल मैच में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इसके साथ ही पाकिस्तान के अरशद नदीम ने ओलंपिक में नया रिकॉर्ड बनाया। नदीम ने अपना दूसरा थ्रो 92.97 मीटर जो ओलंपिक इतिहास का सबसे लंबा थ्रो था। वहीं भारत के नीरज चोपड़ा के हाथ सिल्वर मेडल ही आया।

By Priyanka Joshi Edited By: Priyanka Joshi Updated: Fri, 09 Aug 2024 10:31 AM (IST)
Hero Image
Arshad Nadeem: कौन हैं अरशद नदीम, जिन्होंने जीता पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। Arshad Nadeem: अरशद नदीम, एक ऐसा नाम जो बीती रात से हर किसी की जुबां पर जरूर लिया जा रहा है। पाकिस्तान के अरशद नदीम ने जेवलिन थ्रो इवेंट में गोल्ड मेडल जीत लिया और ओलंपिक में नायाब रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 92.97 मीटर दूर भाला फेंका।

इससे पहले नॉर्ने के एथलीट थोरकिल्डसेन एंड्रियास ने 2008 में बीजिंग ओलंपिक में 90.57 मीटर का रिकॉर्ड बनाया था। अब नदीम ने इस रिकॉर्ड को तोड़कर इतिहास रच दिया। ये पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार रहा जब ओलंपिक में किसी एथलीट ने व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता।

Arshad Nadeem: कौन हैं अरशद नदीम, जिन्होंने जीता पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल

दरअसल, 27 साल के जेवलिन थ्रोअर अरशद नदीम पाकिस्तानी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने जेवलिन थ्रो इवेंट के फाइनल में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। अरशद के गोल्ड मेडल जीतने के बाद उनकी हर जगह तारीफ तो हो रही है, लेकिन उनके जिंदगी के असली संघर्ष की कहानी के बारे में लोगों को कुछ खास नहीं पता।

अरशद नदीम के पिता मुहाम्मद अशरफ मजदूर हैं। उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह घर का खर्चा और नदीम की ट्रेनिंग दोनों का खर्च उठा सकें। नदीम को पेरिस ओलंपिक में भेजने के लिए उनके पूरे गांव ने मिलकर उनकी ट्रेनिंग के लिए पैसे इक्ठ्ठा किए। उनके पिता ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए ये बताया था कि लोगों को इसका अंदाजा भी नहीं कि अरशद यहां तक कैसे पहुंचा। कैसे उनके गांव वालों ने उनके करियर की शुरुआत में चंदा जुटाकर उन्हें अलग-अलग जगह ट्रेनिंग और ट्रेवल करने में मदद की।

यह भी पढ़ें: ‘वो भी हमारा बेटा है’ Neeraj Chopra की मां ने दिखाया बड़ा दिल, Arshad Nadeem की तारीफ कर बढ़ाई दोनों मुल्कों की करीबी

उन्होंने ये भी बताया कि आर्थिक तंगी के चलते अरशद एक पुराने भाले से करनी पड़ी। ये भाला खराब भी हो चुका था और उन्हें कई साल से इंटरनेशनल लेवल का नया भाला नहीं खरीद सके और पुराने डैमेज हो चुके भाले से ही अभ्यास करते रहे।

Arshad Nadeem का ऐसा रहा करियर

पाकिस्तान के अरशद नदीम ने टोक्यो 2020 ओलंपिक्स में पुरुषों के जैवलिन थ्रो इवेंट में 86.62 मीटर दूर भाला फेंककर के साथ पांचवां स्थान हासिल किया। इससे पहले नदीम का करियर बेस्ट थ्रो 90.18 मीटर था, जिसने उन्हें 90 मीटर का आंकड़ा पार करने वाले वह पहले एशियाई बने।

साल 2015 में नदीम ने भाला फेंक इवेंट में हिस्सा लेना शुरू किया था और बेहद ही कम समय में उन्होंने अपनी छाप छोड़ दी। साल 2016 में उन्होंने गुवाहाटी में भारत में साउथ एशियन गेम्स में 78.33 मीटर की राष्ट्रीय रिकॉर्ड थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता।

इसके बाद नदीम ने 2019 की वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स, दोहा, कतर में अपनी काबिलियत का लोहा मानवाया। एक स्कूल के बच्चे से लेकर आज ओलंपिक चैंपियन बनने तक कि नदीम की कहानी ये साबित करती है कि मेहनत और समपर्ण से कोई कुछ भी हासिल कर सकता है।