'यह परिणाम मुझे ओलंपिक में मदद करेगी...' पैरा तीरंदाज शीतल देवी ने सक्षम खिलाड़ियों के बीच जीता रजत पदक
डीडीए यमुना खेल परिसर में आयोजित प्रतियोगिता में 17 वर्षीय शीतल ने सक्षम जूनियर तीरंदाजों के साथ प्रतिस्पर्धा की और व्यक्तिगत कंपाउंड स्पर्धा के फाइनल में एकता से 138-140 से हार गईं। इस वर्ष की शुरुआत में हांगझू एशियाई पैरा खेलों में दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीतने के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित शीतल का जन्म फोकोमेलिया नामक एक दुर्लभ बीमारी के साथ हुआ था।
पीटीआई,नई दिल्ली। एशियाई पैरा खेलों की स्वर्ण विजेता शीतल देवी ने खेलो इंडिया एनटीपीसी राष्ट्रीय रैंकिंग तीरंदाजी प्रतियोगिता में सक्षम खिलाड़ियों के बीच रजत पदक जीता। वह हरियाणा की एकता रानी के बाद दूसरे स्थान पर रहीं जो जूनियर विश्व चैंपियन हैं।
फोकोमेलिया बीमारी के साथ हुआ शीतल का जन्म
डीडीए यमुना खेल परिसर में आयोजित प्रतियोगिता में 17 वर्षीय शीतल ने सक्षम जूनियर तीरंदाजों के साथ प्रतिस्पर्धा की और व्यक्तिगत कंपाउंड स्पर्धा के फाइनल में एकता से 138-140 से हार गईं। इस वर्ष की शुरुआत में हांगझू एशियाई पैरा खेलों में दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीतने के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित शीतल का जन्म फोकोमेलिया नामक एक दुर्लभ बीमारी के साथ हुआ था।
यह परिणाम मुझे ओलंपिक में मदद करेगी...
वह पहली और एकमात्र अंतरराष्ट्रीय महिला पैरा तीरंदाज हैं जिनकी बांह नहीं है। शीतल का मानना है कि खेलो इंडिया प्रतियोगिता में उनके प्रदर्शन से उन्हें आगे की चुनौतियों के लिए तैयार होने में मदद मिलेगी।भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के तहत शीतल ने बताया, 'इस परिणाम से मुझे अंतरराष्ट्रीय मंचों और ओलंपिक में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।' एकता को स्वर्ण पदक जीतने के लिए 50 हजार रुपये की पुरस्कार राशि मिली जबकि शीतल को 40 हजार रुपये मिले।
टूर्नामेंट तीन श्रेणियों - सीनियर, जूनियर और सब जूनियर रिकर्व तथा कंपाउंड वर्ग में आयोजित किया गया था। इस प्रतियोगिता में 87 तीरंदाजों ने भाग लिया।