Olympic Emblems: बहुत प्राचीन है ओलंपिक प्रतीक चिन्ह का इतिहास, आयोजक देश की बयां करता है संस्कृति और सभ्यता
पेरिस ओलंपिक 2024 के आगाज में महज दो दिन बचे हुए हैं। 26 जुलाई से खेलों के महाकुंभ का शुभारंभ हो जाएगा। इस बार पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक के लिए एक ही एम्ब्लेम्स (प्रतीक चिन्ह) जारी किया गया है। यह ओलंपिक इतिहास में पहली बार हुआ है। इस एम्ब्लेम्स में तीन अलग-अलग प्रतीकों को दर्शाया गया है। आइए जानते हैं अभी तक जारी हुए प्रतीक चिन्हों के बारे में।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक 2024 के आगाज होने में मजह दो ही दिन रह गए हैं। इस बार समर ओलंपिक और पैरा ओलंपिक फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए एम्ब्लेम्स (प्रतीक चिन्ह) जारी किए जा चुके हैं। इस प्रतीक चिन्ह में फ्रांस की संस्कृति को दर्शाया गया है।
पेरिस 2024 के एम्ब्लेम्स में तीन अलग-अलग प्रतीक शामिल हैं। पहला स्वर्ण पदक, दूसरा लौ (ओलंपिक मशाल की) और तीसरा मैरिएन है। मैरिएन फ्रांसीसी गणराज्य का प्रतीक है जो स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व को बढ़ावा देता है। इस प्रतीक चिन्ह में फ्रांस की पहचान और मूल्यों का एक हिस्सा दर्शाया गया है।
यह ओलंपिक इतिहास में पहली बार भी है जब ओलंपिक खेलों और पैरालिंपिक खेलों दोनों के लिए एक ही प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल किया गया है। अब सवाल यह उठता है कि कब-कब ओलंपिक में एम्ब्लेम्स जारी किए हैं। आइए आधुनिक ओलंपिक में प्रतीक चिन्ह और उनके मतलब के बारे में जानते हैं।
1912 में जारी हुए पांच रंगीन छल्ले
पहले तीन आधुनिक ओलंपिक (1894,1900 और 1904 में) कोई प्रतीक चिन्ह नहीं थे। हालांकि, 1900 में पेरिस में आयोजित ओलंपिक में कुछ पोस्टर बनाए थे जिसमें एक महिला को एक में तलवारबाजी के तीन हथियारों को पकड़े हुए एक महिला को दर्शाया गया था। साल 1912 ओलंपिक में पहली बार पांच रंगीन छल्लों को प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया गया।
The emblems of the Olympic Summer Games. In a few hours #Paris2024 will unveil their Olympic emblem. 👇 Follow @Paris2024 #Olympics pic.twitter.com/FXpzabk7r8— The Olympic Games (@Olympics) October 21, 2019
ओलंपिक गेम्म 1924
दूसरी ओर, 1924 ओलंपिक में एक प्रतीक चिन्ह था। इसमें "VIII ओलंपियाड पेरिस 1924 " और उसके नीचे "फ्रेंच ओलंपिक समिति" (फ्रेंच में) लिखा था। इसमें पेरिस शहर के हथियारों के कोट को दर्शाया गया था। यह छवि एक नौकायन जहाज की थी, जो पतवारों के साथ सीन नदी में यात्रा कर रहा था।
यह दूसरी बार था जब फ्रांसीसी राजधानी ने ओलंपिक गेम्स की मेजबानी की थी। 14 वीं शताब्दी के एक हथियारों का एक कोट को प्रतीक चिन्ह को इसके ऐतिहासिक महत्व के लिए चुना गया था।
टोक्यो 1964
टोक्यो 1964 ओलंपिक गेम्स के लिए प्रतीक चिन्ह में जापानी ध्वज के लाल घेरे का इस्तेमाल किया गया था। जो सूर्य और विशेष रूप से शिंटो धर्म के सूर्य देवता अमातेरासु का प्रतिनिधित्व करता था। लाल घेरे के नीचे ओलंपिक रिंग और सुनहरे अक्षरों में "टोक्यो 1964" लिखा गया था।
मेक्सिको सिटी 1968
मेक्सिको सिटी 1968 ओलंपिक गेम्स के प्रतीक चिन्ह को प्री-कोलंबियन मैक्सिकन कला की प्रेरणा से बनाया गया था। डिजाइन में ओलंपिक रिंग थे, जिन्हें 68 के आंकड़े में शामिल किया गया था। प्रतीक चिन्ह देश, साल और खेल आयोजन की पहचान की, और मैक्सिकन संस्कृति और आधुनिकता पर आधारित था।
1984 अमेरिका
सोलह साल बाद लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया ने दूसरी बार ओलंपिक गेम्स की मेजबानी की। XXIII ओलंपियाड लॉस एंजिल्स 1984 के ओलंपिक गेम्स के प्रतीक चिन्ह के रूप में लाल, सफेद और नीले रंग के राष्ट्रीय रंगों में अमेरिकी ध्वज के सितारे दिखाए गए थे। सितारों को क्षैतिज धारियों से काटा गया था, जो गति और गतिशीलता को दर्शाता था, सीधी रेखाओं में 100 मीटर स्प्रिंटर्स की पूरी गति से दौड़ने की आकृति बनाई गई थी।
बार्सिलोना 1992 ओलंपिक गेम्स में तीन-स्ट्रोक प्रतीक चिन्ह में एक एथलीट को दौड़ते या कूदते हुए दिखाया गया था। पीली और लाल रेखाएँ स्पेन के रंग थे, जबकि आकृति के सिर को बनाने वाला नीला रंग बार्सिलोना की भूमध्य सागर से निकटता को दर्शाता था।
ब्रश से बना एथलीट
सिडनी 2000 ओलंपिक गेम्स के प्रतीक चिन्ह में ब्रश से बना एथलीट, जो बूमरैंग की तरह दौड़ता हुआ दिखाया गया था। आकृति के ऊपर प्रतिष्ठित सिडनी ओपेरा हाउस की चोटियों को दर्शाया गया था। नीले, पीले और लाल रंग सूर्य, चट्टानों, समुद्र और ऑस्ट्रेलिया के अनूठे परिदृश्यों और उसके स्वदेशी लोगों के संदर्भ थे।
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रियो 2016 ओलंपिक गेम्स का प्रतीक चिन्ह, नीले, हरे और नारंगी-पीले (ब्राजील के ध्वज के रंग) रंगों के साथ एक चक्र बनाने के लिए हाथ मिलाने वाली तीन आकृतियों के रूप में बनाया था। प्रतीक डिजाइन शहर के प्रसिद्ध सुगरलोफ माउंटेन से प्रेरित था।
टोक्यो 2020 ओलंपिक गेम्स के लिए चेकर्ड पैटर्न को प्रतीक चिन्ह बनाया गया था। जापान में, चेकर्ड पैटर्न को औपचारिक रूप से एडो काल (1603-1867) के दौरान "इचिमात्सु मोयो" के रूप में जाना जाता था। पारंपरिक जापानी रंग इंडिगो में प्रतीक डिजाइन, परिष्कृत लालित्य और परिष्कार को व्यक्त करता है जो जापान का उदाहरण है।