Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

मेडल मैच से पहले पूरी रात सोए नहीं थे अमन सेहरावत, एक डर ने उड़ी दी थी नींद, खुद किया चौंकाने वाला खुलासा

भारत के पुरुष पहलवान अमन सेहरावत ने पेरिस ओलंपिक-2024 में देश की झोली में एक और मेडल डाल दिया। उन्होंने 57 किलोग्राम भारवर्ग में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। लेकिन इस मैच में उतरना ही अमन के लिए कड़ी चुनौती था क्योंकि इस मुकाबले से पहले वह रात भर सोए नहीं थे। अमन ने मेडल जीतने के बाद खुद ये खुलासा किया है।

By Abhishek Upadhyay Edited By: Abhishek Upadhyay Updated: Sat, 10 Aug 2024 06:46 PM (IST)
Hero Image
अमन सेहरावत ने पेरिस ओलंपिक में जीता ब्रॉन्ज मेडल

 स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक-2024 में विनेश फोगाट के साथ जो हुआ उसके बाद लग रहा था कि इस बार भारत को कुश्ती में मेडल नहीं मिलेगा। अमन सेहरावत ने ऐसा होने नहीं दिया। उन्होंने शुक्रवार देर रात भारत की झोली में एक ब्रॉन्ज मेडल डाल दिया। अमन ने इसके लिए कड़ी मेहनत की और इसका परिणाम उनके मैच में दिखा। अमन ने मेडल जीतने के बाद कहा कि वह रात भर सोए नहीं थे, क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं उनके साथ वो न हो जाए जो विनेश के साथ हुआ था।

अमन ने पोर्टे रिको के डारियान क्रूज को 13-5 से मात दे ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। ये अमन का पहला ओलंपिक था और अपने डेब्यू में ही वह मेडल जीतने में सफल रहे। अमन के मेडल से ये तय हो गया कि भारत इस बार भी ओलंपिक में कुश्ती में बिना मेडल जीते नहीं लौटेगा।

यह भी पढ़ें- Aman Sehrawat Olympics: कौन हैं अमन सेहरावत, बचपन में ही उठा माता-पिता का साया; दादा ने पाला

'अगली बार जीतूंगा गोल्ड'

अमन ने कहा कि वह गोल्ड मेडल का ख्वाब लेकर आए थे, लेकिन वह इससे चूक गए और अब अगली बार इसकी पूरी तैयारी करके आएंगे। अमन ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, "मैं ओलंपिक मेडल जीतने का सपना लेकर आया था, गोल्ड जीतना चाहता था, लेकिन जो कुछ होता है अच्छे के लिए होता है। अगली बार, मैं और बेहतर तैयारी के साथ आऊंगा। मेरे लिए यह बहुत बड़ी बात है। मुझे अब विश्वास है कि अगले ओलंपिक में निश्चित तौर पर अच्छा करूंगा।"

रात भर की मेहनत

अमन को सेमीफाइनल मैच में जापान के रेई हिगुची ने मात दी थी। इसके बाद ही वह ब्रॉन्ज मेडल मैच में पहुंचे थे। मैच के बाद अमन का वजन ज्यादा था और अगले दिन तक उन्हें ये वजन कम करना था। अमन ने कहा कि उन्होंने तय सीमा में वजन लाने के लिए घंटों मेहनत की और रातभर सोए नहीं।

उन्होंने कहा, "हमने काफी वजन कम किया। मैच खत्म होने के बाद, मैंने दो घंटे अभ्यास किया। इसके बाद रात के एक बजे, मैंने जिम में मेहनत की। तीन बजे तक मैं लगभग अपना काम खत्म कर चुका था। लेकिन मैं सोया नहीं। टारगेट ये था कि तय सीमा में वजन लाया जाए। मैच से पहले मैं बिल्कुल भी नहीं सोया।"

विनेश ने महिलाओं के 50 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में जगह बना ली थी। लेकिन फाइनल से पहले उनका वजन जब तौला गया था ये 100 ग्राम ज्यादा निकला और वह डिसक्वालिफाई कर दी गईं।

यह भी पढ़ें- 'अनमोल निकले अमन', ओलंपिक में पदक जीतने वाले बने सबसे कम उम्र के भारतीय एथलीट; पीवी सिंधू को पछाड़ा