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Paris Olympics 2024: ओलंपिक में भारत को इन टॉप-10 एथलीटों से है पदक की उम्मीद, पेरिस में तिरंगा फहराने को बेताब हैं खिलाड़ी

फ्रांस की राजधानी पेरिस में 26 जुलाई से ओलंपिक की शुरुआत होगी। खेलों का यह महाकुंभ 11 अगस्त तक आयोजित होगा। भारत के 100 से अधिक एथलीट पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेंगे। इनमें से टॉप-10 पदक दावेदारों में नीरज चोपड़ा पहले स्थान पर हैं। भारत इन टॉप-10 दावेदारों से ओलंपिक पदक जीतने की उम्मीद है। पीएम मोदी ने एथलीटों को प्रेरित किया है।

By Umesh Kumar Edited By: Umesh Kumar Updated: Sat, 06 Jul 2024 03:09 PM (IST)
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पेरिस ओलंपिक 2024 में 100 से ज्यादा भारतीय एथलीट लेंगे हिस्सा।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। ओलंपिक 2024 की शुरुआत 26 जुलाई को फ्रांस की राजधानी पेरिस में होगी, जिसमें 100 से अधिक भारतीय एथलीट दुनिया के सबसे बड़े खेल मंच के पोडियम पर पहुंचने के लिए अपना दमखम दिखाएंगे। पदक की देश की उम्मीदों का नेतृत्व करने वाले भारतीय नामों की सूची में नीरज चोपड़ा सबसे आगे खड़े दिखाई देते हैं।

जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था। इसके अलावा भारत की 21 सदस्यीय निशानेबाजी दल, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की मेंस डबल्स बैडमिंटन जोड़ी के साथ-साथ दो बार की मुक्केबाजी विश्व चैंपियन निखत जरीन और मेंस हॉकी टीम से भी पदक की उम्मीदें जुड़ी हुई हैं। आइए जानते हैं पेरिस जाने वाले भारतीय दल के टॉप 10 दावेदारों के बारे में जो भारत के ओलंपिक मेडल जीत सकते हैं।

नीरज चोपड़ा ( जेवलिन थ्रो)

भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा लगातार दूसरा ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचना चाहेंगे। अगर वह ऐसा कर पाते हैं तो नीरज पहले ऐसे भारतीय एथलीट होंगे जिसने दो बाल लगातार गोल्ड मेडल जीता हो। नीरज चोपड़ा ने आखिरी बार 18 जून को फिनलैंड के तुर्कू में पावो नूरमी खेलों में हिस्सा लिया था। 85.97 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ उन्होंने वहां स्वर्ण पदक जीता था।

मेंस हॉकी टीम

ओलंपिक में भारतीय हॉकी ने कुल आठ बार (1928, 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1964, और 1980) स्वर्ण पदक जीता है। वहीं एक बार (1960) सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया है। ओलंपिक में भारत ने तीन बार (1968,1972 और 2020 में) कांस्य पदक जीता है। पेरिस ओलंपिक में भारत गोल्ड मेडल जीतकर अपना दबदबा फिर से कायम रखना चाहेगा।

लवलीना बोरगोहेन (बॉक्सिंग)

लवलीना ने ओलंपिक 2020 में कांस्य पदक जीता था। हाल ही में उन्होंने चेक गणराज्य में ग्रैंड प्रिक्स टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। यहां वह दो मुकाबले हार गईं और एक बार जीतीं। ग्रैंड प्रिक्स टूर्नामेंट में लवलीना के हाथ सिल्वर मेडल लगा। निखत के साथ वह भी एक महीने के ट्रेनिंग कैंप के लिए जर्मनी के सारब्रुकेन में हैं। 22 जुलाई को शिविर समाप्त होने के बाद लवलीना अपने दूसरे ओलंपिक पदक की तलाश में पेरिस जाएंगी।

विनेश फोगाट (कुश्ती)

कुश्ती चैंपियन विनेश फोगाट जल्द ही स्पेन ग्रैंड प्रिक्स में भाग लेने के लिए मैदान में उतरेंगी। स्पेन में होने वाले कार्यक्रम के बाद वह ओलंपिक की तैयारी के लिए 20 दिनों की ट्रेनिंग के लिए फ्रांस जाएंगी। विनेश फोगाट ने 2020 ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई किया था। हालांकि, कोई मेडल भी नहीं जीत सकीं थी।

पीवी सिंधु (बैडमिंटन)

साल 2016 रियो समर ओलंपिक में सिल्वर मेडल और साल 2020 टोक्यो ओलंपिक में ब्रांज मेडल जीतने वाली पीवी सिंधु से भारत को एक फिर पदक की उम्मीद होगी। अगर वह पेरिस में ओलंपिक पदक जीतती हैं तो वह भारत की सबसे सफल एथलीट बन जाएंगी। पीवी सिंधु फिलहाल जर्मनी के सारब्रुकेन में अपने कोच अगुस द्वी सैंटोसो और उनकी टीम के साथ ट्रेनिंग ले रही हैं।

निखत जरीन (बॉक्सिंग)

दो बार की विश्व चैंपियन निखत जरीन पेरिस ओलंपिक में भी तिरंगा लहराना चाहेंगी। यह उनका पहला ओलंपिक होगा। वह आखिरी बार मई में एलोर्डा कप में खेली थीं जहां उन्होंने गोल्ड जीता था। फिलहाल, निखत जर्मनी के सारब्रुकेन में ओलंपिक सेंटर में एक महीने की ट्रेनिंग पर हैं। वह 22 जुलाई तक वहां रहेंगी और फिर पेरिस जाएंगी।

मीराबाई चानू (भारोत्तोलन- वेटलिफ्टिंग)

टोक्यो ओलंपिक में अपने शानदार प्रदर्शन से रजत पदक जीतने के बाद मीराबाई चानू एक बार फिर पेरिस में ओलंपिक पोडियम पर पहुंचने की कोशिश करेंगी। टोक्यो में जीत के बाद से मीराबाई के लिए यह सफर आसान नहीं रहा है क्योंकि चोटों के कारण उन्हें काफी मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा। वह एनआईएस पटियाला में प्रशिक्षण ले रही हैं, वह अगले सप्ताह फ्रांस जाएंगी।

सिफ्त कौर समरा (शूटिंग)

एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता सिफ्ट ने चार चरण के ओलंपिक चयन ट्रायल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में पेरिस टीम में जगह बनाई। पिछले महीने की शुरुआत में वह म्यूनिख विश्व कप में खेली थीं, जहां उन्होंने कांस्य पदक जीता था। उन्होंने हाल ही में फ्रांस में राष्ट्रीय शिविर समाप्त किया था और अब वह ओलंपिक में नजर आएंगी।

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सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी (बैडमिंटन)

सात्विक और चिराग ने सिंगापुर ओपन के बाद से कोई टूर्नामेंट नहीं खेला है। जहां वे पहले दौर में हार गए थे। मेंस डबल्स में इन दोनों से भारत को पदक की उम्मीद है। टोक्यो ओलंपिक में दोनों अपने तीन ग्रुप मैचों में से दो जीतने के बावजूद क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने से चूक गए थे।

अदिति अशोक (गोल्फ)

टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने से चूकने के बाद अदिति अशोक ने एशियन्स गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। अदिति तीसरी बार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। अदिति ने पहला ओलंपिक साल 2016 में खेला था। अदिति से भी भारत को पदक की उम्मीद है।

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