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Manu Bhaker Pistol: 900 KM की स्‍पीड, 4.5mm कैल‍िबर और 1.5 क‍िलो वजन; जिस पिस्‍टल से मनु भाकर ने जीते 2 मेडल, उसकी कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश

भारतीय निशानेबाज मनु भाकर पेरिस ओलंपिक 2024 में लगातर झंडे गाड़ रही हैं। उन्‍होंने अब तक 2 मेडल अपने नाम कर लिए हैं। मनु की नजर अब मेडल की हैट्रिक लगाने पर है। मनु भाकर ने महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में जगह बना ली है। इससे पहले मनु ने विमंस 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्‍य पदक जीता था।

By Rajat Gupta Edited By: Rajat Gupta Updated: Fri, 02 Aug 2024 08:28 PM (IST)
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लाखों में आती है मनु भाकर की पिस्‍टल। इमेज- सोशल मीडिया
 स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय निशानेबाज मनु भाकर पेरिस ओलंपिक 2024 में लगातर झंडे गाड़ रही हैं। उन्‍होंने अब तक 2 मेडल अपने नाम कर लिए हैं। मनु की नजर अब मेडल की हैट्रिक लगाने पर है। मनु भाकर ने महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में जगह बना ली है। ऐसे में शनिवार को उनके खाते में तीसरा और भारत की झोली में चौथा मेडल आ सकता है।

इससे पहले मनु ने विमंस 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्‍य पदक जीता था। पेरिस ओलंपिक में यह भारत का पहला पदक था। इसके बाद मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में ब्रॉन्‍ज मेडल अपने नाम किया था। ऐसे में मनु एक ही ओलंपिक में 2 पदक जीतने वाली भारतीय बनीं। आइए इस बीच मनु की पिस्‍टल के बारे में जानते हैं।

16 लाख रुपये है कीमत

  • मोरिनी CM 162EI मॉडल पिस्‍टल से मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में दो ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। मनु भाकर की इस पिस्‍टल का लाइसेंस है।
  • जब भी कोई भारतीय निशानेबाज ओलंपिक या किसी अन्‍य इवेंट में हिस्‍सा लेता है तो नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) या फिर भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) उसे पिस्‍टल उपल्‍ब्‍ध कराता है।
  • ज्‍यादातर शूटर मोरिनी CM 162EI मॉडल पिस्‍टल का इस्‍तेमाल करते हैं। इसकी कीमत करीब 16 लाख रुपये है।
  • अलग-अलग मॉडल के हिसाब से कीमत अलग-अलग होती है। इस प‍िस्‍टल का वजन 1.5 क‍िलो से ज्‍यादा नहीं होना चाह‍िए।
  • इसके ट्रि‍गर पुल का वजन लगभग आधा किलो होता है। सरकार की मंजूरी के ना तो इसे खरीदा जा सकता है और ना ही कोई एथलीट इसे बेच सकता है।

900 KM होती है स्‍पीड

आपको बता दें कि 10 मीटर एयर प‍िस्‍टल मैच के ल‍िए ज‍िस छर्रे का यूज किया जाता है उसका सामने का भाग सपाट होता है। इसके पीछे का कारण न‍िशाने को आसानी से भेदना है। सभी निशानेबाज इवेंट की शुरुआत से पहले अपने उपकरण चेक कराते हैं।

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ऐसा इसलिए होता है निशानेबाज अपने ट्रिगर पुल का वजन ना घटा दें। इस पिस्‍टल की स्‍पीड की बात करें तो कई शूटर्स प‍िस्‍टल से 240 से 270 मीटर प्रत‍ि सेकंड की स्‍पीड भी न‍िकाल देते हैं। यह 900 किलोमीटर प्रति घंटे के करीब होती है।

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