Paris Olympics: भारतीय धुरंधरों के बाणों से निकलेगी पदक धारा, दीपिका और धीरज पर उम्मीदों का भार
India Archery team at Paris Olympics भारतीय तीरंदाज ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए पेरिस पहुंच चुके हैं। भारतीय तीरंदाज लगातार बड़े मंचों पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं इसलिए उनसे ओलंपिक में हमेशा उनसे पदक की उम्मीद रहती है। पहली बार 1988 ओलंपिक में भारत ने अपने तीरंदाजों को उतारा था लेकिन 36 साल बाद भी कोई भी तीरंदाज पदक नहीं जीत पाया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भारतीय तीरंदाज ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए पेरिस पहुंच चुके हैं। भारतीय तीरंदाज लगातार बड़े मंचों पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं, इसलिए उनसे ओलंपिक में हमेशा उनसे पदक की उम्मीद रहती है।
पहली बार 1988 ओलंपिक में भारत ने अपने तीरंदाजों को उतारा था, लेकिन 36 साल बाद भी कोई भी तीरंदाज पदक नहीं जीत पाया है। 1992 के ओलंपिक में लंबा राम पदक के काफी करीब पहुंच गए थे, लेकिन कांस्य पदक से चूक गए थे।
2004 एथेंस में सत्यदेव प्रसाद पुरुषों की व्यक्तिगत स्पर्धा में 10वें स्थान पर रहे, जबकि रीना कुमारी 15वें स्थान पर रहीं। महिलाओं की ने आठवें स्थान पर खेलों का समापन करके शानदार प्रदर्शन किया।
इस बार भारत सरकार ने तीरंदाजी को 2024 और उससे आगे के लिए प्राथमिकता वाले खेलों में रखा और तीरंदाजों की तैयारियों पर 39 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं। इस बार चौथी बार ओ¨लपिक में हिस्सा ले रहीं दीपिका कुमारी के अलावा तरुणदीप राय समेत छह तीरंदाज पेरिस में पदकों का सूखा खत्म करने उतरेंगे।
भारत के धनुर्धर
- धीरज बोम्मादेवरा 22 वर्ष, विजयवाड़ा
एशियाई खेल : रजत पदकविश्व में 12वें नंबर के खिलाड़ी धीरज की इस सत्र में जीत प्रतिशत 81 है। 22 वर्षीय खिलाड़ी ने इस साल चार टूर्नामेंट खेले हैं और दो पोडियम फिनिश हासिल किए हैं। उनके प्रदर्शन और पिछले कुछ वर्षों में उनकी प्रगति को देखते हुए धीरज पोडियम फिनिश हासिल कर सकते हैं, लेकिन उन्हें चीनी और कोरियाई तीरंदाजों से कड़ी चुनौती मिलेगी।
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तरुणदीप राय- 40 वर्ष
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प्रवीण जाधव 28 वर्ष, महाराष्ट्र
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दीपिका कुमारी 30 वर्ष, झारखंड
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भजन कौर 18 वर्ष, हरियाणा