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Paris Olympics: भारतीय धुरंधरों के बाणों से निकलेगी पदक धारा, दीपिका और धीरज पर उम्मीदों का भार

India Archery team at Paris Olympics भारतीय तीरंदाज ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए पेरिस पहुंच चुके हैं। भारतीय तीरंदाज लगातार बड़े मंचों पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं इसलिए उनसे ओलंपिक में हमेशा उनसे पदक की उम्मीद रहती है। पहली बार 1988 ओलंपिक में भारत ने अपने तीरंदाजों को उतारा था लेकिन 36 साल बाद भी कोई भी तीरंदाज पदक नहीं जीत पाया है।

By Jagran News Edited By: Priyanka Joshi Updated: Tue, 23 Jul 2024 04:07 PM (IST)
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Paris Olympics: भारतीय धुरंधरों के बाणों से निकलेगी पदक धारा

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भारतीय तीरंदाज ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए पेरिस पहुंच चुके हैं। भारतीय तीरंदाज लगातार बड़े मंचों पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं, इसलिए उनसे ओलंपिक में हमेशा उनसे पदक की उम्मीद रहती है।

पहली बार 1988 ओलंपिक में भारत ने अपने तीरंदाजों को उतारा था, लेकिन 36 साल बाद भी कोई भी तीरंदाज पदक नहीं जीत पाया है। 1992 के ओलंपिक में लंबा राम पदक के काफी करीब पहुंच गए थे, लेकिन कांस्य पदक से चूक गए थे।

2004 एथेंस में सत्यदेव प्रसाद पुरुषों की व्यक्तिगत स्पर्धा में 10वें स्थान पर रहे, जबकि रीना कुमारी 15वें स्थान पर रहीं। महिलाओं की ने आठवें स्थान पर खेलों का समापन करके शानदार प्रदर्शन किया।

इस बार भारत सरकार ने तीरंदाजी को 2024 और उससे आगे के लिए प्राथमिकता वाले खेलों में रखा और तीरंदाजों की तैयारियों पर 39 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं। इस बार चौथी बार ओ¨लपिक में हिस्सा ले रहीं दीपिका कुमारी के अलावा तरुणदीप राय समेत छह तीरंदाज पेरिस में पदकों का सूखा खत्म करने उतरेंगे।

भारत के धनुर्धर

  • धीरज बोम्मादेवरा 22 वर्ष, विजयवाड़ा

उपलब्धि- विश्व कप 2024 : एक स्वर्ण (टीम), एक कांस्यहांगझू

एशियाई खेल : रजत पदक

विश्व में 12वें नंबर के खिलाड़ी धीरज की इस सत्र में जीत प्रतिशत 81 है। 22 वर्षीय खिलाड़ी ने इस साल चार टूर्नामेंट खेले हैं और दो पोडियम फिनिश हासिल किए हैं। उनके प्रदर्शन और पिछले कुछ वर्षों में उनकी प्रगति को देखते हुए धीरज पोडियम फिनिश हासिल कर सकते हैं, लेकिन उन्हें चीनी और कोरियाई तीरंदाजों से कड़ी चुनौती मिलेगी।

  • तरुणदीप राय- 40 वर्ष

उपलब्धि : तीरंदाजी विश्व कप 2024 : स्वर्ण पदक (टीम) तीरंदाजी विश्व चैंपियनशिप 2019 : रजत पदक तीन बार ओलंपिक खेलने के बावजूद तरुणदीप प्रतियोगिता के दूसरे दौर से आगे नहीं बढ़ पाए हैं। 31 वर्षीय खिलाड़ी का इस सीजन में जीत प्रतिशत 64 है। उन्होंने इस साल चार प्रतियोगिताएं खेली हैं, लेकिन एशिया कप लेग 1 में केवल रजत पदक ही उनका अच्छा प्रदर्शन था।

  • प्रवीण जाधव 28 वर्ष, महाराष्ट्र

उपलब्धि : तीरंदाजी विश्व कप 2024 : स्वर्ण पदक (टीम)एशियाई ग्रांप्रि सर्किट 2024 : स्वर्ण पदक

दुनिया के 114वें स्थान पर मौजूद प्रवीण जाधव ने टोक्यो ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में देश का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन दूसरे दौर से ही बाहर हो गए। इस सत्र में उनका जीत प्रतिशत केवल 43 है, जो ¨चता का विषय है। वह इस साल किसी भी टूर्नामेंट में पोडियम फिनिश हासिल नहीं कर पाए हैं।

  • दीपिका कुमारी 30 वर्ष, झारखंड

उपलब्धियां : एशिया कप 2024 : स्वर्ण पदक विश्व कप स्टेज 1 2024 : रजत पदक विश्व कप स्टेज 4 2024: चार स्वर्ण

पूर्व विश्व नंबर 1 दीपिका कुमार निसंदेह सबसे सफल भारतीय तीरंदाज हैं। उनके नाम कई ट्राफियां हैं, लेकिन जब बात ओ¨लपिक की होती है तो वह अपने कद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाई हैं। टोक्यों में वह क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी, जो उनका ओ¨लपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। इस सीजन में जीत प्रतिशत 75 है। इस साल एशिया कप लेग 1 में स्वर्ण और तीरंदाजी विश्व कप स्टेज 1 में रजत ने उन्हें एक बार फिर मजबूत दावेदार बना दिया है।

  • भजन कौर 18 वर्ष, हरियाणा

उपलब्धियां : एशियाई खेल 2022: कांस्य पदक (टीम)तीरंदाजी विश्व कप 2023 : कांस्य पदकभजन कौर रैं¨कग 45वीं की हैं और उनके पास अपने पहले ओलंपिक में इतिहास रचने का मौका होगा। इस साल पांच टूर्नामेंट खेले हैं और ओ¨लपिक क्वालीफायर में केवल स्वर्ण पदक ही उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। इस सत्र में उनका जीत प्रतिशत 64 है, लेकिन वैश्विक मंच पर प्रदर्शन की कमी बाधा बन सकती है।

अंकिता भकत 26 वर्ष, कोलकाता

उपलब्धियां : एशियाई खेल 2022 : कांस्य पदक (टीम)विश्व युवा तीरंदाजी चैंपियनशिप 2017 : स्वर्ण पदक दुनिया की नंबर 10 और 26 वर्षीय अंकिता का यह पहला ओ¨लपिक होगा। इस सत्र में जीत प्रतिशत 60 है। इस साल पोडियम फिनिश नहीं होने से अंकिता तीरंदाज के पदक जीतने की संभावना काफी कम है।

इन स्पर्धाओं में पेश करेंगे चुनौती

पुरुष व्यक्तिगत, महिला व्यक्तिगत पुरुष टीम, महिला टीम मिक्स्ड टीम

खेल के महान खिलाड़ीबेल्जियम के ह्यूबर्ट वैन इनिस ने 1900 और 1920 के ओलंपिक में छह स्वर्ण और तीन रजत पदक जीतकर अपना दबदबा बनाया था। दक्षिण कोरिया के किम सू-नयुंग आधुनिक युग के सबसे सफल तीरंदाज हैं, जिन्होंने 1988, 1992 और 2000 के ओलंपिक खेलों में चार स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीता था। अमेरिका के डेरेल पेस 1976 और 1984 में स्वर्ण जीतकर दो बार व्यक्तिगत स्पर्धा जीतने वाले एकमात्र तीरंदाज हैं।