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Paris Olympics 2024: ओलंपिक में रजत और कांसा जीत चुकी पीवी सिंधू की नजरें पदक का रंग बदलने पर, सात्विक-चिराग भी स्वर्ण के प्रबल दावेदार

पेरिस ओलंपिक 26 जुलाई को सीन नदी पर एक शानदार उद्घाटन समारोह के साथ शुरू होगा। पेरिस में बैडमिंटन की स्पर्धाएं 27 जुलाई से खेली जाएंगी और भारत के सात खिलाड़ी इसमें चुनौती पेश करेंगे। इनमें पीवी सिंधू एकमात्र खिलाड़ी हैं जो दो ओलंपिक पदक जीत चुकी हैं। सिंधू ने रियो में रजत और टोक्यो में कांस्य पदक जीता था और अब उनकी नजरें पदक का रंग बदलने पर होंगी।

By Jagran News Edited By: Rajat Gupta Updated: Wed, 24 Jul 2024 06:00 AM (IST)
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देश को पीवी सिंधू से सोने की उम्‍मीद। इमेज- सोशल मीडिया

 जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक 26 जुलाई को सीन नदी पर एक शानदार उद्घाटन समारोह के साथ शुरू होगा। पेरिस में बैडमिंटन की स्पर्धाएं 27 जुलाई से खेली जाएंगी और भारत के सात खिलाड़ी इसमें चुनौती पेश करेंगे।

इनमें पीवी सिंधू एकमात्र खिलाड़ी हैं, जो दो ओलंपिक पदक जीत चुकी हैं। सिंधू ने रियो में रजत और टोक्यो में कांस्य पदक जीता था और अब उनकी नजरें पदक का रंग बदलने पर होंगी। 2016 रियो ओलंपिक के बाद दूसरी बार बैडमिंटन में सात भारतीय खिलाड़ी चुनौती पेश करेंगे।

सात प्‍लेयर्स में तीन महिलाएं

ओलंपिक में बैडमिंटन में अब तक भारतीय महिलाओं ने ही तीन पदक जीते हैं। सर्वप्रथम साइना नेहवाल ने 2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य जीता। इसके बाद सिंधू ने भारत के लिए दो पदक 2016 रियो में रजत और 2020 टोक्यो में कांस्य जीता।

इस बार पीवी सिंधू भारत के लिए बैडमिंटन में महिला सिंगल्स में खेलने वाली एकमात्र महिला एथलीट हैं, जबकि तनीषा और अश्विनी की जोड़ी महिला डबल्स में प्रतिस्पर्धा करेंगी। पुरुषों में एचएस प्रणय और लक्ष्य सेन पुरुष सिंगल्स में भाग लेंगे जबकि सात्विकसाईराज रेंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की तीसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी पुरुष डबल्स में भाग लेगी।

ये होंगे खिलाडि़यों के प्रतिद्वंद्वी

सात्विक और चिराग को ग्रुप सी में रखा गया है और उनका सामना इंडोनेशिया के फजर अल्फियन और मोहम्मद रियान अर्दिआंतो, जर्मनी के मार्क लैम्सफस और मार्विन सेडेल तथा फ्रांस के लुकास कोरवी और रोनन लाबार से होगा।

पीवी सिंधू को ग्रुप चरण में क्रिस्टिन कुबा (एस्टोनिया), फातिमथ नबाहा अब्दुल रज्जाक (मालदीव) के साथ ग्रुप एम में रखा गया है। तनिषा और अश्विनी ग्रुप चरण में नामी मात्सुयामा-चिहारू शिदा (जापान), किम सो यियोंग-कोंग ही योंग (दक्षिण कोरिया), सेतियाना मापासा-एंजेला वू (आस्ट्रेलिया) से भिड़ेंगे।

पुरुष सिगल्स में, एचएस प्रणय का मुकाबला ग्रुप के में ले डुक फाट (वियतनाम), फैबियन रोथ (जर्मनी) से होगा, जबकि लक्ष्य सेन का मुकाबला ग्रुप एल में जोनाथन क्रिस्टी (इंडोनेशिया), केविन कार्डन (ग्वाटेमाला), जूलियन कार्रागी (बेल्जियम) से होगा

ये पेश करेंगे भारतीय चुनौती

पीवी सिंधू 28 वर्ष, हैदराबाद (तेलंगाना)

उपलब्धि

ओलंपिक : रजत (रियो), कांस्य (टोक्यो)

सिंगापुर ओपन 2022 : स्वर्ण (सिंगल्स)

विश्व चैंपियनशिप 2019 : स्वर्ण (सिंगल्स)

सात्विकसाईंराज रेंकीरेड्डी 23 वर्ष, अमालापुरम (आंध्र प्रदेश)

उपलब्धि

एशियाई खेल 2022 : स्वर्ण (डबल्स)

थामस कप 2022 : स्वर्ण (टीम)

फ्रेंच ओपन 2022, 2024 : स्वर्ण (डबल्स)

चिराग शेट्टी 27 वर्ष, मुंबई (महाराष्ट्र)

उपलब्धि

एशियाई खेल 2022 : स्वर्ण (डबल्स)

थामस कप 2022 : स्वर्ण (टीम)

फ्रेंच ओपन 2022, 2024 : स्वर्ण (डबल्स)

एचएस प्रणय 32 वर्ष, तिरुअनंतपुरम (केरल)

उपलब्धि

एशियाई खेल 2022 : कांस्य (सिंगल्स), रजत (टीम)

थामस कप 2022 : स्वर्ण (टीम)

एशिया मिक्स्ड चैंपियनशिप 2023 : कांस्य

लक्ष्य सेन 22 वर्ष, अल्मोड़ा (उत्तराखंड)

उपलब्धि

एशियाई खेल 2022 : रजत (टीम)

राष्ट्रमंडल खेल 2022 : स्वर्ण (सिंगल्स)

थामस कप 2022 : स्वर्ण (टीम)

अश्विनी पोनप्पा 35 वर्ष, केरल

उपलब्धि

राष्ट्रमंडल खेल 2022 : रजत (मिक्स्ड टीम)

एशिया टीम चैंपियनशिप 2024 : स्वर्ण (टीम)

अबु धाबी मास्टर्स 2023 : स्वर्ण (डबल्स)

तनीषा क्रास्तो 21 वर्ष, गोआ

उपलब्धि

एशिया टीम चैंपियनशिप 2024 : स्वर्ण (टीम)

अबु धाबी मास्टर्स 2023 : स्वर्ण (डबल्स)

सैयद मोदी अंतरराष्ट्रीय 2023 : रजत (डबल्स)

तनीषा भारत का प्रतिनिधित्‍व करेंगी

शटलरों के पीछे माता-पिता की अथक मेहनत ओलंपियन बनाने का कोई नुस्खा नहीं होता लेकिन इसके पीछे बलिदानों और जज्बातों से भरी कहानियां जरूर होती हैं। दुबई में जन्मी तनीषा पेरिस ओलंपिक में डबल्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।

छह साल पहले जब उनके पिता क्लिफोर्ड क्रास्टो ने जब उनके 15वें जन्मदिन पर हैदराबाद की पुलेला गोपीचंद अकादमी में भेजा था तो इसी उम्मीद पर कि दुबई में अपने घर से दूर रहकर भी वह बैडमिंटन में नाम कमाने के अपने सपने पूरे कर सकेगी।

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क्लिफोर्ड ने बताया, यह काफी साहसिक और जज्बाती फैसला था कि उसे एक अलग देश में अकेले छोड़ना है। हम दोनों के लिए यह कठिन था लेकिन हमें पता था कि उसने सही रास्ता चुना है और हमने उसका साथ दिया। अब हम पेरिस में उसका उत्साह बढ़ाने के लिए उपस्थित रहेंगे।

वहीं, सात्विक के पिता काशी विश्वनाथम ने बताया कि अंडर-15 टूर्नामेंट में पुलेला गोपीचंत ने सात्विक को देखा और कहा कि उन्हें भारत की टीम चैंपियनशिप के लिए पुरुष डबल्स खिलाड़ी चाहिए। पहले कुछ साल आर्थिक रूप से मेरे लिए कठिन था, लेकिन मेरे परिवार और दोस्तो ने मदद की। फिर 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छे प्रदर्शन के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा।

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