Dhiraj Bommadevara: मां ने मंगलसूत्र गिरवी रखा, पिता ने सबकुछ लुटाया; धीरज की कहानी सुनकर भर आएंगी आंखें
Olympics 2024 धीरज बुम्मदेवरा (Dhiraj Bommadevara) ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में पुरुष तीरंदाजी रैंकिंग राउंड में शानदार प्रदर्शन किया। 22 साल की उम्र में भारतीय तीरंदाज ने इस प्रतिस्पर्धा में चौथे स्थान पर आकर अपने कौशल और मेहनत का लोहा मनवाया। इस रैंकिंग राउंड में खिलाड़ियों को अपनी तीरंदाजी की क्षमताओं को साबित करने का मौका मिला और भारतीय पुरुष टीम ने क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की कर ली।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। Dhiraj Bommadevara: हर खिलाड़ी का एक सपना होता है कि वह ओलंपिक खेल में हिस्सा ले सके। बहुत ही कम ऐसे एथलीट होते है जिनका ये सपना पूरा होता है और वह ना सिर्फ अपना और अपने परिवार का, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन करके भी दिखाते है। बता दें कि आज से पेरिस ओलंपिक 2024 की शुरुआत हो रही है, जिसमें 10 हजार से ज्यादा एथलीट हिस्सा ले रहे है।
पेरिस ओलंपिक्स 2024 (Olympics 2024) से पहले भारत की पुरुषों की तीरंदाजी रैंकिंग राउंड में चौथे स्थान पर पहुंची। भारत की तीरंदाजी में धीरज बोम्मदेवरा का शानदार प्रयास रहा। उन्होंंने रैंकिंग में देर से उछाल मारी और भारत को टीम इवेंट के क्वार्टरफाइनल में पहुंचाया। धीरज ने कुल 681 अंक हासिल किए, जबकि उनके साथी तरुणदीप राय और प्रवीण जाधव ने क्रमश: 674 और 658 स्कोर हासिल किए और उन्होंने 14वें और 39वां स्थान पर समाप्त किया।
आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से आने वाले धीरज के इस प्रदर्शन के बाद उनकी चर्चा और तेज हो गई। ऐसे में आज आपको बताते हैं धीरज के संघर्षों की कहानी।
Dhiraj Bommadevara की संघर्ष भरी कहानी सुनकर भर आएंगी आंखें !
दरअसल, धीरज बोम्मादेवरा एक भारतीय तीरंदाज एथलीट हैं, जिनका जन्म 3 सितंबर 2001 को आंध्र प्रदेश में हुआ। बेहद ही कम समय में उन्होंने तीरंदाजी में जो नाम कमाया उसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। ओजीक्यू के सपोर्ट से वह अपनी प्रतिभा को निखारने में लगे हैं। धीरज ने रिकर्व पुरुण व्यक्तिगत और टीम स्पर्धाओं में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विश्व रैंकिंग में 15वां स्थान हासिल किया हैं।
उनकी मेहनत ने ही उन्हें 2024 ओलंपिक के लिए जगह दिलाई। जून 2024 में उन्होंने अंताल्या में विश्व कप 2024 में कांस्य पदक जीतकर अपना शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन यहां तक पहुंचना उनके लिए जरा-सा भी आसान नहीं था।यह भी पढ़ें: Paris Olympics 2024: खेलों के महाकुंभ में पदक बटोरने के लिए पेरिस पहुंची मेरठ जोन की छोरियां, खत्म करेंगी लंबा सूखा!