Sarabjot Singh बनना चाहते थे फुटबॉलर, बन गए निशानेबाज, 13 साल की उम्र में अचानक बदला मन, जानिए पूरी कहानी
ओलंपिक मेडल जीतना हर किसी का सपना होता है। भारतीय निशानेबाज सरबजोत सिंह ने अपना ये सपना पूरा कर लिया है। उन्होंने पेरिस ओलंपिक-2024 में मिक्स्ड टीम इवेंट में मेडल अपने नाम किया। हालांकि जिस खेल में सरबजोत ने मेडल जीता वो उनका पहला प्यार नहीं था। सरबजोत का पहला प्यार फुटबॉल था। फिर कैसे सरबजोत ने निशानेबाजी का रुख किया जानें पूरी कहानी
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। हर खिलाड़ी का सपना अपने करियर में ओलंपिक मेडल जीतना होता है। कई खिलाड़ी इसमें सफल होते हैं तो कई खिलाड़ियों को निराश हाथ लगती है। भारत के निशानेबाज सरबजोत सिंह उन खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने अपना सपना पूरा कर लिया। सरबजोत ने मंगलवार को मनु भाकर के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया।
सरबजोत सिंह उन निशानेबाजों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने भारत को ओलंपिक पदक दिलाया। हालांकि, निशानेबाजी सरबजोत का पहला प्यार नहीं था। उनका पहला प्यार था फुटबॉल। लेकिन 13 साल की उम्र में अचानक उनका मन बदल गया और सरबजोत के दिल में निशानेबाजी को लेकर प्यार जाग गया।
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किसान के बेटे हैं सरबजोत
मेडल जीतने के बाद भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा सरबजोत सिंह के बारे में जारी की गई जानकारी के मुताबिक, सरबजोत फुटबॉलर बनना चाहते थे लेकिन जब वह 13 साल के थे तब उन्होंने कुछ बच्चों को एयर गन चलाते हुए देखा। ये खेल उनके दिमाग में बस गया और हर दिन इसी खेल के बारे में सोचने लगे। साल 2014 में वह अपने पिता के पास गए और कहा कि वह निशानेबाजी करना चाहते हैं।
सरबजोत हरियाणा के अंबाला के रहने वाले हैं और उनके पिता जितेंद्र किसान हैं। उन्होंने अपने बेटे से कहा कि निशानेबाजी काफी महंगा खेल है, लेकिन सरबजोत ने बंदूक थामने की जिद नहीं छोड़ी और महीनों तक अपने पिता से इस बात की जिद करते रहे। उनके पिता मान गए। सरबजोत ने फिर 2019 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर अपने पिता का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया।
ऐसा रहा है करियर
सरबजोत सिंह ने एशियन गेम्स-2022 में पुरुष टीम इवेंट में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। इन्हीं खेलों में वह मिक्स्ड टीम इवेंट में सिल्वर मेडल जीतने में भी सफल रहे थे। पिछले साल कोरिया में खेली गई एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता था और इसी के साथ पेरिस ओलंपिक का कोटा भी हासिल कर लिया था। पिछले साल ही भोपाल में आयोजित किए गए वर्ल्ड कप में उन्होंने इंडीविजुअल इवेंट में गोल्ड जीता था।
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