Olympics Mirabai Chanu: 'पीरियड्स की वजह से चूक गई', मीराबाई चानू ने मेडल न जीत पाने की बताई बड़ी वजह
मीराबाई चानू को पेरिस ओलंपिक में निराशाजनक परिणाम का सामना करना पड़ा। बुधवार को उन्होंने महिलाओं की 49 किलोग्राम स्पर्धा में चौथा स्थान हासिल किया। इस स्पर्धा के बाद मणिपुर की भारोत्तोलक ने बताया कि उन्हें पीरियड्स के चलते कमजोरी महसूस हुई थी। मीराबाई चानू ने कुल 199 किलोग्राम भार उठाया था। टोक्यो में चानू ने सिल्वर मेडल जीता था।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में भारत की सिल्वर मेडल विजेता भारोत्तोलक (वेटलिफ्टर) मीराबाई चानू को पेरिस ओलंपिक में निराशाजनक परिणाम का सामना करना पड़ा। बुधवार को उन्होंने महिलाओं की 49 किलोग्राम स्पर्धा में चौथा स्थान हासिल किया। इस स्पर्धा के बाद, मणिपुर की भारोत्तोलक ने बताया कि उन्हें पीरियड्स के चलते कमजोरी महसूस हुई थी।
दो चरणों की प्रतियोगिता के अंत में मीराबाई का कुल स्कोर 199 किलोग्राम था। यह टोक्यो ओलंपिक में उनके सिल्वर मेडल जीतने वाले प्रदर्शन से 3 किलोग्राम कम था। मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में कुल 202 किलोग्राम वजन उठाया था। उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 205 किलोग्राम है, जो उन्होंने 2020 एशियाई चैम्पियनशिप के दौरान हासिल किया था।
पीरियड्स की वजह से महसूस हुई कमजोरी
मीराबाई ने मैच के बाद कहा, मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं... मैंने भारत को पदक दिलाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की। चोट के बाद ठीक होने के लिए बहुत कम समय मिलने के बावजूद मैं ऐसा करने में सफल रही... लेकिन यह किस्मत में नहीं था। यह मेरे पीरियड्स का तीसरा दिन था और इसलिए इससे शरीर पर भी असर पड़ा है।
फाइनल स्कोर में हासिल किया चौथा स्थान
बता दें कि मीराबाई ने अपने पहले प्रयास में 85 किग्रा सफलतापूर्वक उठाकर स्नैच राउंड की शुरुआत की। दुर्भाग्य से, 88 किग्रा का उनका दूसरा प्रयास असफल रहा। स्नैच राउंड के अंतिम प्रयास में, मीराबाई ने 88 किग्रा के अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ और राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी की। हालांकि, थाई भारोत्तोलक सुरोदचना खंबाओ ने भी समान वजन उठाकर उनसे आगे निकल गईं। फाइनल स्कोर के बाद वह चौथे स्थान पर रही।
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