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Paris Paralympics: सुमित-नितेश ने गोल्ड पर किया कब्जा, सुहास और तुलसीमति ने जीता सिल्वर; भारतीय एथलीटों ने लगाई पदकों की झड़ी

पेरिस पैरालंपिक में बैडमिंटन कोर्ट से लेकर ट्रैक एंड फील्ड तक भारतीय एथलीटों का दम दिखा। बैडमिंटन में नितेश कुमार ने स्वर्ण पदक जीता। सुहास यतिराज ने एसएल-4 और तुलसीमति मुरुगेसन ने महिलाओं की एसयू-5 स्पर्धा में रजत पदक जीते। पेरिस पैरालंपिक में भारत के कुल 15 पदक हो गए हैं जिनमें तीन स्वर्ण पांच रजत और सात कांस्य हैं।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Tue, 03 Sep 2024 05:00 AM (IST)
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Paris Paralympics 2024: नितेश कुमार और सुमित अंतिल ने जीता गोल्ड मेडल।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)
जेएनएन, नई दिल्ली। भारतीय एथलीटों ने सोमवार को पेरिस पैरालंपिक में अद्भुत प्रदर्शन करते हुए दो स्वर्ण सहित आठ पदक जीते। बैडमिंटन कोर्ट से लेकर ट्रैक एंड फील्ड तक भारतीय एथलीटों का दम दिखा। बैडमिंटन में सोमवार को जहां नितेश कुमार ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए एसएल-3 स्पर्धा में स्वर्ण पदक से भारत का खाता खोला तो सुहास यतिराज ने एसएल-4 और तुलसीमति मुरुगेसन ने महिलाओं की एसयू-5 स्पर्धा में रजत पदक जीते।

एसयू-5 स्पर्धा में मनीषा रामदास ने जबकि एसएच-6 स्पर्धा में नित्याश्री सिवन ने कांस्य पदक भारत की झोली में डाला। पुरुषों की एफ-64 भाला फेंक स्पर्धा में सुमित अंतिल ने अपना खिताब बरकरार रखते हुए फिर स्वर्ण पदक जीता तो चक्का फेंक एथलीट योगेश कथुनिया ने एफ-56 स्पर्धा में रजत पदक जीता। तीरंदाजी में भी भारत ने खाता खोला और शीतल देवी व राकेश कुमार की जोड़ी ने मिक्स्ड टीम कंपाउंड स्पर्धा में कांस्य पदक जीता।

पेरिस पैरालंपिक में भारत के कुल 15 पदक हो गए हैं, जिनमें तीन स्वर्ण, पांच रजत और सात कांस्य हैं।

अंतिल ने बनाया पैरालंपिक रिकॉर्ड

सुमित अंतिल  ने अपने दूसरे प्रयास में 70.59 मीटर दूरी तक भाला फेंककर पैरालंपिक में नया रिकॉर्ड बनाया। इस स्पर्धा का विश्व रिकॉर्ड भी अंतिल के नाम है, जो उन्होंने हांगझू पैरा एशियाई खेलों मे 73.29 मीटर भाला फेंका था। एफ-44 भाला फेंक स्पर्धा में संदीप चौथे और संजय सरगर सातवें स्थान पर रहे। ये सभी एथलीट एक साथ ही स्पर्धा में फेंकते हैं।

नितेश ने पहली बार जीता सोना

हरियाणा के 29 साल के नितेश ने मजबूत डिफेंस और सही शाट चयन की मदद से टोक्यो के रजत पदक विजेता बेथेल को एक घंटे और 20 मिनट चले मुकाबले में 21-14, 18-21, 23-21 से हराकर पहली बार स्वर्ण पदक जीता। नितेश की जीत के साथ एसएल-3 वर्ग का स्वर्ण पदक भारत के पास बरकरार रहा। टोक्यो में तीन साल पहले जब पैरा बैडमिंटन ने पदार्पण किया था तो प्रमोद भगत ने इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था। 

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