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Preeti Pal: करोड़ों में 1 हैं प्रीति पाल, वो किया जो अभी तक ओलंपिक-पैरालंपिक में कोई भारतीय महिला नहीं कर सकी, जानिए हैरान करने वाला रिकॉर्ड

भारत की महिला धावक प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक खेलों में इतिहास रचा है। वह इन खेलों में दो मेडल जीतने में सफल रही हैं। प्रीति ने 100 मीटर और 200 मीटर में ये मेडल अपने नाम किए हैं। प्रीति ने अपने हौसले और जज्बे से वो कर दिखाया है जो अभी तक किसी भी भारतीय महिला ने ओलंपिक या पैरालंपिक में किसी में नहीं किया था।

By Abhishek Upadhyay Edited By: Abhishek Upadhyay Updated: Mon, 02 Sep 2024 08:29 AM (IST)
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प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक-2024 में रचा इतिहास
 स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। पेरिस पैरालंपिक-2024 में भारत का जलवा जारी है। टीम इंडिया के खिलाड़ी लगातार मेडल जीत रहे हैं। रविवार के दिन भी भारत की झोली खाली नहीं रही। इस दिन भी भारत ने मेडल जीते, लेकिन महिला धावक प्रीति पाल ने जो काम किया वो अभी तक नहीं हुआ था। प्रीति ने 200 मीटर T-35 में अपने पर्सनल बेस्ट देते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता। ये प्रीति का एक ही पैरालंपिक में दूसरा मेडल है।

प्रीति ने शुक्रवार को इन खेलों में अपना पहला मेडल 100 मीटर टी35 रेस में जीता था। प्रीति ने 14.21 सेकेंड का समय निकालते हुए तीसरा स्थान हासिल किया था। 200 मीटर रेस में प्रीति ने 30.01 सेकेंड का समय निकाला। ये उनका इस इवेंट में बेस्ट टाइम है।

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पहले कभी नहीं हुआ ऐसा

प्रीति ने जैसे ही अपना दूसरा मेडल जीता वैसे ही उन्होंने अपना नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज करा लिया। वह एक ही पैरालंपिक में ट्रैक एंड फील्ड में दो मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनी हैं। इससे पहले किसी भी भारतीय महिला खिलाड़ी ने ट्रैक एंड फील्ड में पैरालंपिक या ओलंपिक में दो मेडल नहीं जीते हैं।

बचपन से पैरों में है परेशानी

प्रीति पाल यूपी की रहने वाली हैं। वह एक किसान की बेटी हैं। बचपन से ही उन्हें पैरों में तकलीफ है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक प्रीति जब पैदा हुई थीं तभी से उनके लोअर बॉडी को छह दिनों तक प्लासर में रखा गया था। उनके पैर कमजोर थे। पांच साल की उम्र में उन्होंने कैलीपर्स पहनने शुरू कर दिए थे। काफी संघर्षों के बाद प्रीति ने यहां तक का मुकाम हासिल किया है।

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