Paralympics: कौन हैं रुबीना फ्रांसिस, पैरालंपिक में ब्रॉन्ज जीतकर रचा इतिहास; गगन नारंग से मिली प्रेरणा
पेरिस पैरालंपिक के तीसरे दिन शाम होते-होते भारत के लिए खुशखबरी आई। महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 फाइनल के में रुबीना फ्रांसिस ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। उन्होंने कुल 22 शॉट लगाए और 211.1 स्कोर किया। वह तीसरे स्थान पर रहीं। रुबीना ने इतिहास रचते हुए पिस्टल स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय पैर-शूटर बनीं। रुबीना मध्यप्रदेश की रहने वाली हैं।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। पेरिस पैरालंपिक 2024 में तीसरे दिन भारत के लिए पहला मेडल रुबीना फ्रांसिस ने जीता। महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 फाइनल के में रुबीना फ्रांसिस ने ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया। उन्होंने कुल 22 शॉट लगाए और 211.1 स्कोर किया। वह तीसरे स्थान पर रहीं। इसके साथ ही रुबीना फ्रांसिस ने इतिहास रच दिया। वह पिस्टल स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय पैरा-शूटिंग एथलीट बन गईं।
मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली पैरा-शूटर रुबीना फ्रांसिस ने अपने खेल के शिखर तक पहुंचने के लिए कई चुनौतियों का सामना किया है। निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी रुबीना पैर की शिथिलता की समस्या से प्रभावित हैं। उनके पिता साइमन फ्रांसिस, जो एक मैकेनिक थे, ने आर्थिक तंगी के बीच शूटिंग के प्रति उनके बढ़ते जुनून को सहारा देने के लिए संघर्ष किया।
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— Doordarshan Sports (@ddsportschannel) August 31, 2024
गगन नारंग से मिली प्रेरणा
रुबीना की शूटिंग का सफर 2015 में शुरू हुआ था। रुबीना गगन नारंग की ओलंपिक उपलब्धियों से प्रेरित हुईं। आर्थिक बाधाओं के बावजूद, उनके दृढ़ संकल्प ने उन्हें अपने पिता के अथक प्रयासों से 2017 में पुणे की गन फॉर ग्लोरी अकादमी में पहुंचा दिया। जय प्रकाश नौटियाल के मार्गदर्शन में रुबीना की प्रतिभा में निखार आया।जसपाल राणा से मिली है कोचिंग
उनका चयन एमपी शूटिंग अकादमी में हुआ। वहां, प्रसिद्ध कोच जसपाल राणा के मार्गदर्शन में, उनके कौशल में निखार आया और उन्होंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक जीता। उनके करियर में महत्वपूर्ण मोड़ 2018 फ्रांस विश्व कप के दौरान आया, जहां रुबीना को पैरालंपिक कोटा हासिल किया।
टोक्यो पैरालंपिक में ले चुकी हैं हिस्सा
2019 में पूर्णत्व एकेडमी ऑफ स्पोर्ट्स शूटिंग ने उनकी क्षमता को पहचाना और मुख्य कोच सुभाष राणा के मार्गदर्शन में रुबीना की शूटिंग कौशल और तेजी आई। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते और इस दौरान विश्व रिकॉर्ड भी बनाए। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि लीमा 2021 विश्व कप में आई, जहां उन्होंने P2 श्रेणी में पैरालंपिक कोटा हासिल किया, जिससे 2020 टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मार्ग प्रशस्त हुआ।रुबीना फ्रांसिस की उपलब्धि
- पैरालिंपिक खेल (2020) – 7वां स्थान (पी2 - 10 मीटर एयर पिस्टल)
- एशियाई पैरा खेल (2022) – कांस्य पदक (पी2 - 10 मीटर एयर पिस्टल)
- ओसिजेक वर्ल्ड कप (2023) – रजत पदक (पी2 - 10 मीटर एयर पिस्टल) और कांस्य पदक (पी5 - मिश्रित 10 मीटर एयर पिस्टल)
- चांगवोन वर्ल्ड कप (2023) – 2 रजत पदक (पी2 (टीम) - 10 मीटर एयर पिस्टल और पी5 - मिश्रित 10 मीटर एयर पिस्टल) और कांस्य पदक (पी2 - 10 मीटर एयर पिस्टल)
- चांगवोन वर्ल्ड कप (2022) – रजत पदक (पी2 (टीम) - 10 मीटर एयर पिस्टल) और 2 कांस्य पदक (पी2 - 10 मीटर एयर पिस्टल और पी6 मिश्रित टीम)
- शैटोरो वर्ल्ड कप (2022) – 1 स्वर्ण पदक (पी6 मिश्रित टीम), 2 रजत पदक (पी2 (टीम) - 10 मीटर एयर पिस्टल और पी5 - मिश्रित 10 मीटर एयर पिस्टल) और कांस्य (पी2 - 10 मीटर एयर पिस्टल)
सरकार से मिलती है मदद
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