Indian Olympic Association: 'तानाशाह' के आरोप पर PT Usha ने तोड़ी चुप्पी, IOA के 'बागी' सदस्यों पर किया पलटवार
भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष और कार्यकारी परिषद के विद्रोही सदस्यों के बीच विवाद ने एक और बदसूरत मोड़ ले लिया है। गुरुवार को हुई आइओए की बैठक के दौरान तीखी नोकझोंक हुई थी। 12 सदस्यों ने IOC को पत्र लिखकर पीटी उषा के खिलाफ शिकायत की थी। अब इस पर पीटी उषा ने अपनी चुप्पी तोड़ा है। उन्होंने विद्रोही सदस्यों की जमकर क्लास लगाई है।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ अध्यक्ष पीटी उषा ने तानाशाही के आरोप का खंडन किया है। उन्होंने कार्यकारी परिषद के विद्रोही सदस्यों पर पलटवार करते हुए कहा कि वे देश के खेल की बेहतरी के लिए काम करने के बजाय वह अपने और पैसों के लिए काम करने पर ज्यादा ध्यान देते हैं।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में, उषा ने यह भी आरोप लगाया कि इनमें से कुछ कार्यकारी परिषद सदस्यों का रिकॉर्ड बहुत ही संदिग्ध है, जिसमें लैंगिक पक्षपात के आरोप और यहां तक कि उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले भी दर्ज हैं।
'मैंने कभी ऐसे व्यक्तियों को नहीं देखा'
उषा ने कहा, भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले एक खिलाड़ी के रूप में मेरे 45 साल के लंबे करियर में... मैंने कभी ऐसे व्यक्तियों को नहीं देखा जो हमारे एथलीटों और हमारे देश के खेल भविष्य की आकांक्षाओं के प्रति इतने उदासीन हों... ये व्यक्ति खेल प्रशासन में अपनी लंबी उपस्थिति और नियंत्रण के माध्यम से स्वार्थी सत्ता के खेल और मौद्रिक लाभ पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं।
12 सदस्यों ने की थी IOC से शिकायत
गौरतलब हो कि भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष और कार्यकारी परिषद के विद्रोही सदस्यों के बीच विवाद ने एक और बदसूरत मोड़ ले लिया है। गुरुवार को हुई आइओए की बैठक के दौरान तीखी नोकझोंक हुई थी। 12 सदस्यों ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के सीनियर अधिकारी जेरोम पोइवे को पत्र लिखकर इस दिग्गज एथलीट पर तानाशाही से काम करने का आरोप लगाया था।
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