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2026 कॉमनवेल्थ गेम्स से बैडमिंटन और हॉकी को बाहर करने पर पीटी उषा ने तोड़ी चुप्पी, फैसले को बताया निराशाजनक

भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा का मानना ​​है कि 2026 ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों से कुश्ती हॉकी और बैडमिंटन जैसे खेलों को बाहर करना देश के लिए निराशाजनक है। उन्होंने यह भी कहा कि लागत करने के लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि इस आयोजन को भविष्य में भी मेजबान मिलते रहें। ग्लासगो ने लागत को कम करने के लिए इन खेलों को हटाने का फैसला लिया है।

By Umesh Kumar Edited By: Umesh Kumar Updated: Thu, 24 Oct 2024 12:17 AM (IST)
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कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर पीटी उषा ने तोड़ी चुप्पी। फाइल फोटो
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने 2026 ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों से कुश्ती, हॉकी और बैडमिंटन जैसे खेलों को बाहर करने पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। पीटी उषा ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों के कार्यक्रम से कुश्ती, हॉकी और बैडमिंटन जैसे पदक जीतने वाले खेलों को बाहर करना देश के लिए निराशाजनक है। उन्होंने यह भी कहा कि लागत करने के लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि इस आयोजन को भविष्य में भी मेजबान मिलते रहें।

राष्ट्रमंडल खेलों का 23वां संस्करण 23 जुलाई 2026 से 2 अगस्त तक ग्लासगो में आयोजित किया जाना है। 12 साल बाद ग्लासगो में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया जाएगा। अधिकांश राष्ट्रीय खेल महासंघों ने हॉकी, बैडमिंटन, कुश्ती, क्रिकेट, शूटिंग, टीटी और स्क्वैश को रोस्टर से बाहर करने के ग्लासगो के फैसले की आलोचना की है और इस कदम के बाद खेलों की प्रासंगिकता पर भी सवाल उठाए हैं।

पीटी उषा ने बताया निराशाजनक

पीटी उषा ने बुधवार को पीटीआई को दिए लिखित बयान में कहा, 2026 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए खेल कार्यक्रम में कटौती निराशाजनक है, लेकिन मुझे यकीन है कि आप यह समझेंगे कि 2026 के खेल राष्ट्रमंडल खेलों के भविष्य के लिए एक सेतु का काम करेंगे। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य लागत कम करना, पर्यावरणीय प्रभाव कम करना और सामाजिक लाभ बढ़ाना है। ऐसा प्रगतिशील और टिकाऊ मॉडल बहुत रोमांचक है, क्योंकि इससे भविष्य में और अधिक देश खेलों की मेजबानी करने में सक्षम होंगे।

उषा ने कहा कि 1998 तक राष्ट्रमंडल खेल 10 खेलों का आयोजन था, लेकिन अब यह 15 से 20 खेलों का आयोजन बन चुका है और जब भविष्य में इसकी मेजबानी का एक स्थिर मॉडल तैयार हो जाएगा तो यह फिर से अपना विस्तार कर सकता है।

ऑस्ट्रेलिया ने कर दिया था मना

बता दें कि मूल मेजबान ऑस्ट्रेलिया द्वारा बढ़ती लागत का हवाला देते हुए खेलों का आयोजन करने से मना कर दिया था। इसके बाद ग्लासगो ने इसकी मेजबानी ली है। तैयारियां पूरी करने के लिए उसके पास दो साल से भी कम समय बचा है और आयोजकों ने कहा कि उन्होंने अपने रूढ़िवादी दृष्टिकोण से यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि वित्तीय और परिचालन जोखिम कम हो जाएं।

गौरतलब हो कि खेल कार्यक्रम में एथलेटिक्स और पैरा एथलेटिक्स (ट्रैक और फील्ड), तैराकी और पैरा तैराकी, कलात्मक जिमनास्टिक, ट्रैक साइक्लिंग और पैरा ट्रैक साइक्लिंग, नेटबॉल, भारोत्तोलन और पैरा पावरलिफ्टिंग, मुक्केबाजी, जूडो, बाउल्स और पैरा बाउल्स, तथा 3x3 बास्केटबॉल और 3x3 व्हीलचेयर बास्केटबॉल शामिल होंगे।

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