Shruti Vora का नाम इतिहास के पन्नों में हुआ दर्ज, घुड़सवारी में ये कारनामा करने वाली बनी पहली भारतीय राइडर
श्रुति वोरा ने इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज करा लिया है। वोरा थ्री-स्टार ग्रांपि इवेंट जीतने वाली पहली भारतीय घुड़सवार बन गई हैं। वोरा ने अपने घोड़े मेगनेनिमस के साथ सीडीआई-3 इवेंट एफईआई ड्रेसेज वर्ल्ड कप में रिकॉर्ड 67.761 अंक हासिल किए जिसका आयोजन पिछले महीने स्लोवेनिया में लिपिका में हुआ था। श्रुति वोरा पेरिस ओलंपिक्स में क्वालीफाई नहीं कर सकीं।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। श्रुति वोरा ने थ्री-स्टार ग्रांपि इवेंट जीतकर इतिहास रच दिया। वो ये कारनामा करने वाली भारत की पहली घुड़सवार बनीं। वोरा ने अपने घोड़े मेगनेनिमस के साथ सीडीआई-थ्री इवेंट एफईआई ड्रेसेज वर्ल्ड कप में रिकॉर्ड 67.761 अंक हासिल किए, जिसका आयोजन पिछले महीने स्लोवेनिया के लिपिका में हुआ था।
हालांकि, इतिहास रचने के बावजूद श्रुति वोरा आगामी पेरिस ओलंपिक्स 2024 के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहीं। इक्वीस्ट्रीयन फेडरेशन ऑफ इंडिया ने अनुष आगरवाला को समर गेम्स में श्रुति वोरा पर तरजीह देते हुए चुना। यह चयन कार्यकारी परिषद और अध्यक्ष द्वारा किया गया।
अब भी है मौका
वैसे, श्रुति वोरा के पास अब भी पेरिस ओलंपिक में जगह पाने का मौका है। उन्हें उम्मीद है कि इक्वीस्ट्रीयन फेडरेशन ऑफ इंडिया से मंजूरी मिल जाएगी। हालांकि, क्वालीफिकेशन योग्यता में वो अनुष अगरवाला से पीछे हैं। ईएफआई द्वारा स्थापित योग्यता की मांग है कि 1 जनवरी 2023 से 24 जून 2024 के दौरान राइडर-घोड़े के संयोजन का स्कोर कम से कम दो बार 67 प्रतिशत होना चाहिए। इससे वह पेरिस ओपलंपिक्स 2024 के लिए क्वालीफाई करने के योग्य है।
वोरा ने जून में वर्ल्ड कप में पहला कम से कम योग्यता जरुरत को पाया, जहां उन्होंने 67.761 का स्कोर बनाया। वहीं, दूसरा चेक गणराज्य में बर्नो ग्रांपि में आया, जहां उन्होंने 68.174 अंक बनाए। हालांकि, अन्य दो ग्रांपि के प्रदर्शन बेहतर नहीं रहे और इसका परिणाम यह रहा कि आगरवाला ने बेहतर औसत से वोरा को पछाड़ दिया।
वोरा ने लगाई गुहार
आगरवाला का नाम आने पर वोरा ने दिल्ली में हाई कोर्ट में गुहार लगाते हुए कहा कि ईएफआई का तरीका अनुचित और पक्षपाती है क्योंकि उन्हें आगरवाला के अलावा सभी अन्य ड्रेसेज राइडर्स को बाहर कर दिया। सुनवाई निर्धारित है और निर्णय कभी भी आ सकता है।
श्रुति वोरा पूर्व इक्वीस्ट्रीयन ओलंपियन जितेंद्रजीत सिंह आहलूवालिया की स्टूडेंट हैं और पूर्व ओलंपिक मेडलिस्ट रीनर क्लिमके से प्रेरणा लेकर ड्रेसेज में अपना भाग्य आजमाया। वोरा की अन्य बड़ी उपलब्धि यह है कि वो 2019 में यूरोप में पोडियम पर खड़ी होने वाली पहली भारतीय बनी थीं। इसके अलावा वो ऑस्ट्रियन ग्रांपि में दूसरे स्थान पर थीं।