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केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया का बड़ा बयान, कहा- 2047 तक भारत खेल उत्कृष्टता में शीर्ष पांच देशों में होगा शामिल

केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में दिल्ली खेल पत्रकार संघ द्वारा आयोजित पेरिस ओलिंपिक 2024 और पैरालिंपिक के लिए भारत की तैयारियों पर चर्चा कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर खेल मंत्री ने ‘पाथवे टू पेरिस’ नामक एक पुस्तिका का भी अनावरण किया। भारतीय पैरालिंपिक समिति (पीसीआई) के अध्यक्ष देवेंद्र झाझरिया भी मौजूद रहे।

By Jagran News Edited By: Umesh Kumar Updated: Fri, 19 Jul 2024 07:48 PM (IST)
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कार्यक्रम में मौजूद मुख्य अतिथि डॉ. मनसुख मांडविया। फोटो- जागरण

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भारत विविधता में समृद्ध है। यह आवश्यक है कि हम युवा प्रतिभाओं की पहचान करें, उनका कौशल विकसित करें और उन्हें खेल पारिस्थितिकी तंत्र में एकीकृत करें। नए युग के भारत ने बहुत प्रगति की है, लेकिन यह तो बस शुरुआत है। 2047 तक जब हम स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेंगे, तब तक भारत खेल उत्कृष्टता में शीर्ष पांच देशों में शामिल होगा। यह बातें केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में दिल्ली खेल पत्रकार संघ द्वारा आयोजित पेरिस ओलिंपिक 2024 और पैरालिंपिक के लिए भारत की तैयारियों पर चर्चा के दौरान कहीं।

इस अवसर पर खेल मंत्री ने ‘पाथवे टू पेरिस’ नामक एक पुस्तिका का भी अनावरण किया। यह पुस्तिका भारत की ओलिंपिक यात्रा, वर्तमान तैयारियों और प्रतिभाशाली भारतीय एथलीटों पर प्रकाश डालती है, जो पेरिस ओलिंपिक 2024 में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। बता दें कि पेरिस में 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होने वाले ओलिंपिक में भारत से 117 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। पैरालिंपिक 28 अगस्त से आठ सितंबर तक होंगे। खेल मंत्री ने कहा कि इन खेलों में तैयारी पर कुल 470 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया गया है।

भारतीय खेलों में बहुत प्रगति

भारतीय पैरालिंपिक समिति (पीसीआई) के अध्यक्ष देवेंद्र झाझरिया ने बताया कि साल 2004 में जब वह एथेंस पैरालिंपिक में गए थे, तो उन्होंने अपनी जेब से पैसे खर्च किए थे। उस ओलिंपिक में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता और विश्व रिकार्ड भी तोड़ा। देवेंद्र ने कहा कि तब से भारतीय खेलों में बहुत प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि पीसीआई के अध्यक्ष के रूप में उन्हें सौ प्रतिशत यकीन है कि भारत ओलिंपिक और पैरालिंपिक दोनों में अच्छा प्रदर्शन करेगा।

इस मौके पर खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी, भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के महानिदेशक संदीप प्रधान, टारगेट ओलिंपिक पोडियम स्कीम (टाप्स) के सीईओ कमोडोर पीके गर्ग, ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता और हाकी विश्व कप विजेता टीम के सदस्य अशोक ध्यानचंद, एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता और पूर्व विश्व नंबर-1 डबल ट्रैप शूटर रोंजन सोढ़ी, राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण विजेता मुक्केबाज अखिल कुमार, एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता तीरंदाज अभिषेक वर्मा, टोक्यो पैरालिंपिक रजत पदक विजेता डिस्कस थ्रोअर योगेश कथूनिया मौजूद रहे।

प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान और कौशल विकसित करना कीर्ति का उद्देश्य- डॉ. मनसुख

केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कीर्ति (खेलो इंडिया राइजिंग टैलेंट आइडेंटिफिकेशन) कार्यक्रम के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। खेल मंत्री ने कहा कि एक प्रतिभावान खिलाड़ी शहर से ही नहीं, बल्कि उत्तर-पूर्व, तटीय, हिमालयी और आदिवासी जैसे दूर-दराज के इलाकों से भी निकल सकता है। प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को पहचानना और उनके कौशल को विकसित करना कीर्ति का प्रमुख उद्देश्य है। सरकार ने कीर्ति कार्यक्रम के तहत 100 दिनों के भीतर एक लाख उभरते युवा एथलीटों की पहचान करने का निर्णय लिया है।

इसके तहत गांव से लेकर शहरों में रहने वालों और गरीब पृष्ठभूमि से आने वालों को भी खेल कौशल विकसित करने के अवसर दिए जाएंगे। दिल्ली में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के सहयोग से निगम के कुल 12 जोन में 20 हजार से अधिक निगम विद्यालयों के छात्रों का कीर्ति के तहत मूल्यांकन करेगा। ये मूल्यांकन कुल 27 दिनों तक जारी रहेगा। इसमें एथलेटिक्स, फुटबाल, वालीबाल, कबड्डी और खो-खो जैसे पांच प्रमुख खेलों को शामिल किया गया है।

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