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Shooting, Olympics 2024: Swapnil Kusale ने ओलंपिक में डेब्‍यू करते हुए अपने सपने को किया साकार, भारत को मिला तीसरा मेडल

Swapnil Kusale won Bronze Medal 28 साल के स्वप्निल कुसाले ने पेरिस ओलंपिक 2024 में इतिहास रच दिया है। पहली बार किसी भारतीय शूटर ने ओलंपिक की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में पदक जीता है। भारत के नाम अब पेरिस ओलंपिक 2024 में कुल तीन मेडल आ गए है। इससे पहले भी भारत को दोनों मेडल शूटिंग से मिले थे। स्वप्निल ने 451.4 अंक हासिल कर पदक जीता।

By Priyanka Joshi Edited By: Priyanka Joshi Updated: Thu, 01 Aug 2024 02:01 PM (IST)
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Swapnil Kusale ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर रचा इतिहास
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक 2024 के छठे दिन भारत को तीसरा मेडल मिला। शूटर स्वप्निल कुसाले (Swapnil Kusale won Bronze Medal) ने भारत को तीसरा पदक दिलाया। इससे पहले शूटिंग में ही भारत ने दोनों मेडल ब्रॉन्ज जीते थे।

मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने भारत को कांस्य पदक जिताया और अब स्वप्निल कुसाले ने ओलंपिक डेब्यू में पुरुष 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन में कांस्य पदक अपने नाम किया। इस दौरान उन्होंने इतिहास रच दिया। 451.4 के स्कोर के साथ उन्होंने अंत तक लड़ाई लड़ी और भारत को ये पदक जिताया।

Swapnil Kusale ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर रचा इतिहास

दरअसल, पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris Olympics 2024) के छठे दिन शूटिंग से भारत को एक और खुशखबरी मिली। स्वप्निल कुसाले ने पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन के फाइनल में तीसरा स्थान हासिल कर ब्रॉन्ज अपने नाम किया। 

नीलिंग और प्रोन की सीरीज के बाद स्वप्निल (Swapnil Kusale) 310.1 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर थे, लेकिन स्टैंडिंग की सीरीज में उन्होंने शानदार कमबैक किया। नीलिंग यानी पहली सीरीज में 9.6, 10.4, 10.3, 10.5, 10.0 शूटिंग अंक रहे। इसके बाद नीलिंग (दूसरी सीरीज)- 10.1, 9.9, 10.3, 10.5, 10.1 शूटिंग अंक रहे। तीसरी सीरीज में उनके कुल 51.6 अंक रहे।

प्रोन की पहली सीरीज में कुल 52.7 अंक, दूसरी सीरीज में कुल 52.2 अंक और तीसरी सीरीज में 51.9 अंक रहे।

स्टैंडिंग की पहली सीरीज में 51.1, दूसरी सीरीज में 50.4 अंक रहे।

पुणे में जन्मे स्वप्निल कुसाले ने क्वालीफिकेशन राउंड में शानदार प्रदर्शन करते हुए 60 शॉट्स में 590 अंक हासिल किए थे। 28 साल के स्वप्निल साल 2012 से इंटरनेशनल शूटिंग इवेंट्स में हिस्सा ले रहे हैं, लेकिन पहली बार ओलंपिक में उन्होंने डेब्यू किया। स्वप्निल एमएस धोनी को अपना रोल मॉडल मानते हैं। धोनी की तरह स्वप्निल भी सेंट्रल रेलवे में टिकट कलेक्टर का काम करते हैं। बता दें कि उनकी मां कंबलवाडी गांव की सरपंच हैं, जबकि पिता और भाई टीचर हैं।

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