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UWW ने भारतीय कुश्ती महासंघ से निलंबन हटाया, WFI के पहलवानों पर कार्रवाई नहीं करने का दिया निर्देश

विश्व कुश्ती की सर्वोच्च संस्था युनाइटेड व‌र्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भारत पर लगाया गया अस्थायी निलंबन हटा दिया है लेकिन साथ ही राष्ट्रीय महासंघ को निर्देश दिया है कि वह प्रदर्शनकारी पहलवानों बजरंग पूनिया विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के विरुद्ध भेदभावपूर्ण कार्रवाई नहीं करे। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के समय पर चुनाव नहीं करा पाने के कारण यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने पिछले साल 23 अगस्त को उसे निलंबित कर दिया था।

By Jagran News Edited By: Priyanka Joshi Updated: Tue, 13 Feb 2024 10:43 PM (IST)
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UWW ने भारतीय कुश्ती महासंघ से निलंबन हटाया
प्रेट्र, नई दिल्ली। विश्व कुश्ती की सर्वोच्च संस्था युनाइटेड व‌र्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भारत पर लगाया गया अस्थायी निलंबन हटा दिया है, लेकिन साथ ही राष्ट्रीय महासंघ को निर्देश दिया है कि वह प्रदर्शनकारी पहलवानों बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के विरुद्ध भेदभावपूर्ण कार्रवाई नहीं करे।भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के समय पर चुनाव नहीं करा पाने के कारण यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने पिछले साल 23 अगस्त को उसे निलंबित कर दिया था।

विश्व संस्था ने बयान में कहा,

'यूडब्ल्यूडब्ल्यू ब्यूरो की निलंबन की समीक्षा करने और अन्य विषयों पर चर्चा करने के लिए नौ फरवरी को बैठक हुई तथा सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद निलंबन हटाने का फैसला किया गया। डब्ल्यूएफआइ को तुरंत ही यूडब्ल्यूडब्ल्यू को लिखित गारंटी देनी होगी कि डब्ल्यूएफआइ की सभी प्रतियोगिताओं विशेष कर ओलंपिक खेलों के ट्रायल्स तथा अन्य प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए बिना किसी भेदभाव के पहलवानों का चयन किया जाएगा।'

बयान के अनुसार, 'जिन खिलाडि़यों के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा उनमें वह तीन पहलवान भी शामिल हैं जिन्होंने पूर्व अध्यक्ष (बृजभूषण शरण ¨सह) के कथित गलत कामों के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया था।'

पहलवानों ने डब्ल्यूएफआइ के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद भारतीय महासंघ को निलंबित कर दिया गया था।

प्रतिबंध हटाने का मतलब है कि भारतीय पहलवान अब विश्व संस्था की अगली प्रतियोगिता में देश के ध्वज तले खेल पाएंगे। विश्व संस्था ने इसके साथ ही डब्ल्यूएफआइ से अपने एथलीट आयोग के चुनाव फिर से कराने को कहा। बयान में कहा गया है,

'इस आयोग में सक्रिय खिलाड़ी या फिर वे खिलाड़ी शामिल हो सकते हैं जिनको संन्यास लिए हुए चार साल से अधिक का समय नहीं हुआ है। मतदाता केवल खिलाड़ी ही होंगे। इन चुनाव का आयोजन किसी भी सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान किया जा सकता है लेकिन चुनाव एक जुलाई 2024 तक कराने होंगे।'

विश्व संस्था ने कहा कि वह पहलवानों के संपर्क में रहेगी और आगामी दिनों के घटनाक्रम पर उनसे बात करेगी। पिछले साल दिसंबर में डब्ल्यूएफआइ के चुनाव कराए गए थे जिसमें पूर्व अध्यक्ष के करीबी संजय ¨सह को नया प्रमुख चुना गया था। खेल मंत्रालय ने हालांकि राष्ट्रीय खेल संहिता के उल्लंघन का हवाला देकर कुछ दिन बाद ही महासंघ को निलंबित कर दिया था। इसके बाद देश में कुश्ती के संचालन के लिए तदर्थ समिति गठित की गई थी।