वेलेंटिना पेट्रिलो पैरालंपिक में भाग लेने वाली बनेंगी पहली ट्रांसजेंडर महिला, T12 श्रेणी की रेस में लेंगी हिस्सा
पेट्रिलो 50 साल की हैं। इस महिला ने अपना अधिकांश जीवन एक पुरुष के रूप में बिताया है और उन्होंने अपनी पत्नी के सामने 2017 में ही अपने ट्रांसजेंडर होने की बात स्वीकार की थी। वैलेंटिना ने दो साल तक हार्मोन थेरेपी की। पेट्रिलो का एक बेटा भी है। वह पैरालंपिक में भाग लेने वाली पहली ट्रांसजेंडर महिला बनेंगी। पेट्रिलो को देखने में समस्या है।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। इटली की वैलेंटिना पेट्रिलो पैरालंपिक में भाग लेने वाली पहली ट्रांसजेंडर महिला बनेंगी। वह पेरिस में दृष्टिबाधित एथलीटों के लिए T12 श्रेणी में 200 और 400 मीटर की दौड़ में भाग लेंगी। पेट्रिलो को किशोरावस्था में स्टारगार्ड रोग से पीढ़ित होना पड़ा, जिससे उन्हें देखने में दिक्कत होती है।
पेट्रिलो 50 साल की हैं। इस महिला ने अपना अधिकांश जीवन एक पुरुष के रूप में बिताया है और उन्होंने अपनी पत्नी के सामने 2017 में ही अपने ट्रांसजेंडर होने की बात स्वीकार की थी। वैलेंटिना ने दो साल तक हार्मोन थेरेपी की। पेट्रिलो का एक बेटा भी है।
'मुझे खुशी है कि मैं...'
एपी से बात करते हुए पेट्रिलो ने कहा, हां, मुझे देखने में समस्या है, मैं आंशिक रूप से देख पाती हूं, मैं ट्रांसजेंडर हूं, और मान लें कि यह हमारे इटली में सबसे अच्छा ट्रांस नहीं है, लेकिन मैं इससे निराश नहीं बल्कि खुश हूं।पेट्रिलो का कहना है कि 1980 के मॉस्को ओलंपिक में 200 मीटर में इतालवी धावक पिएत्रो मेनेया को गोल्ड मेडल जीतते हुए देखकर उन्हें 7 साल की उम्र में एथलेटिक्स से प्यार हो गया था। पिछले साल वर्ल्ड एथलेटिक्स में ट्रांसजेंडर महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिला वर्ग में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया था, लेकिन इसके पैरा समकक्ष, विश्व पैरा एथलेटिक्स (WPA) ने ऐसा नहीं किया है।
इमान खलीफ को लेकर मचा था बवाल
गौरतलब हो कि हाल ही में समाप्त हुए पेरिस ओलंपिक में अल्जीरियाई मुक्केबाज इमान खलीफ को लेकर भी बवाल मचा। इमान को भी ट्रॉसजेंडर माना जा रहा था। हालांकि, उन्होंने महिला वर्ग में खेलते हुए मुक्केबाजी में गोल्ड जीता।इमान का मु्द्दा उठने के बाद डब्ल्यूपीए ने कहा कि उसकी महिला प्रतियोगिताओं में ट्रांसजेंडर एथलीटों को खेल के उद्देश्यों के लिए अपनी लिंग पहचान महिला के रूप में घोषित करना आवश्यक है। साथ ही इस बात का सबूत देना होगा कि उनकी पहली प्रतियोगिता से कम से कम 12 महीने पहले उनके टेस्टोस्टेरोन का स्तर 10 नैनोमोल प्रति लीटर रक्त से कम रहा है।