Vinesh Phogat की कहानी: कुश्ती की मैट से राजनीतिक पारी तक, बेहद दिलचस्प और उतार-चढ़ाव भरा है विनेश का सफर
हरियाणा में अगले महीने विधानसभा चुनाव हैं और इन चुनावों से पहले प्रदेश की राजनीति में काफी बड़ी हरकत हुई है। देश के दो दिग्गज पहलवानों- विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। दोनों ने आज नई दिल्ली में कांग्रेस की सदस्यता ली। जानिए विनेश के खिलाड़ी से नेता बनने तक के पूरे सफर की कहानी।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक में बेहद करीब आकर मेडल से चूकने वाली भारत की दिग्गज महिला पहलवान विनेश फोगाट अब खिलाड़ी से राजनेता बन गई हैं। उन्होंने रेलवे की अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है और कांग्रेस पार्टा का दामन थाम लिया है। विनेश ने ये फैसला हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले लिया है।
बहुत संभावना है कि विनेश इस बार विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमाएं। विनेश के साथ ओलंपिक मेडल विजेता बजंरग पूनिया भी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
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मैट पर छाईं
विनेश उस परिवार से आती हैं जिस पर मशहूर बॉलीवुड अभिनेता दंगल नाम की फिल्म बना चुके हैं। उनके ताऊ महावीर फोगाट को पूरा देश जानता है। उनकी बहनें-गीता और बबीता भी मशहूर पहलवान रही हैं। अपने शुरुआती करियर में विनेश इन दोनों की छांव में रहीं। इंटरनेशनल स्टेज पर विनेश को सबसे बड़ी सफलता साल 2013 में मिली जब उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। अगले साल यानी 2014 में ग्लास्गो कॉमनवेल्थ और इंचियोन एशियाई खेलों में विनेश ने गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल जीता।
रियो में हुई दुर्घटना
यहीं प्रदर्शन था जिसने विनेश को रियो ओलंपिक-2016 में मजबूत खिलाड़ी के तौर पर पहुंचाया था, लेकिन यहां उनकी किस्मत उन्हें धोखा दे गई। विनेश का पैर मैच के दौरान बुरी तरह से मुड़ गया और वह चोटिल हो गईं। विनेश महीनों तक मैट से दूर रहीं। एशियाई चैंपियनशिप में विनेश ने सिल्वर मेडल जीतकर वापसी की। 2018 में विनेश गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड और जकार्ता एशियाई खेलों में भी गोल्ड जीतने में सफल रहीं।
2019 में विनेश ने विश्व चैंपियनशिप में मेडल जीत इतिहास रच दिया। नूर-सुल्तान में विनेश ने विश्व चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया।
As more medal🏅 events take place on day 9️⃣ of the #ParisParalympics2024🇫🇷, let's chant out loud for the remaining #IndianContingent.
From #ParaPowerLifting🏋🏻 to #ParaAthletics🏃🏻♀️, our heroes are aiming 🎯 for the top spot.
Keep chanting #Cheer4Bharat and show your support with… pic.twitter.com/yEpOBuJWF1— SAI Media (@Media_SAI) September 5, 2024
टोक्यो में मिली निराशा
टोक्यो में विनेश से फिर मेडल की उम्मीद जगी, लेकिन इस बार विनेश ने निराश किया। वह क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गईं। ये विनेश के लिए बहुत बड़ा धक्का था। विनेश इससे टूट गई थीं, लेकिन इस पहलवान ने अपने आप को संभाला और मैट पर वापसी की। विनेश ने 2022 में विश्व चैंपियनशिप में फिर ब्रॉन्ज मेडल जीता।
सड़कों पर उतरीं विनेश
मैट पर अपने दांव-पेच से विरोधी को चित करने वाली विनेश के लिए साल 2023 बेहद दर्द और संघर्ष भरा रहा। साल की शुरुआत में वह बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक के साथ सड़कों पर उतर आईं थीं। दिल्ली की हाड़ कांपा देने वाली सर्दी में विनेश ने अपने साथियों के साथ भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ हमला बोल दिया। इन सभी का आरोप था कि बृजभूषण ने महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण किया है।
इस दौरान विनेश को सड़कों पर घसीटा गया। उन्हें पुलिस की गिरफ्त में लिया गया। विनेश रोईं, चिल्लाईं उनकी आवाज सत्ता तक नहीं पहुंची। विनेश ने हार नहीं मानी। विनेश और उनके साथियों ने अपने मेडल तक लौटा दिए। नतीजा ये रहा कि बृजभूषण को अपना पद छोड़ना पड़ा। यहां लगा इन लोगों की जीत हो गई है, लेकिन डब्ल्यूएफआई में हुई संजय सिंह की एंट्री जो बृजभूषण के खास माने जाते हैं। विनेश फिर उठ खड़ी हुईं। शेरनी की तरह दहाड़ने। हालांकि, नतीजा कुछ नहीं निकला।
मैट पर दिया जवाब
विनेश के अंदर आग थी। आग सुनवाई न होने, आग इंसाफ न मिलने की। इस आग को उन्होंने पेरिस ओलंपिक में निकाला और 50 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। विनेश का कम से कम सिल्वर मेडल पक्का था। हालांकि, वह गोल्ड की दावेदार थीं। सब कुछ ठीक था। फाइनल में पहुंचने के बाद विनेश का मैट पर जो जश्न था, जो रोना था वो उनका दर्द बयां कर रहा था। उन्होंने अपने विरोधियों को जवाब दे दिया था। लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। फाइनल मुकाबले की सुबह हुए वजन में विनेश का वजन 100 ग्राम ज्यादा निकला।
विनेश डिस्क्वालिफाई हो चुकी थीं। पूरे देश को धक्का लगा था। मेडल के पास आकर विनेश चूक गई थीं। इसके बाद विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला किया। विनेश ने फैसले के खिलाफ अपील की। लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।
भारत में हुआ स्वागत
विनेश ने जब भारत में कदम रखा तो उनका जोरदार स्वागत हुआ। इस दौरान एयरपोर्ट पर लेने उन्हें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा पहुंचे थे। तभी से ये माना जाने लगा था कि बजरंग और विनेश कांग्रेस के साथ जाएंगे और आखिरकार ऐसा हो गया।
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